उदयपुर. कोरोना संक्रमण ने पर्यटन इंडस्ट्री पर ब्रेक लगा दिया था. साल भर हजारों-लाखों पर्यटक दुनियाभर से उदयपुर में झीलों व आलीशान पैलेस को निहारने और यहां की आबोहवा का मजा लेने आते थे. कोरोना संक्रमण के बीच विदेशी तो नहीं लेकिन देशी पर्यटक जरूर उदयपुर पहुंच रहे हैं. ये पर्यटक मानसून के समय टूरिस्ट पैलेस का जमकर आनंद उठा रहे हैं. मानसून में उदयपुर के सज्जनगढ़ पैलेस का नजारा जन्नत से कम नहीं है.
मानसून की दस्तक के साथ ही झीलों के शहर उदयपुर में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है. देश-दुनिया में मानसून पैलेस के नाम से पहचाने जाने वाला उदयपुर का सज्जनगढ़ किला भी अब पर्यटकों से गुलजार होने लगा है. पर्यटक दूरदराज से उदयपुर पहुंच रहे हैं और इस ऐतिहासिक धरोहर को देखकर खासे उत्साहित हो रहे हैं. मानसून के चलते चारों तरफ हरियाली की चादर बिछी हुई है. जिसे निहारकर पर्यटक काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं.
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कोरोना के चलते लोग काफी समय से घरों में बंद थे. कहीं बाहर घूमने नहीं जा पा रहे थे. ऐसे में अब लोगों को ऐतिहासिक सज्जगढ़ किले आकर अच्छा लग रहा है. कोरोना के कारण अब ज्यादा लोग भी घूमने नहीं आ रहे हैं तो भीड़भाड़ वाली दिक्कतों का भी पर्यटक सामना नहीं कर रहे हैं.
सज्जनगढ़ किले का इतिहास
उदयपुर के ऐतिहासिक किले सज्जनगढ़ का निर्माण सन 1884 में महाराणा सज्जन सिंह ने करवाया था. तब महाराणा का उद्देश्य इस किले से मानसून को निहारना था और इसी के चलते जब राजशाही खत्म हुई तो इसे म्यूजियम में तब्दील किया गया. जिसके बाद से इसे मानसून पैलेस के नाम से भी जाना जाने लगा.