अलवर. लॉकडाउन के दौरान शराब पर सरकार ने पूरी तरह से पाबंदी लगाई थी. लेकिन इसके बाद भी जिले में धड़ल्ले से शराब की कालाबाजारी हुई. इस दौरान कच्ची शराब का ज्यादा बोलबाला रहा. शराब के ठेके बंद होने के कारण कच्ची शराब का कारोबार करने वाले लोगों ने मोटा मुनाफा कमाने के लालच में खूब कारोबार किया. वहीं, इस दौरान आबकारी विभाग की तरफ से भी अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ जमकर कार्रवाई की गई. जिसको लेकर आबकारी विभाग ने आंकड़े जारी कर दिए हैं.
जिले में आबकारी के सात थाने हैं. जिनमें 1 अप्रैल 2020 से लेकर अब तक करीब ढाई महीने में 150 से अधिक शराब से संबंधित मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इस दौरान आबकारी विभाग ने 75 लोगों को गिरफ्तार किया है और 24 वाहनों को भी जब्त किया है. साथ ही कार्रवाई के दौरान हथकढ़ शराब, अंग्रेजी शराब, बीयर, देसी शराब सहित भारी मात्रा में शराब का जखीरा भी पकड़ा गया है.
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आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, अलवर की सीमाएं दूसरे राज्यों से लगती हैं. इसलिए गुजरात, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में हरियाणा और दिल्ली से जाने वाली शराब अलवर से होकर गुजरती है. हरियाणा में शराब अन्य प्रदेशों की तुलना में सस्ती है. इसलिए हरियाणा से विभिन्न राज्य में भारी मात्रा में शराब सप्लाई होती है. लोग शराब तस्करी में लग्जरी गाड़ियों के अलावा अब कंटेनर सहित कई बड़े वाहनों को भी काम में लेने लगे हैं. जिनमें कवर करके शराब को छिपाकर लाया जाता है. ऐसे में साफ है कि, लॉकडाउन के दौरान जमकर शराब तस्करी का खेल चला. वहीं, आबकारी विभाग ने गांव में बनने वाली कच्ची शराब पर भी कार्रवाई करते हुए कई शराब बनाने की भट्टियों को भी नष्ट कराया है.