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बोरिस जॉनसन की जीत के बाद ब्रिटिश-मुस्लिम देश छोड़ने को तैयार

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर इस्लामोफोबिया और नस्लवाद का आरोप लगा है. उन्होंने पूर्व में भी कई बार ऐसी विवादास्पद टिप्पणियां की हैं. 2005 में Spectator के एक लेख में उन्होंने दावा किया था कि लोगों के मन में इस्लाम के प्रति डर स्वाभाविक था.

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Published : Dec 16, 2019, 7:51 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 8:41 PM IST

british muslims preparing UK
फाइल फोटो

लंदन : ब्रिटिश-मुस्लिमों ने अपनी 'निजी सुरक्षा' के लिए यूके छोड़ना शुरू कर दिया है. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि इस्लामोफोबिया के आरोपी बोरिस जॉनसन फिर से प्रधानमंत्री चुने गए हैं.

मीडिया की रिपोर्ट से पता चला कि यूके छोड़ने वालों में मंजूर अली भी हैं. वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं, इसलिए देश छोड़कर जा रहे हैं. बता दें कि मंजूर अली मुस्लिम बाराक फूड एंड चैरिटी के प्रमुख हैं, जो मैनचेस्टर में गरीब लोगों के लिए भोजन पार्सल प्रदान करता है.

अली ने मीडिया को बताया कि पिछले 10 वर्षों में उनकी संस्था ने हर वर्ग के लोगों की मदद की है. उन्हे अपनी निजी सुरक्षा और बच्चों के भविष्य को लेकर डर लग रहा है.

जॉनसन को पिछले साल टेलीग्राफ के एक कॉलम में मुस्लिम महिलाओं की 'लेटरबॉक्स और बैंक लुटेरों' से तुलना करने के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

पढ़ें-ब्रिटेन : बोरिस जॉनसन को मिली चुनाव में ऐतिहासिक जीत, बोले- ब्रेक्जिट को मिला जनादेश

प्रधानमंत्री ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत संदर्भ में पेश किया गया है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का भी बचाव किया है.

इस वर्ष चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने अपनी सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया के लिए भी माफी मांगी. दरअसल कई उम्मीदवारों ने मुस्लिमों के प्रति आपत्तिजनक पोस्ट साझा किए थे.

उत्तरी लंदन की एक आईटी सलाहकार ईदन ने कहा कि वह आम चुनाव में जॉनसन की जबरदस्त जीत के बाद बहुत डरी हुई हैं. इससे पहले उन पर हमला हो चुका है, जिसमें उनके स्कार्फ को खींचकर फाड़ दिया गया था और लोगों ने उन्हे आतंकवादी बुलाया था.

ईदन ने बताया कि उन्होंने कहीं और नौकरी की तलाश शुरू कर दी है.

लंदन : ब्रिटिश-मुस्लिमों ने अपनी 'निजी सुरक्षा' के लिए यूके छोड़ना शुरू कर दिया है. वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि इस्लामोफोबिया के आरोपी बोरिस जॉनसन फिर से प्रधानमंत्री चुने गए हैं.

मीडिया की रिपोर्ट से पता चला कि यूके छोड़ने वालों में मंजूर अली भी हैं. वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं, इसलिए देश छोड़कर जा रहे हैं. बता दें कि मंजूर अली मुस्लिम बाराक फूड एंड चैरिटी के प्रमुख हैं, जो मैनचेस्टर में गरीब लोगों के लिए भोजन पार्सल प्रदान करता है.

अली ने मीडिया को बताया कि पिछले 10 वर्षों में उनकी संस्था ने हर वर्ग के लोगों की मदद की है. उन्हे अपनी निजी सुरक्षा और बच्चों के भविष्य को लेकर डर लग रहा है.

जॉनसन को पिछले साल टेलीग्राफ के एक कॉलम में मुस्लिम महिलाओं की 'लेटरबॉक्स और बैंक लुटेरों' से तुलना करने के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था.

पढ़ें-ब्रिटेन : बोरिस जॉनसन को मिली चुनाव में ऐतिहासिक जीत, बोले- ब्रेक्जिट को मिला जनादेश

प्रधानमंत्री ने अपनी सफाई में कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत संदर्भ में पेश किया गया है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का भी बचाव किया है.

इस वर्ष चुनाव प्रचार के दौरान, उन्होंने अपनी सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी में इस्लामोफोबिया के लिए भी माफी मांगी. दरअसल कई उम्मीदवारों ने मुस्लिमों के प्रति आपत्तिजनक पोस्ट साझा किए थे.

उत्तरी लंदन की एक आईटी सलाहकार ईदन ने कहा कि वह आम चुनाव में जॉनसन की जबरदस्त जीत के बाद बहुत डरी हुई हैं. इससे पहले उन पर हमला हो चुका है, जिसमें उनके स्कार्फ को खींचकर फाड़ दिया गया था और लोगों ने उन्हे आतंकवादी बुलाया था.

ईदन ने बताया कि उन्होंने कहीं और नौकरी की तलाश शुरू कर दी है.

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Last Updated : Dec 16, 2019, 8:41 PM IST
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