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Toy Train in Udaipur: झीलों की नगरी में फिर शुरू होगी टॉय ट्रेन, एक साथ 100 बच्चे ले सकेंगे आनंद

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Published : Jun 26, 2022, 10:39 PM IST

उदयपुर के गुलाब बाग में जल्द ही बच्चों और पर्यटकों के लिए टॉय-ट्रेन (Toy Train in Udaipur) चलने वाली है. इसको लेकर पटरी बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है. ये ट्रेन ज्ञानवर्धक गुफा, बर्ड पार्क से होकर गुजरेगी. साथ ही पर्यटक यहां कमल तलाई में नाव का भी लुत्फ उठा सकेंगे.

Toy Train in Udaipur
झीलों की नगरी में फिर शुरू होगी टॉय ट्रेन

उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर में हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट (Toy Train in Udaipur) घूमने के लिए आते हैं. इसी शहर के ऐतिहासिक गुलाब बाग में अब कई वर्षों बाद फिर से टॉय ट्रेन चलने वाली है. इसके लिए पटरी बिछाने का काम तेज गति से जारी है. पिछले कई वर्षों से यहां आने वाले टूरिस्ट टॉय ट्रेन के लुत्फ उठा नहीं पा रहे थे. नगर निगम उदयपुर की ओर से इसके संचालन को जल्द पूरा होने करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

ऐतिहासिक गुलाब बाग टॉय ट्रेन: ऐतिहासिक गुलाब बाग में इस टॉय ट्रेन का काम अब लगातार जारी है. ऐसे में गुलाब बाग में घूमने वाले बच्चों के लिए ट्रैक 2.7 किलोमीटर लंबा रहेगा. इस ट्रेन में एक बार में करीब 100 बच्चे सवारी का आनंद ले सकेंगे. इसके साथ ही बच्चों को इस बार विशेष आकृति की ट्रेन का रोमांच मिलेगा. बच्चों को प्रकृति के अलग-अलग रंग भी दिखाए जाएंगे. इससे उदयपुर नगर निगम को हर साल करीब 19 लाख रुपए की आय होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

झीलों की नगरी में फिर शुरू होगी टॉय ट्रेन

नगर निगम गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि 15 अगस्त तक काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि यहां आने वाले बच्चे और पर्यटक इसका आनंद ले सकें. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए प्राइवेट टेंडर दिया गया है. पहले की तुलना में टॉय ट्रेन बेहतरीन और अद्भुत नजर आएगी. उन्होंने बताया कि गुलाब बाग में पहले की टॉय ट्रेन गलत बनावट की वजह से आए दिन ट्रेन पलटने जैसे हादसे होते रहते थे. लेकिन इस बार रेलवे के ही उच्च अधिकारियों से इसकी पूरी मॉनिटरिंग के बाद पटरी बिछाने का काम किया जा रहा है.

पढ़ें. उदयपुर के गुलाब बाग में राजस्थान का पहला बर्ड पार्क बनकर तैयार, देखें ईटीवी भारत पर पहली तस्वीर

उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में बच्चे यहां पर घूमने के लिए आते हैं. ऐसे में उनके लिए सबसे ज्यादा रोमांच टॉय ट्रेन रहती थी. इसीलिए उखड़ी पटरियों को फिर से नए सिरे से बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद के काकरिया पार्क में चल रही रेल गाड़ी के तर्ज पर टॉय ट्रेन का संचालन किया जाएगा. मनोज चौधरी ने बताया कि इस ट्रेन में बच्चे गुलाब बाग के हरे-भरे जंगल को देख पाएंगे. इसके साथ ही एक गुफा भी बनाई जा रही है. गुफा के अंदर बच्चों को नॉलेज देने वाली कई वस्तुएं रखेंगे और चित्रकारी भी की जाएगी.

बर्ड पार्क से होकर गुजरेगी टॉय-ट्रेन: ट्रेन के पटरी गुलाब बाग में बन रहे प्रदेश के पहले बर्ड पार्क से होकर भी गुजरेगी. ऐसे में बच्चे वहां पर अलग-अलग परिंदों का दीदार भी कर सकेंगे. इसके साथ ही ट्रेन कमल तलाई से भी होकर गुजरेगी, जहां बच्चे इसका भी लुत्फ उठा पाएंगे. इस बार टिकट कितने रुपए की होगी, इसको लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.

पढ़ें. चूं चूं करती आई चिड़िया! झालाना के पंछियों का संसार

कुछ दिनों पहले शुरू हुआ बर्ड पार्क : इसी ऐतिहासिक गुलाब बाग में प्रदेश का पहला बर्ड (Toy train in Gulab Bagh in Udaipur) पार्क बनाया गया है. जहां बड़ी संख्या में हर रोज लोग यहां अलग-अलग परिंदों को देखने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें अब टॉय ट्रेन का भी आनंद मिल सकेगा. इसके साथ ही बच्चे और बड़े कमल तलाई में नाव का भी आनंद ले सकेंगे.

1878 में हुई थी गुलाब बाग की स्थापना: गुलाब बाग जंतुआलय की स्थापना 1878 में तत्कालीन मेवाड़ शासक महाराणा सज्जन सिंह ने की थी. ये चिड़ियाघर भारत का छठा प्राचीन चिड़ियाघर था. इसे सज्जन सिंह निवास बाग के नाम से स्थापित किया गया था, जिसे आज गुलाब बाग के नाम से जाना जाता है. चिड़ियाघर के सभी वन्यजीवों का वर्ष 2015 में किए गए सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था.

उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर झीलों की नगरी उदयपुर में हर साल लाखों की संख्या में टूरिस्ट (Toy Train in Udaipur) घूमने के लिए आते हैं. इसी शहर के ऐतिहासिक गुलाब बाग में अब कई वर्षों बाद फिर से टॉय ट्रेन चलने वाली है. इसके लिए पटरी बिछाने का काम तेज गति से जारी है. पिछले कई वर्षों से यहां आने वाले टूरिस्ट टॉय ट्रेन के लुत्फ उठा नहीं पा रहे थे. नगर निगम उदयपुर की ओर से इसके संचालन को जल्द पूरा होने करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

ऐतिहासिक गुलाब बाग टॉय ट्रेन: ऐतिहासिक गुलाब बाग में इस टॉय ट्रेन का काम अब लगातार जारी है. ऐसे में गुलाब बाग में घूमने वाले बच्चों के लिए ट्रैक 2.7 किलोमीटर लंबा रहेगा. इस ट्रेन में एक बार में करीब 100 बच्चे सवारी का आनंद ले सकेंगे. इसके साथ ही बच्चों को इस बार विशेष आकृति की ट्रेन का रोमांच मिलेगा. बच्चों को प्रकृति के अलग-अलग रंग भी दिखाए जाएंगे. इससे उदयपुर नगर निगम को हर साल करीब 19 लाख रुपए की आय होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

झीलों की नगरी में फिर शुरू होगी टॉय ट्रेन

नगर निगम गैराज समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी ने बताया कि 15 अगस्त तक काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि यहां आने वाले बच्चे और पर्यटक इसका आनंद ले सकें. उन्होंने बताया कि इस काम के लिए प्राइवेट टेंडर दिया गया है. पहले की तुलना में टॉय ट्रेन बेहतरीन और अद्भुत नजर आएगी. उन्होंने बताया कि गुलाब बाग में पहले की टॉय ट्रेन गलत बनावट की वजह से आए दिन ट्रेन पलटने जैसे हादसे होते रहते थे. लेकिन इस बार रेलवे के ही उच्च अधिकारियों से इसकी पूरी मॉनिटरिंग के बाद पटरी बिछाने का काम किया जा रहा है.

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उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में बच्चे यहां पर घूमने के लिए आते हैं. ऐसे में उनके लिए सबसे ज्यादा रोमांच टॉय ट्रेन रहती थी. इसीलिए उखड़ी पटरियों को फिर से नए सिरे से बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद के काकरिया पार्क में चल रही रेल गाड़ी के तर्ज पर टॉय ट्रेन का संचालन किया जाएगा. मनोज चौधरी ने बताया कि इस ट्रेन में बच्चे गुलाब बाग के हरे-भरे जंगल को देख पाएंगे. इसके साथ ही एक गुफा भी बनाई जा रही है. गुफा के अंदर बच्चों को नॉलेज देने वाली कई वस्तुएं रखेंगे और चित्रकारी भी की जाएगी.

बर्ड पार्क से होकर गुजरेगी टॉय-ट्रेन: ट्रेन के पटरी गुलाब बाग में बन रहे प्रदेश के पहले बर्ड पार्क से होकर भी गुजरेगी. ऐसे में बच्चे वहां पर अलग-अलग परिंदों का दीदार भी कर सकेंगे. इसके साथ ही ट्रेन कमल तलाई से भी होकर गुजरेगी, जहां बच्चे इसका भी लुत्फ उठा पाएंगे. इस बार टिकट कितने रुपए की होगी, इसको लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है.

पढ़ें. चूं चूं करती आई चिड़िया! झालाना के पंछियों का संसार

कुछ दिनों पहले शुरू हुआ बर्ड पार्क : इसी ऐतिहासिक गुलाब बाग में प्रदेश का पहला बर्ड (Toy train in Gulab Bagh in Udaipur) पार्क बनाया गया है. जहां बड़ी संख्या में हर रोज लोग यहां अलग-अलग परिंदों को देखने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में उन्हें अब टॉय ट्रेन का भी आनंद मिल सकेगा. इसके साथ ही बच्चे और बड़े कमल तलाई में नाव का भी आनंद ले सकेंगे.

1878 में हुई थी गुलाब बाग की स्थापना: गुलाब बाग जंतुआलय की स्थापना 1878 में तत्कालीन मेवाड़ शासक महाराणा सज्जन सिंह ने की थी. ये चिड़ियाघर भारत का छठा प्राचीन चिड़ियाघर था. इसे सज्जन सिंह निवास बाग के नाम से स्थापित किया गया था, जिसे आज गुलाब बाग के नाम से जाना जाता है. चिड़ियाघर के सभी वन्यजीवों का वर्ष 2015 में किए गए सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था.

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