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उर्स 2024 : दमकल विभाग हुआ अलर्ट, दरगाह क्षेत्र के 270 होटल और गेस्ट हाउस को दिया नोटिस

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर दमकल विभाग ने दरगाह क्षेत्र में 270 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस को अग्निशमन यंत्र नहीं होने पर नोटिस दिए हैं.

Fire department alerted
दमकल विभाग हुआ अलर्ट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2024, 6:48 AM IST

दमकल विभाग हुआ अलर्ट

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर दमकल विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग ने दरगाह क्षेत्र में 270 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस को नोटिस दिए हैं. दरअसल, इन गेस्ट हाउस और होटल में आग बुझाने के कोई भी यंत्र नहीं है. वहीं, तंग गलियां होने के कारण दमकल के वाहन भी उन तक नहीं पंहुच पाते हैं. उर्स ही नहीं आम दिनों में भी दरगाह क्षेत्र में जायरीन की भीड़ रहती है. आग लगने की स्थिति में जान और माल की हानि की संभावना बनी रहती है.

धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर रोज हजारों की संख्या में जायरीन जियारत के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश जायरीन दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में बनी होटल और गेस्ट हाउस में ठहरते हैं. इन क्षेत्रों में लोगों ने घरों को ही होटल गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया. ऐसे में 300 से भी ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में हैं. इसके अलावा अजमेर में भी कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, यानी कुल करीब 450 होटल-गेस्ट हाउस अजमेर में हैं.

जायरीन की बढ़ती हुई संख्या और उनकी सुरक्षा को देखते हुए अग्निशमन विभाग भी सतर्क हो गया है. विभाग ने क्षेत्र में करीब 270 होटल और गेस्ट हाउस को चिन्हित किया है, जहां अग्निशमन यंत्र नहीं है. ऐसे सभी होटल और गेस्ट हाउस संचालकों को अग्निशमन विभाग की ओर से नोटिस दिए गए हैं. शुरुआत में तो होटल और गेस्ट हाउस संचालकों ने अग्निशमन विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद विभाग की ओर से संचालकों को रिमाइंडर भी दिया गया. विभाग ने 2 दिन का शिविर लगाकर करीब 200 होटल और गेस्ट हाउस संचालकों से आवेदन करवाया.

इसे भी पढ़ें : कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश, केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग के सचिव ने की उर्स 2023 की तैयारियों की समीक्षा

नहीं पहुंच पाते दमकल वाहन : दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके काफी सकड़े हैं. वहीं, अतिक्रमण और लोगों की आवाजाही के कारण आग लगने की स्थिति में अग्निशमन वाहन यहां पहुंच नहीं पाते हैं. ऐसे में दमकल विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक गेस्ट हाउस और होटल में अग्निशमन यंत्र मौजूद रहे ताकि आग लगने की स्थिति में अग्निशमन यंत्र के माध्यम से आग पर काबू पाया जा सके.

अतिरिक्त फायर ब्रिगेड अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि किसी भी इंडस्ट्री, कमर्शियल बिल्डिंग या होटल गेस्ट हाउस में अग्निशमन के इंतजाम होना बहुत ही जरूरी है. दरगाह क्षेत्र और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में होटल और गेस्ट हाउस संचालित हैं. दरगाह बाजार, अंदरकोट, नला बाजार, दरगाह के चारों और का परिसर, डिग्गी बाजार, पन्नी ग्राम चौक, देहली गेट, गंज, लोंगिया, आगरा गेट, नया बाजार, कोतवाली क्षेत्र, मदार गेट समेत कई क्षेत्र हैं जहां होटल और गेस्ट हाउस संचालित हैं और ये क्षेत्र काफी तंग हैं. इन होटल और गेस्ट हाउस में बड़ी संख्या में जायरीन ठहरते हैं. आग लगने की स्थिति में जान और माल के बड़े नुकसान की संभावना बनी रहती है. इसलिए नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर विभाग सभी होटल और गेस्ट हाउस में अग्निशमन यंत्र लगवाने का प्राथमिकता से प्रयास कर रहा है.

दमकल विभाग हुआ अलर्ट

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर दमकल विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग ने दरगाह क्षेत्र में 270 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस को नोटिस दिए हैं. दरअसल, इन गेस्ट हाउस और होटल में आग बुझाने के कोई भी यंत्र नहीं है. वहीं, तंग गलियां होने के कारण दमकल के वाहन भी उन तक नहीं पंहुच पाते हैं. उर्स ही नहीं आम दिनों में भी दरगाह क्षेत्र में जायरीन की भीड़ रहती है. आग लगने की स्थिति में जान और माल की हानि की संभावना बनी रहती है.

धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर रोज हजारों की संख्या में जायरीन जियारत के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश जायरीन दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में बनी होटल और गेस्ट हाउस में ठहरते हैं. इन क्षेत्रों में लोगों ने घरों को ही होटल गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया. ऐसे में 300 से भी ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में हैं. इसके अलावा अजमेर में भी कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, यानी कुल करीब 450 होटल-गेस्ट हाउस अजमेर में हैं.

जायरीन की बढ़ती हुई संख्या और उनकी सुरक्षा को देखते हुए अग्निशमन विभाग भी सतर्क हो गया है. विभाग ने क्षेत्र में करीब 270 होटल और गेस्ट हाउस को चिन्हित किया है, जहां अग्निशमन यंत्र नहीं है. ऐसे सभी होटल और गेस्ट हाउस संचालकों को अग्निशमन विभाग की ओर से नोटिस दिए गए हैं. शुरुआत में तो होटल और गेस्ट हाउस संचालकों ने अग्निशमन विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद विभाग की ओर से संचालकों को रिमाइंडर भी दिया गया. विभाग ने 2 दिन का शिविर लगाकर करीब 200 होटल और गेस्ट हाउस संचालकों से आवेदन करवाया.

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नहीं पहुंच पाते दमकल वाहन : दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाके काफी सकड़े हैं. वहीं, अतिक्रमण और लोगों की आवाजाही के कारण आग लगने की स्थिति में अग्निशमन वाहन यहां पहुंच नहीं पाते हैं. ऐसे में दमकल विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि प्रत्येक गेस्ट हाउस और होटल में अग्निशमन यंत्र मौजूद रहे ताकि आग लगने की स्थिति में अग्निशमन यंत्र के माध्यम से आग पर काबू पाया जा सके.

अतिरिक्त फायर ब्रिगेड अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि किसी भी इंडस्ट्री, कमर्शियल बिल्डिंग या होटल गेस्ट हाउस में अग्निशमन के इंतजाम होना बहुत ही जरूरी है. दरगाह क्षेत्र और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में होटल और गेस्ट हाउस संचालित हैं. दरगाह बाजार, अंदरकोट, नला बाजार, दरगाह के चारों और का परिसर, डिग्गी बाजार, पन्नी ग्राम चौक, देहली गेट, गंज, लोंगिया, आगरा गेट, नया बाजार, कोतवाली क्षेत्र, मदार गेट समेत कई क्षेत्र हैं जहां होटल और गेस्ट हाउस संचालित हैं और ये क्षेत्र काफी तंग हैं. इन होटल और गेस्ट हाउस में बड़ी संख्या में जायरीन ठहरते हैं. आग लगने की स्थिति में जान और माल के बड़े नुकसान की संभावना बनी रहती है. इसलिए नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर विभाग सभी होटल और गेस्ट हाउस में अग्निशमन यंत्र लगवाने का प्राथमिकता से प्रयास कर रहा है.

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