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ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स: गौरी परिवार के बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने के साथ हुई अनौपचारिक शुरुआत - Rajasthan hindi news

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स (811th Urs of Khwaja Moinuddin Hasan Chishti) की अनौपचारिक शुरुआत बुधवार को गौरी परिवार के बलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ हो गई. इस दौरान जुलूस भी निकाला गया.

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स
ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स
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Published : Jan 18, 2023, 7:53 PM IST

Updated : Jan 19, 2023, 11:37 AM IST

उर्स शुरू

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ बुधवार 18 जनवरी को हो गई है. इसके बाद से ही देश और दुनिया से ख्वाजा के उर्स में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंच रहे हैं. उर्स के दौरान खास रस्में निभाई जाती हैं. इसमें बढ़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल होते हैं और दरगाह पर फूलों की चादर चढ़ाते हैं.

ख्वाजा गरीब नवाज के 811वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत आज से हो गई है. भीलवाड़ा के गौरी परिवार की ओर से बुधवार को दरगाह परिसर में सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाया गया. इस मौके पर हजारों की संख्या में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी. दरगाह गेस्ट हाउस से जुलूस के रूप में बैंड-बाजों के साथ करीब 3 मीटर लंबा झंडा हजारों लोगों की मौजूदगी में बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया. इस दौरान झंडे को छूने और चूमने के लिए अकीदतमंदों में होड़ मची रही.

पढ़ें. Urs 2023 : झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ कल से होगी उर्स की अनौपचारिक शुरुआत, जानें क्या है परंपरा

निज़ाम गेट से होता हुआ जुलूस बुलंद दरवाजे पर पंहुचा औऱ फिर दरगाह तक गया. भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरगाह परिसर में हजारों की संख्या में अकीदत मंद मौजूद थे. उससे ज्यादा संख्या में अकीदतमंद दरगाह के बाहर खड़े थे. झंडा चढ़ाने के बाद गौरी परिवार ने ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर हाजरी लगाई और मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए.

पढ़ें. Ajmer Dargah Urs: ख्वाजा गरीब नवाज के 811वें उर्स की तैयारियां पूरी, कल झंडा चढ़ाने की रस्म अदायगी, जानें क्यों मनाते हैं उर्स

मलंगों ने दिखाए करतब: देश के कोने-कोने से आने वाले मलंगों ने जुलूस के आगे अपने हैरतअंगेज करतब दिखाए. मलंगों के करतब देखने के लिए लोगों में उत्साह रहा. लोग मलंगों के करतबों को अपने मोबाइल पर कैद करते नजर आए.

भवनात्मक हुआ माहौल: दरगाह परिसर में सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने के साथ ही अकीदतमंद ख्वाजा गरीब नवाज की मोहब्बत में नजर आए. हक मोइन या मोइन के नारों से दरगाह परिसर गूंज उठा. झंडा जब चढ़ाया गया तब अकीदतमंदों ने ख्वाजा गरीब नवाज से अपने और अपने परिवार की खुशहाली और तरक्की की दुआ मांगी. दरगाह में देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ की गई.

रजब का चांद दिखने पर होगी उर्स की शुरुआत- रजब का चांद देखने के बाद उर्स की विधिवत शुरुआत होगी. इसी दिन साल में 4 मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी जायरीन के लिए खोल दिया जाएगा. वहीं, दरगाह में खिदमत का समय भी बदल जाएगा. उर्स में महफिल खाने में दीवान की सदारत में परंपरागत महफ़िले छठी के दिन कुल की रस्म के दिन तक होंगी. देशभर से कई कव्वाल भी ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कलाम पेश करेंगे.

हर आम और खास पेश करेंगे दरगाह में चादर- खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि उर्स के आगाज से एक दिन पहले ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से वर्षभर चढ़ा संदल उतारा जाएगा. मजार से उतारे गए संदल को खादिम जायरीन में तकसीम करते हैं. उन्होंने बताया कि उर्स के पहले दिन से आम और खास लोगों की ओर मजार शरीफ पर चादर पेश करने का सिलसिला जारी रहेगा. इस दौरान पीएम, राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ओर से भी चादर पेश होंगी. कांग्रेस, बीजेपी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों की अध्यक्षों की ओर से भी दरगाह में चादर उर्स के दौरान पेश की जाएगी. इस क्रम में भारतीय सिनेमा जगत की ओर से भी ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में धूमधाम से चादर पेश की जाएगी.

बदलेगा खिदमत का समय- खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि आम दिनों में दिन के वक्त खिदमत का समय रहता है. खिदमत को दरगाह के खादिम अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि उर्स की शुरुआत होते ही दरगाह में खिदमत का समय बदल जाएगा. रात्रि को ही मजार शरीफ को गुसल दिया जाएगा. इस दौरान आस्ताने को कुछ देर के लिए बंद किया जाता है. खिदमत के समय को छोड़ 24 घंटे दरगाह आम जायरीन के लिए खुली रहती है.

उर्स शुरू

अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 811वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ बुधवार 18 जनवरी को हो गई है. इसके बाद से ही देश और दुनिया से ख्वाजा के उर्स में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह पहुंच रहे हैं. उर्स के दौरान खास रस्में निभाई जाती हैं. इसमें बढ़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल होते हैं और दरगाह पर फूलों की चादर चढ़ाते हैं.

ख्वाजा गरीब नवाज के 811वें उर्स की अनौपचारिक शुरुआत आज से हो गई है. भीलवाड़ा के गौरी परिवार की ओर से बुधवार को दरगाह परिसर में सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाया गया. इस मौके पर हजारों की संख्या में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी. दरगाह गेस्ट हाउस से जुलूस के रूप में बैंड-बाजों के साथ करीब 3 मीटर लंबा झंडा हजारों लोगों की मौजूदगी में बुलंद दरवाजे पर चढ़ाया गया. इस दौरान झंडे को छूने और चूमने के लिए अकीदतमंदों में होड़ मची रही.

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निज़ाम गेट से होता हुआ जुलूस बुलंद दरवाजे पर पंहुचा औऱ फिर दरगाह तक गया. भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरगाह परिसर में हजारों की संख्या में अकीदत मंद मौजूद थे. उससे ज्यादा संख्या में अकीदतमंद दरगाह के बाहर खड़े थे. झंडा चढ़ाने के बाद गौरी परिवार ने ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर हाजरी लगाई और मखमली चादर एवं अकीदत के फूल पेश किए.

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मलंगों ने दिखाए करतब: देश के कोने-कोने से आने वाले मलंगों ने जुलूस के आगे अपने हैरतअंगेज करतब दिखाए. मलंगों के करतब देखने के लिए लोगों में उत्साह रहा. लोग मलंगों के करतबों को अपने मोबाइल पर कैद करते नजर आए.

भवनात्मक हुआ माहौल: दरगाह परिसर में सबसे ऊंची इमारत बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने के साथ ही अकीदतमंद ख्वाजा गरीब नवाज की मोहब्बत में नजर आए. हक मोइन या मोइन के नारों से दरगाह परिसर गूंज उठा. झंडा जब चढ़ाया गया तब अकीदतमंदों ने ख्वाजा गरीब नवाज से अपने और अपने परिवार की खुशहाली और तरक्की की दुआ मांगी. दरगाह में देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ की गई.

रजब का चांद दिखने पर होगी उर्स की शुरुआत- रजब का चांद देखने के बाद उर्स की विधिवत शुरुआत होगी. इसी दिन साल में 4 मर्तबा खुलने वाला जन्नती दरवाजा भी जायरीन के लिए खोल दिया जाएगा. वहीं, दरगाह में खिदमत का समय भी बदल जाएगा. उर्स में महफिल खाने में दीवान की सदारत में परंपरागत महफ़िले छठी के दिन कुल की रस्म के दिन तक होंगी. देशभर से कई कव्वाल भी ख्वाजा गरीब नवाज की शान में कलाम पेश करेंगे.

हर आम और खास पेश करेंगे दरगाह में चादर- खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि उर्स के आगाज से एक दिन पहले ख्वाजा गरीब नवाज की मजार से वर्षभर चढ़ा संदल उतारा जाएगा. मजार से उतारे गए संदल को खादिम जायरीन में तकसीम करते हैं. उन्होंने बताया कि उर्स के पहले दिन से आम और खास लोगों की ओर मजार शरीफ पर चादर पेश करने का सिलसिला जारी रहेगा. इस दौरान पीएम, राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्रियों के अलावा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ओर से भी चादर पेश होंगी. कांग्रेस, बीजेपी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों की अध्यक्षों की ओर से भी दरगाह में चादर उर्स के दौरान पेश की जाएगी. इस क्रम में भारतीय सिनेमा जगत की ओर से भी ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में धूमधाम से चादर पेश की जाएगी.

बदलेगा खिदमत का समय- खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि आम दिनों में दिन के वक्त खिदमत का समय रहता है. खिदमत को दरगाह के खादिम अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि उर्स की शुरुआत होते ही दरगाह में खिदमत का समय बदल जाएगा. रात्रि को ही मजार शरीफ को गुसल दिया जाएगा. इस दौरान आस्ताने को कुछ देर के लिए बंद किया जाता है. खिदमत के समय को छोड़ 24 घंटे दरगाह आम जायरीन के लिए खुली रहती है.

Last Updated : Jan 19, 2023, 11:37 AM IST

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