अजमेर. मराठा काल में कई मंदिरों का निर्माण मराठों ने निर्माण कराया गया था. जिसमें अधिकतर शिव मंदिर हैं. इन शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग बड़ी आस्था के साथ में पूजा-पाठ करते हैं. अजमेर में मुख्य रूप से 4 मंदिर मराठाओं ने बनवाया था. जिसमें धर्मेश्वर महादेव मंदिर, शांतेश्वर महादेव मंदिर, अर्थ चंद्रेश्वर महादेव मंदिर और श्री राज राजेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं.
शिवरात्रि के अवसर पर विशेष रूप में इन मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं. इस बार भी महशिवरात्रि पर भी इन चारों मंदिरों में आयोजन हुए और भक्तगण दर्शनों के लिए पहुंचे. सुबह से ही श्री झरनेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग गई. भोले बाबा के जयकारे के भजनों ने सबका मन मोह लिया. यहां पर करीब 10 साल पहले रुद्राक्ष और बिल्व पत्र के पेड़ भक्तों की ओर से लगाए गए थे. यह पेड़ अब बड़े हो चुके हैं.
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रुद्राक्ष के पेड़ पर रुद्राक्ष भी आते हैं और स्वत: ही गिर जाते हैं, जिन्हें शिव भक्त अपने गले में धारण करते हैं. समिति सदस्यों का कहना है कि उन्होंने रुद्राक्ष के वृक्ष लगाने का प्रयास किया था, जो महादेव की कृपा से जीवित हैं. अंदरकोट में स्थित श्री झरनेश्वर महादेव मंदिर में महादेव बाल रूप में विराजमान हैं. मराठा काल में बने इस मंदिर में बरसों से महाशिवरात्रि का मुख्य मेला भरता है.
मंदिर सचिव मुकेश चौधरी ने बताया कि भक्तों का मानना है कि यहां पर महादेव के बाल रूप के दर्शन होते हैं, जो भी मनोकामना यहां मांगी जाती है वो भोलेनाथ जरूर पूरी करते हैं.