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कोहली की निगाहें अंतिम किला जीतने पर, लेकिन ये है परेशानी का सबब

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Published : Dec 25, 2021, 7:33 PM IST

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाली टेस्ट सीरीज कई मायने में महत्वपूर्ण है. ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उन्हीं के देश में हराकर दक्षिण अफ्रीका के हौसले बुलंद हैं. ऐसे में रविवार को शुरू होने वाले टेस्ट मैच के लिए टीम के सही संयोजन के साथ कप्तान विराट कोहली को उतरना होगा.

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India-South Africa Test

सेंचुरियन: आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उसकी धरती पर शिकस्त देने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय टीम के लिए रविवार को बॉक्सिंग डे से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए सही संयोजन के साथ मैदान पर उतरना एक चुनौती होगी. कप्तान विराट कोहली के लिए पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में कम अनुभवी श्रेयस अय्यर और अनुभवी लेकिन खराब फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे में से किसी एक का चयन करना आसान नहीं होगा.

यही नहीं पांचवें गेंदबाज के रूप में शार्दुल ठाकुर या इशांत शर्मा में से किसी एक को चुनने के लिए भी माथापच्ची करनी होगी. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम प्रबंधन ने रहाणे और इशांत को चोटिल बताकर बाहर कर दिया था, लेकिन यदि वे रविवार को अंतिम एकादश में स्थान नहीं बना पाते हैं तो यही माना जाएगा कि उन्हें बाहर किया गया है.

यह भी पढ़ें: Boxing Day: क्या होता है, बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच?

बताते चलें, भारत ने दक्षिण अफ्रीका का पहला दौरा साल 1992 में किया था. लेकिन वह अभी तक यहां टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है. ऐसे में कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.

दक्षिण अफ्रीका अब पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मजबूत टीम नहीं रही, क्योंकि पिछले कुछ साल से वह परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. इसे देखते हुए कोहली और उनकी टीम के लिए इसे बेहतरीन मौका माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: द्रविड ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन का खुलासा करने से किया इनकार

भारतीय टीम अपनी प्रतिंद्वंद्वी टीम से बेहतर नजर आती है और अगर वह मैदान पर भी खुद को बेहतर साबित करती है तो वह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने में भी सफल रहेगी.

भारतीय टीम विशेषकर कोहली के लिए यह सीरीज कई मायनों में महत्वपूर्ण है. वे इसे यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे. कोहली उस टीम के खिलाफ अपना दबदबा बनाने की कोशिश करेंगे, जिसके केवल दो खिलाड़ियों कप्तान डीन एल्गर (69 टेस्ट) और विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (53 टेस्ट) ने ही 50 से अधिक मैच खेले हैं.

भारत के लिए अच्छी खबर है कि कैगिसो रबाडा का साथ देने के लिए विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक एनरिच नोर्किया नहीं होंगे. जहां तक भारतीय बल्लेबाजों का सवाल है तो उन्हें बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज को लेकर अधिक चिंता नहीं होगी.

यह भी पढ़ें: भारतीय हेड कोच द्रविड़ ने की टेस्ट कप्तान विराट कोहली की तारीफ

कोहली को जहां एक अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही टीम के खिलाफ अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना होगा. वहीं उन्हें स्वयं भी बड़ी पारी खेलनी होगी, क्योंकि वह साल 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाए हैं. इस बीच उनका औसत 30 से कम रहा, जो उनकी ख्याति के अनुकूल नहीं है.

कोहली ने दौरा शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर निशाना साधकर नई चर्चा शुरू कर दी थी. लेकिन जो लोग कोहली को जानते हैं, वे समझते हैं कि इस तरह की घटनाओं से भारतीय कप्तान अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं. कोहली नेट सत्र के दौरान अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे. साथ ही वह चाहेंगे कि उप कप्तान केएल राहुल इंग्लैंड के अपने प्रदर्शन को दोहराएं और चेतेश्वर पुजारा भी बड़ा स्कोर खड़ा करें.

यह भी पढ़ें: अफ्रीकी सरजमीं पर भारतीय टीम के पास सीरीज जीतने का सुनहरा मौका

नंबर पांच बल्लेबाज के लिए रहाणे पर अय्यर का पलड़ा भारी नजर आता है, लेकिन यहां उन्हें डुआने ओलिवर जैसे गेंदबाज की गुडलेंथ गेंदों से जूझना होगा. सेंचुरियन की पिच वैसे भी मैच आगे बढ़ने पर तेज होती जाती है. ऋषभ पंत भी विषम परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं और अगर वह स्पिनर महाराज पर एक हाथ के सहारे छक्के जड़ते हैं तो कप्तान कोहली को भी कोई दिक्कत नहीं होगी. भारतीय बल्लेबाजों को हालांकि रबाडा और डुआने से सतर्क रहने की जरूरत है.

जसप्रीत बुमराह अपनी तेज गेंदबाजी से दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा कर सकते हैं. वह विश्राम के बाद वापसी कर रहे हैं तथा एल्गर, तेम्बा बावुमा और डिकॉक जैसे बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेने के लिये तैयार हैं. यदि बुमराह और मोहम्मद शमी शीर्ष क्रम पर हावी हो जाते हैं तो दक्षिण अफ्रीका के बाकी बल्लेबाजों के लिए रविचंद्रन अश्विन का सामना करना आसान नहीं होगा.

यह भी पढ़ें: क्या 29 साल की तलब मिटा पाएगी टीम इंडिया? जानिए क्या कहते हैं आंकड़े

टीम इस प्रकार हैं:

भारत: विराट कोहली (कप्तान), केएल राहुल (उप कप्तान), मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), जयंत यादव, प्रियांक पांचाल, उमेश यादव, हनुमा विहारी और इशांत शर्मा में से.

दक्षिण अफ्रीका: डीन एल्गर (कप्तान), तेम्बा बावुमा (उपकप्तान), क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), कैगिसो रबाडा, सरेल एरवी, बेउरन हेंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, एडेन मार्कराम, वियान मुल्डर, कीगन पीटरसन, रासी वैन डर डूसेन, काइल वेरेने, मार्को जेन्सन, ग्लेनटन स्टुरमैन, प्रेनेलन सुब्रायन, सिसांडा मगला, रेयान रिकेलटन और डुआने ओलिवर में से.

मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा.

सेंचुरियन: आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उसकी धरती पर शिकस्त देने के बाद अब दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने के लिए प्रतिबद्ध भारतीय टीम के लिए रविवार को बॉक्सिंग डे से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए सही संयोजन के साथ मैदान पर उतरना एक चुनौती होगी. कप्तान विराट कोहली के लिए पांचवें नंबर के बल्लेबाज के रूप में कम अनुभवी श्रेयस अय्यर और अनुभवी लेकिन खराब फॉर्म में चल रहे अजिंक्य रहाणे में से किसी एक का चयन करना आसान नहीं होगा.

यही नहीं पांचवें गेंदबाज के रूप में शार्दुल ठाकुर या इशांत शर्मा में से किसी एक को चुनने के लिए भी माथापच्ची करनी होगी. न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट में भारतीय टीम प्रबंधन ने रहाणे और इशांत को चोटिल बताकर बाहर कर दिया था, लेकिन यदि वे रविवार को अंतिम एकादश में स्थान नहीं बना पाते हैं तो यही माना जाएगा कि उन्हें बाहर किया गया है.

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बताते चलें, भारत ने दक्षिण अफ्रीका का पहला दौरा साल 1992 में किया था. लेकिन वह अभी तक यहां टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है. ऐसे में कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान बनने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे.

दक्षिण अफ्रीका अब पहले की तरह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मजबूत टीम नहीं रही, क्योंकि पिछले कुछ साल से वह परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. इसे देखते हुए कोहली और उनकी टीम के लिए इसे बेहतरीन मौका माना जा रहा है.

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भारतीय टीम अपनी प्रतिंद्वंद्वी टीम से बेहतर नजर आती है और अगर वह मैदान पर भी खुद को बेहतर साबित करती है तो वह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने में भी सफल रहेगी.

भारतीय टीम विशेषकर कोहली के लिए यह सीरीज कई मायनों में महत्वपूर्ण है. वे इसे यादगार बनाने के लिए प्रतिबद्ध होंगे. कोहली उस टीम के खिलाफ अपना दबदबा बनाने की कोशिश करेंगे, जिसके केवल दो खिलाड़ियों कप्तान डीन एल्गर (69 टेस्ट) और विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक (53 टेस्ट) ने ही 50 से अधिक मैच खेले हैं.

भारत के लिए अच्छी खबर है कि कैगिसो रबाडा का साथ देने के लिए विश्व के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक एनरिच नोर्किया नहीं होंगे. जहां तक भारतीय बल्लेबाजों का सवाल है तो उन्हें बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज को लेकर अधिक चिंता नहीं होगी.

यह भी पढ़ें: भारतीय हेड कोच द्रविड़ ने की टेस्ट कप्तान विराट कोहली की तारीफ

कोहली को जहां एक अपेक्षाकृत कमजोर मानी जा रही टीम के खिलाफ अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना होगा. वहीं उन्हें स्वयं भी बड़ी पारी खेलनी होगी, क्योंकि वह साल 2019 से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं लगा पाए हैं. इस बीच उनका औसत 30 से कम रहा, जो उनकी ख्याति के अनुकूल नहीं है.

कोहली ने दौरा शुरू होने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर निशाना साधकर नई चर्चा शुरू कर दी थी. लेकिन जो लोग कोहली को जानते हैं, वे समझते हैं कि इस तरह की घटनाओं से भारतीय कप्तान अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित होते हैं. कोहली नेट सत्र के दौरान अच्छी फॉर्म में दिख रहे थे. साथ ही वह चाहेंगे कि उप कप्तान केएल राहुल इंग्लैंड के अपने प्रदर्शन को दोहराएं और चेतेश्वर पुजारा भी बड़ा स्कोर खड़ा करें.

यह भी पढ़ें: अफ्रीकी सरजमीं पर भारतीय टीम के पास सीरीज जीतने का सुनहरा मौका

नंबर पांच बल्लेबाज के लिए रहाणे पर अय्यर का पलड़ा भारी नजर आता है, लेकिन यहां उन्हें डुआने ओलिवर जैसे गेंदबाज की गुडलेंथ गेंदों से जूझना होगा. सेंचुरियन की पिच वैसे भी मैच आगे बढ़ने पर तेज होती जाती है. ऋषभ पंत भी विषम परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं और अगर वह स्पिनर महाराज पर एक हाथ के सहारे छक्के जड़ते हैं तो कप्तान कोहली को भी कोई दिक्कत नहीं होगी. भारतीय बल्लेबाजों को हालांकि रबाडा और डुआने से सतर्क रहने की जरूरत है.

जसप्रीत बुमराह अपनी तेज गेंदबाजी से दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा कर सकते हैं. वह विश्राम के बाद वापसी कर रहे हैं तथा एल्गर, तेम्बा बावुमा और डिकॉक जैसे बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेने के लिये तैयार हैं. यदि बुमराह और मोहम्मद शमी शीर्ष क्रम पर हावी हो जाते हैं तो दक्षिण अफ्रीका के बाकी बल्लेबाजों के लिए रविचंद्रन अश्विन का सामना करना आसान नहीं होगा.

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टीम इस प्रकार हैं:

भारत: विराट कोहली (कप्तान), केएल राहुल (उप कप्तान), मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, अजिंक्य रहाणे, ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), जयंत यादव, प्रियांक पांचाल, उमेश यादव, हनुमा विहारी और इशांत शर्मा में से.

दक्षिण अफ्रीका: डीन एल्गर (कप्तान), तेम्बा बावुमा (उपकप्तान), क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), कैगिसो रबाडा, सरेल एरवी, बेउरन हेंड्रिक्स, जॉर्ज लिंडे, केशव महाराज, लुंगी एनगिडी, एडेन मार्कराम, वियान मुल्डर, कीगन पीटरसन, रासी वैन डर डूसेन, काइल वेरेने, मार्को जेन्सन, ग्लेनटन स्टुरमैन, प्रेनेलन सुब्रायन, सिसांडा मगला, रेयान रिकेलटन और डुआने ओलिवर में से.

मैच भारतीय समयानुसार दोपहर बाद एक बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा.

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