उदयपुर. जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने शनिवार को शहर में संचालित इंदिरा रसोई का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान नगर निगम कमिश्नर हिम्मत सिंह बारहठ भी साथ थे. कलेक्टर देवड़ा ने इंदिरा रसोई की थाली का स्वाद भी चखा और खाने की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया.
चेतक सर्किल और एमबी हाॅस्पिटल में संचालित इंदिरा रसोई के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने खाना खा रहे लोगों से बातचीत कर उनसे खाने की गुणवत्ता और साफ-सफाई के बारे में भी जानकारी ली. इसी दौरान जनजाति बाहुल्य कोटड़ा के एक किशोर से बात की तो पता चला कि उसे निःशुल्क खाना दिया जाता है.
कलेक्टर ने जब इसकी वजह पूछी तो इंदिरा रसोई संचालक ने बताया कि यह लड़का पढ़ने में बहुत होशियार है और यही आसपास में रहकर मजदूरी करता है और पढ़ाई भी करता है. इसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए इसे दोनों समय निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया जाता है.
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इस पर कलेक्टर ने खुशी जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इंदिरा रसोई योजना शुरू करने के पीछे भी यही मंशा है कि पैसे के अभाव में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोना चाहिए. निरीक्षण के दौरान इंदिरा रसोई में खाना खाने के लिए आए हर व्यक्ति से कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से खाने की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली और सभी ने खाने की गुणवत्ता को लेकर संतोष जाहिर किया.
लोगों ने जताया सरकार का आभार
नगर निगम कमिश्नर हिम्मत सिंह बारहठ ने बताया कि शहर में संचालित इंदिरा रसोई में आने वाले लोगों की संख्या में दिनों दिन बढ़ोतरी हो रही है और सिर्फ आठ रूपये में लोगों को पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है. इससे गरीब जनता को बहुत फायदा मिल रहा है.
निरीक्षण के दौरान हमने कई लोगों से इंदिरा रसोई को लेकर फीडबैक भी लिया जिसपर लोगों ने सरकार का इस बात के लिए आभार जताया कि जो खाना बाहर 120 रूपये में मिलता है उसी क्वालिटी का खाना इंदिरा रसोई में सिर्फ आठ रूपये में मिल रहा है.