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कोरोना से बचावः रमजान के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील - ajmer news

24-25 अप्रैल से रमजान शुरू होने जा रहा है. ऐसे में अजमेर के नसीराबाद में शहर काजी मोहम्मद फुरकान खान ने सभी से अपील की है कि वो घर पर ही रहकर नमाज अदा करें और लॉकडाउन की पालना करें.

अजमेर नसीराबाद न्यूज, ajmer news
पवित्र रमजान में घरों में ही इबादत करने का आग्रह
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Published : Apr 23, 2020, 8:13 PM IST

नसीराबाद (अजमेर). देश में कोरोना संक्रमण के मध्य नजर जारी लॉकडाउन का असर धार्मिक स्थलों पर पड़ रहा है. सभी धार्मिक स्थलों पर ताले लटके हुए हैं. वहीं सभी समुदायों के त्योहार भी घरों में मनाये जाने और इस दौरान सोशल डिस्टेंस की पालना किये जाने की कड़ी हिदायत दी जा रही है.

पवित्र रमजान में घरों में ही इबादत करने का आग्रह

लॉकडाउन का असर वैवाहिक शुभ मुहूर्तों और नवरात्र के बाद अब आखा तीज और पवित्र रमजान माह पर भी पड़ेगा. 24-25 अप्रैल से रमजान शुरू हो रहा है, जिसमें मस्जिदों में नमाज नहीं अदा की जा सकेगी. मस्जिदों में ताले हैं और ऊपर से पुलिस का पहरा भी है.

पढ़ेंः कोटा में फंसे बच्चों को लेने के लिए असम से जयपुर पहुंचा चार्टर विमान

यही हाल लॉकडाउन के चलते नवरात्र में भी रहा था. साथ ही अप्रैल और मई माह के शुभ वैवाहिक मुहूर्तों को भी टाल चुके हैं. फिलहाल हालातों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वो अपने घरों में रहकर ही इबादत करें, ताकि मिलकर देश में कोरोना को हराया जा सके.

बता दें कि नसीराबाद विधान क्षेत्र की आबादी करीब डेढ़ लाख से ज्यादा है. वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 20 हजार से ज्यादा मुस्लिम वर्ग की आबादी है. वहीं कस्बे के फुलांगज क्षेत्र में स्थित जामा मस्जिद क्षेत्र की सबसे बड़ी मस्जिद में शुमार है.

पढ़ेंः जोधपुर में खुलेआम हो रहा लाॅकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग का उल्लंघन

शहर काजी मोहम्मद फुरकान खान ने बताया कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पुलिस और प्रशासन के सहयोग के लिए पूरा समाज तैयार है. उन्होंने बताया कि मस्जिदों में भी ऐलान किया गया था और समुदाय के सभी लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना संकट से देश को मुक्ति दिलाने की इबादत के साथ अपने घरों में ही नमाज अदा करें.

नसीराबाद (अजमेर). देश में कोरोना संक्रमण के मध्य नजर जारी लॉकडाउन का असर धार्मिक स्थलों पर पड़ रहा है. सभी धार्मिक स्थलों पर ताले लटके हुए हैं. वहीं सभी समुदायों के त्योहार भी घरों में मनाये जाने और इस दौरान सोशल डिस्टेंस की पालना किये जाने की कड़ी हिदायत दी जा रही है.

पवित्र रमजान में घरों में ही इबादत करने का आग्रह

लॉकडाउन का असर वैवाहिक शुभ मुहूर्तों और नवरात्र के बाद अब आखा तीज और पवित्र रमजान माह पर भी पड़ेगा. 24-25 अप्रैल से रमजान शुरू हो रहा है, जिसमें मस्जिदों में नमाज नहीं अदा की जा सकेगी. मस्जिदों में ताले हैं और ऊपर से पुलिस का पहरा भी है.

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यही हाल लॉकडाउन के चलते नवरात्र में भी रहा था. साथ ही अप्रैल और मई माह के शुभ वैवाहिक मुहूर्तों को भी टाल चुके हैं. फिलहाल हालातों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वो अपने घरों में रहकर ही इबादत करें, ताकि मिलकर देश में कोरोना को हराया जा सके.

बता दें कि नसीराबाद विधान क्षेत्र की आबादी करीब डेढ़ लाख से ज्यादा है. वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 20 हजार से ज्यादा मुस्लिम वर्ग की आबादी है. वहीं कस्बे के फुलांगज क्षेत्र में स्थित जामा मस्जिद क्षेत्र की सबसे बड़ी मस्जिद में शुमार है.

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शहर काजी मोहम्मद फुरकान खान ने बताया कि कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. पुलिस और प्रशासन के सहयोग के लिए पूरा समाज तैयार है. उन्होंने बताया कि मस्जिदों में भी ऐलान किया गया था और समुदाय के सभी लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना संकट से देश को मुक्ति दिलाने की इबादत के साथ अपने घरों में ही नमाज अदा करें.

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