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BharOS : ये है देश का पहला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम, जानिए पूरा ब्योरा

आईआईटी के हमारे इंजीनियरों ने देश का पहला मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप किया है. इसका नाम BharOS है. वर्तमान में इस OS की सेवाएं उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें निजता और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकताएं हैं, जिनके यूजर उन संवेदनशील जानकारियों का नियंत्रण करते हैं. IIT Madras mobile operating system bharos . bharos OS. what is BharOS how BharOS works BharOS specifications bharos vs android bharos operation system indias own operating system

bharos IIT Madras develops mobile operating system
डिजिटल सुरक्षा
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Published : Jan 24, 2023, 4:30 PM IST

Updated : Jan 24, 2023, 5:27 PM IST

सभी फोन को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होती है. ज्यादातर फोन में Android operating system का इस्तेमाल किया जाता है और एप्पल के फोन में iOS operating systems का इस्तेमाल होता है. लगातार नए ऑपरेटिंग सिस्टम की भी खोज की जा रही है. कई कंपनियों और फ्रीलांसर ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किए हैं, साथ ही कई ऑपरेटिंग सिस्टम विकास के चरण से गुजर रहे हैं. भारत में भी कई ऑपरेटिंग सिस्टम पर अलग-अलग लोगों और संस्थाओं द्वारा काम किया जा रहा है. ऐसा ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम IIT Madras की नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी ने बनाया है जिसका नाम BharOS (भरोस) है.

भारत ने अपना पहला स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS बना लिया है. इसकी टेस्टिंग केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव ने आज की है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो कॉल पर टेस्टिंग की. अश्विनी वैष्णव ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस सफर में काफी मुश्किलें आएंगी और दुनिया भर में कई लोग इन मुश्किलों को लेकर आएंगे, लेकिन हमें उनका डटकर मुकाबला करना है.

भारत का स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम भरोस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की सहायता से चल रहे फर्म द्वारा विकसित किया गया है और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि यह कि आने वाले समय में भरोसे 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल धारकों मोबाइल धारकों को अपनी सुविधाएं प्रदान कर सकेगा, जिससे उनकी निजता और डिस्टर्ब सुरक्षा को मजबूती प्राप्त होगी.

बढ़ते सायबर क्राइम में है फायदेमंद -
भरोस नाम के इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है. यह यूजर के लिए एक सुरक्षा प्रदान करता है. आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि ने कहा, भरोस सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो भरोसे की बुनियाद पर बना है. यह यूजर को केवल उन्हीं ऐप्स को चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों. यह न्यू सिस्टम यूजर को अपने मोबाइल उपकरणों पर सुरक्षा और निजता के बारे में सोच के तरीके में क्रांति लाने का वादा करती है.

Android को देगा टक्कर
भरोस Android OS के समान ही है, लेकिन उपयोगकर्ताओं को Google services के बिना अपने डिवाइस पर ऐप इंस्टॉल की आजादी देता है. इसके अलावा, प्रोफेसर कामकोटि ने कहा, आईआईटी मद्रास हमारे देश में भरोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य निजी उद्योग, सरकारी एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है. BharOS सेवाएं वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें निजता और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकताएं हैं जिनके यूजर उन संवेदनशील जानकारियों का नियंत्रण करते हैं जिनके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है. ऐसे यूजर को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाएं एक्सेस करने की आवश्यकता होती है.

BharOS को जैंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (JandCops) द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है, जो आईआईटी मद्रास की नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है. इस फाउंडेशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( DST ), भारत सरकार द्वारा अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों ( NMICPS ) पर अपने राष्ट्रीय मिशन के तहत वित्त पोषित किया जाता है. यह भारत को उन कुछ देशों के समकक्ष करने की इच्छा रखता है जिनके पास वर्तमान में ऐसी क्षमताएं हैं.

नो डिफॉल्ट ऐप्स- NDA इसकी विशेषता
भरोस में नो डिफॉल्ट ऐप्स ( NDA ) सुविधा है. इसका अर्थ है कि यूजर को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है जिनसे वे परिचित नहीं हो सकते हैं या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह दृष्टिकोण यूजर को उन परमीशन पर अधिक नियंत्रण रखने की स्वतंत्रता देता है जो उनके डिवाइस पर ऐप्स में उपलब्ध हैं, क्योंकि वे केवल उन ऐप्स को परमीशन देना चुन सकते हैं जिन पर वे अपने डिवाइस पर कुछ सुविधाओं या डेटा तक पहुंचने के लिए भरोसा करते हैं.

सिर्फ विश्वसनीय ऐप्स
भरोस संगठन-विशिष्ट प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विसेज ( PAAS ) से विश्वसनीय ऐप्स तक पहुंच प्रदान करता है. पास उन ऐप्स की Curated list तक पहुंच प्रदान करता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और संगठनों के कुछ सुरक्षा और निजता मानकों को पूरा किया है. इसका मतलब यह है कि यूजर आश्वस्त हो सकते हैं कि वे जो ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं और किसी भी संभावित सुरक्षात्मक संवेदनशीलता या गोपनीयता संबंधी चिंताओं की पूरी तरह से जांच की गई है.

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सभी फोन को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होती है. ज्यादातर फोन में Android operating system का इस्तेमाल किया जाता है और एप्पल के फोन में iOS operating systems का इस्तेमाल होता है. लगातार नए ऑपरेटिंग सिस्टम की भी खोज की जा रही है. कई कंपनियों और फ्रीलांसर ने अपने ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किए हैं, साथ ही कई ऑपरेटिंग सिस्टम विकास के चरण से गुजर रहे हैं. भारत में भी कई ऑपरेटिंग सिस्टम पर अलग-अलग लोगों और संस्थाओं द्वारा काम किया जा रहा है. ऐसा ही एक ऑपरेटिंग सिस्टम IIT Madras की नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी ने बनाया है जिसका नाम BharOS (भरोस) है.

भारत ने अपना पहला स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS बना लिया है. इसकी टेस्टिंग केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अश्विनी वैष्णव ने आज की है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वीडियो कॉल पर टेस्टिंग की. अश्विनी वैष्णव ने कुछ सुझाव भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस सफर में काफी मुश्किलें आएंगी और दुनिया भर में कई लोग इन मुश्किलों को लेकर आएंगे, लेकिन हमें उनका डटकर मुकाबला करना है.

भारत का स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम भरोस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास की सहायता से चल रहे फर्म द्वारा विकसित किया गया है और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि यह कि आने वाले समय में भरोसे 100 करोड़ से ज्यादा मोबाइल धारकों मोबाइल धारकों को अपनी सुविधाएं प्रदान कर सकेगा, जिससे उनकी निजता और डिस्टर्ब सुरक्षा को मजबूती प्राप्त होगी.

बढ़ते सायबर क्राइम में है फायदेमंद -
भरोस नाम के इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ हैंडसेट पर इंस्टॉल किया जा सकता है. यह यूजर के लिए एक सुरक्षा प्रदान करता है. आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी कामकोटि ने कहा, भरोस सर्विस एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो भरोसे की बुनियाद पर बना है. यह यूजर को केवल उन्हीं ऐप्स को चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप हों. यह न्यू सिस्टम यूजर को अपने मोबाइल उपकरणों पर सुरक्षा और निजता के बारे में सोच के तरीके में क्रांति लाने का वादा करती है.

Android को देगा टक्कर
भरोस Android OS के समान ही है, लेकिन उपयोगकर्ताओं को Google services के बिना अपने डिवाइस पर ऐप इंस्टॉल की आजादी देता है. इसके अलावा, प्रोफेसर कामकोटि ने कहा, आईआईटी मद्रास हमारे देश में भरोस के उपयोग और अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य निजी उद्योग, सरकारी एजेंसियों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करने की इच्छा रखता है. BharOS सेवाएं वर्तमान में उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें निजता और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकताएं हैं जिनके यूजर उन संवेदनशील जानकारियों का नियंत्रण करते हैं जिनके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित ऐप्स पर गोपनीय संचार की आवश्यकता होती है. ऐसे यूजर को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाएं एक्सेस करने की आवश्यकता होती है.

BharOS को जैंडके ऑपरेशंस प्राइवेट लिमिटेड (JandCops) द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है, जो आईआईटी मद्रास की नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है. इस फाउंडेशन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( DST ), भारत सरकार द्वारा अंतःविषय साइबर-भौतिक प्रणालियों ( NMICPS ) पर अपने राष्ट्रीय मिशन के तहत वित्त पोषित किया जाता है. यह भारत को उन कुछ देशों के समकक्ष करने की इच्छा रखता है जिनके पास वर्तमान में ऐसी क्षमताएं हैं.

नो डिफॉल्ट ऐप्स- NDA इसकी विशेषता
भरोस में नो डिफॉल्ट ऐप्स ( NDA ) सुविधा है. इसका अर्थ है कि यूजर को उन ऐप्स का उपयोग करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता है जिनसे वे परिचित नहीं हो सकते हैं या जिन पर वे भरोसा नहीं कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यह दृष्टिकोण यूजर को उन परमीशन पर अधिक नियंत्रण रखने की स्वतंत्रता देता है जो उनके डिवाइस पर ऐप्स में उपलब्ध हैं, क्योंकि वे केवल उन ऐप्स को परमीशन देना चुन सकते हैं जिन पर वे अपने डिवाइस पर कुछ सुविधाओं या डेटा तक पहुंचने के लिए भरोसा करते हैं.

सिर्फ विश्वसनीय ऐप्स
भरोस संगठन-विशिष्ट प्राइवेट ऐप स्टोर सर्विसेज ( PAAS ) से विश्वसनीय ऐप्स तक पहुंच प्रदान करता है. पास उन ऐप्स की Curated list तक पहुंच प्रदान करता है, जिन्हें पूरी तरह से जांचा गया है और संगठनों के कुछ सुरक्षा और निजता मानकों को पूरा किया है. इसका मतलब यह है कि यूजर आश्वस्त हो सकते हैं कि वे जो ऐप इंस्टॉल कर रहे हैं वे उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं और किसी भी संभावित सुरक्षात्मक संवेदनशीलता या गोपनीयता संबंधी चिंताओं की पूरी तरह से जांच की गई है.

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Last Updated : Jan 24, 2023, 5:27 PM IST
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