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उदयपुर में एक परिवार की तीन बच्चियों को बाल विवाह होने से बचाया गया, 30 अप्रैल को आनी थी बारात

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के 'बाल विवाह को कहे ना' अभियान के तहत प्रशासन ने सलूंबर के एक परिवार में तीन बच्चियों को बाल विवाह होने से बचाया है. साथ ही प्रशासन ने माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणाम को समझाया.

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उदयपुर में एक परिवार की तीन बच्चियों को बाल विवाह होने से बचाया गया
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Published : Apr 9, 2021, 9:05 PM IST

उदयपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के बाल विवाह को कहे ना अभियान के तहत प्रशासन ने सलूंबर के एक परिवार में तीन बच्चियों के माता-पिता को बाल विवाह नहीं करवाने के लिए पाबंद किया. सलूंबर के उपखण्ड अधिकारी मणिलाल तीरगर ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सूचना मिली थी कि शहर के घाटी दरवाजा क्षेत्र में तीन नाबालिग लड़कियों का 30 अप्रैल को बाल विवाह होने वाला है.

इस पर थानाधिकारी हनवंत सिंह ने तीनों बहने, जिसमें सबसे बड़ी बच्ची की उम्र 17 वर्ष, उससे छोटी की उम्र 15 वर्ष और सबसे छोटी बच्ची की उम्र 12 वर्ष को घर पहुंचकर माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत करवाया और बच्चियों का बाल विवाह नहीं करवाने के लिए पाबंद किया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सूत्रकार ने बताया कि विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष से अधिक एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें- राजस्थान में कैंसर दवाओं का टोटा, निशुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को नहीं मिल रही Medicine

बाल विवाह के दौरान बाराती, जन समूह, बैंड-बाजे, लाइट डेकोरेशन करने वाले, हलवाई, कार्ड छापने वाले और अन्य किसी तरह की मदद करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रावधान है. इस बारे में जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. उदयपुर जिले में बाल विवाह हो रहा हो, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्प लाइन नम्बर 08306002022 पर सूचना दे सकते हैं.

उदयपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के बाल विवाह को कहे ना अभियान के तहत प्रशासन ने सलूंबर के एक परिवार में तीन बच्चियों के माता-पिता को बाल विवाह नहीं करवाने के लिए पाबंद किया. सलूंबर के उपखण्ड अधिकारी मणिलाल तीरगर ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सूचना मिली थी कि शहर के घाटी दरवाजा क्षेत्र में तीन नाबालिग लड़कियों का 30 अप्रैल को बाल विवाह होने वाला है.

इस पर थानाधिकारी हनवंत सिंह ने तीनों बहने, जिसमें सबसे बड़ी बच्ची की उम्र 17 वर्ष, उससे छोटी की उम्र 15 वर्ष और सबसे छोटी बच्ची की उम्र 12 वर्ष को घर पहुंचकर माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणाम से अवगत करवाया और बच्चियों का बाल विवाह नहीं करवाने के लिए पाबंद किया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप सूत्रकार ने बताया कि विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष से अधिक एवं लड़की की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.

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बाल विवाह के दौरान बाराती, जन समूह, बैंड-बाजे, लाइट डेकोरेशन करने वाले, हलवाई, कार्ड छापने वाले और अन्य किसी तरह की मदद करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रावधान है. इस बारे में जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. उदयपुर जिले में बाल विवाह हो रहा हो, तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्प लाइन नम्बर 08306002022 पर सूचना दे सकते हैं.

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