अजमेर. जिले के कायस्थ मोहल्ले में 500 वर्षों से मंदिर में बिराजी बिजासन माता अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है. बिजासन माता में लोगों की अटूट आस्था है. मान्यता है कि शारारिक रूप से लाचार व्यक्तियों और बच्चों को मंदिर में लाकर माता की पूजा-अर्चना करवाने से उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलता है. शनिवार को माई साते के पर्व पर बिजासन माता के मेले में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा.
बता दें कि प्राचीन बिजासन माता मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है. लोगों का विश्वास है कि माता के दर पर आकर यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना करने पर लोगों के बिगड़े काम संवर जाते हैं. इस मंदिर को लेकर लोगों में मान्यता है कि यहां शारीरिक रूप से लाचार व्यक्ति खासकर बच्चों को माता का आशीर्वाद मिलता है. माता के आशीर्वाद से उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलता है. यही वजह है कि सभी धर्मों के लोग यहां दूर-दूर से माता के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.
शनिवार का दिन माता के भक्तों के लिए विशेष दिन रहा. मौका था माई साते के वार्षिक मेले का. इस दौरान पुरुष और महिलाएं हाथों में पूजा की थाली लिए माता की पूजा-अर्चना करने के लिए सुबह से ही मंदिर में कतारबद्ध खड़े नजर आए. खास बात ये कि मंदिर में पूजा करवाने के लिए कोई पुजारी नहीं है. ऐसे में श्रद्धालु खुद ही पूजा करते हैं. बिजासन माता सेवा समिति मंदिर की देखरेख करती हैं.
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समिति के अध्यक्ष विष्णु प्रकाश माथुर ने बताया कि सदियों से बिजासन माता अपने दर पर आने वाले शारीरिक रूप से लाचार व्यक्तियों की पीड़ा हरती आई है. माथुर ने बताया कि मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु नवरात्री के दिनों में माता के दर्शन के लिए आते हैं. राजस्थान में कई जगहों पर ऐसे मंदिर हैं जो अपनी मान्यताओं के लिए जाने जाते हैं. इन प्राचीन मंदिरों को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं.