अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2021 के सामान्य ज्ञान विषय का पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार आयोग सदस्य बाबू लाल कटारा का नाम अभी भी आयोग की अधिकृत वेबसाइट पर सदस्य के रूप में है. आयोग की डिग्निटेरी सूची से उनका नाम नहीं हटाया गया है और ना ही आयोग की ओर से कटारा के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज करवाया गया है. आइए जानते हैं क्या है वजह...
कटारा की गिरफ्तारी के बाद से आयोग में सदस्य की संख्या चेयरमैन समेत 4 ही रह गई है. आरपीएससी पेपर लीक प्रकरण में वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2021 का सामान्य ज्ञान का पेपर लीक के प्रकरण में गिरफ्तार कटारा की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उनके सरकारी आवास पर जांच पड़ताल की है. 18 अप्रैल को कटारा गिरफ्तार हुए थे. 48 दिनों बाद आयोग के सदस्य कटारा का अजमेर में सरकारी आवास सीज किया गया. इससे पहले ईडी ने 10 घंटे सरकारी आवास में कार्रवाई की है.
पढ़ेंः RPSC Paper Leak Cases: बाबूलाल कटारा के सरकारी आवास पर ईडी की कार्रवाई, मनी लॉड्रिंग का शक
ये है वजह: दरअसल राजस्थान लोक सेवा आयोग संवैधानिक संस्था है. इसमें आयोग के चेयरमैन और सदस्यों को हटाने के लिए संवैधानिक प्रक्रिया ही होती है. राज्य सरकार आयोग के चेयरमैन और सदस्य को नहीं हटा सकती है. राज्य सरकार ने इस मामले में राष्ट्रपति को लिखकर उनसे आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा के प्रकरण में लिप्तता बताते हुए आग्रह किया कि उसे पद से बर्खास्त किया जाए. हालांकि अभी तक कटारा को हटाने संबंधी कोई आदेश राष्ट्रपति कार्यालय से नहीं आया है.
पढ़ेंः बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी पर सचिन पायलट बोले- जांच हो, किसकी सिफारिश पर बने RPSC सदस्य
आयोग ने भी नहीं करवाया प्रकरण दर्जः बाबूलाल कटारा के पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद भी आयोग ने कोई प्रकरण दर्ज नहीं करवाया है. पेपर लीक के संबंध में प्रकरण सामने आया कि आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा के सरकारी आवास से पहली दफा पेपर लीक हुआ था. यहां कटारा के भांजे विजय कटारा ने हाथों से लिख कर प्रश्न पत्र की प्रति तैयार की थी. यह प्रति शेर सिंह मीणा को बेच दी थी. अनुसंधान में यह सब खुलासा होने के उपरांत भी आयोग ने कटारा के खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं करवाया.
पढ़ेंः ED का आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा के घर पर छापा, CRPF के जवान घर के बाहर हैं तैनात
आयोग का कामकाज प्रभावितः कटारा की गिरफ्तारी के बाद आयोग में चेयरमैन संजय क्षोत्रिय, सदस्य डॉ संगीता आर्य, डॉ जसवंत सिंह राठी और डॉ मंजू शर्मा ही रह गए हैं. जबकि आयोग के लिए चेयरमैन समेत 7 सदस्य होते हैं. आयोग में सदस्य की कमी के कारण आयोग का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. आगामी दिनों में होने वाले परीक्षाएं और इंटरव्यू प्रभावित होंगे. वहीं राज्य सरकार भी आयोग में सदस्यों के रिक्त पदों को भरने में रुचि नहीं दिखा रही है. बता दें कि पूर्व कार्यकारी चेयरमैन शिव सिंह राठौड़, सदस्य रामू राम रायका, सदस्य राजकुमारी गुर्जर का कार्यकाल पूरा होने के बाद से ही आयोग में तीन सदस्यों के पद रिक्त चल रहे थे.