उदयपुर. जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिलने वाले गेहूं को भी सरकारी ऑफिसर डकार गए. इस अनाज पर गरीब और असहाय लोगों का हक था. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां रसद माफिया दिखाई देते हैं. उदयपुर में ही करीब 5266 सरकारी अफसरों ने ही खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत मिलने वाले गेहूं का प्रयोग किया है. हालांकि रसद विभाग अब इन अफसरों पर कार्रवाई कर रहा है.
ऐसे में लाखों रुपए का राशन जिन गरीब परिवारों को मिलना था, उनका हक यह सरकारी ऑफिसर हजम करने से बाज नहीं आए. खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत जिस लोगों को ₹1 या ₹2 के अंतर्गत मिलने वाले इस गेहूं पर भी सरकारी ऑफिसर लाभ उठाने में नहीं चूके. रसद विभाग के आंकड़े बताते हैं कि उदयपुर में 5266 सरकारी अफसर जो कई विभाग में शामिल हैं, उन्होंने खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत मिलने वाले गेहूं का लाभ लिया. ऐसे में विभाग और प्रशासन की ओर से अब इन सभी लोगों पर कार्रवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत गेहूं प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारियों से ₹27 किलो के हिसाब से वसूली की जा रही है.
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इसमें करीब 4734 सरकारी ऑफिसर की रिकवरी हो चुकी है. हालांकि 532 हाल फिलहाल में पेंडिंग हैं. प्रशासन की ओर से इन लोगों से राशन लाभ लेने के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए इन लोगों से करीब 59354338.5 लाख रुपए की राशि का टारगेट रखा गया है. इसमें से 52171332. 50 लाख रुपए की रिकवरी हो चुकी है. ऐसे में अभी भी 7183006 की राशि पेंडिंग है. कुल मिलाकर प्रशासन और रसद विभाग की ओऱ से अब तक 87.90 फीसदी कर्मचारियों से रिकवरी की जा चुकी है. जिन सरकारी कर्मचारी ने अब तक राशि नहीं दी है, उनके खिलाफ नोटिस जारी किया जा रहा है.
सरकार की ओर से उपलब्ध कराये जाने वाले राशन में भी हजारों सरकारी कर्मचारियों ने डाका डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. वे खाद्य सुरक्षा योजना में सेंधमारी कर गरीबों के हिस्सों का राशन डकार गए. अब आधार और पैन कार्ड के मिलान में गरीबों के हक पर डाका डालने वाले पकड़े गए हैं. अब उनसे रिकवरी की जा रही है.