उदयपुर. झीलों की नगरी स्मार्ट सिटी बनने की ओर कदम मजबूती से उठा चुकी है. पूरे प्रदेश में पहले तो देश में दूसरे स्थान पर (Udaipur stands 2nd) खुद को स्थापित कर चुका है. इतनी अचीवमेंट के बाद भी शहरवासी खुलकर खुशी का इजहार नहीं कर पा रहे हैं. स्मार्टनेस के चक्कर में देरी से उनकी दिक्कतों में इजाफा हो रहा है. दरअसल , इस प्रोजेक्ट के सम्पन्न होने की डेडलाइन मार्च तक की थी लेकिन पिछले साल हुए कोविड और हालिया फेस्टिवल्स की वजह से काम डिले हो गया. अच्छी बात ये है कि 117 में से मात्र 15 काम अटके हैं और यही अटके काम लोगों की परेशानियों का सबब बन रहे हैं.
यहां धीमी रफ्तार: शहर के अंदरूनी परकोटे, ऐतिहासिक जगदीश मंदिर तक आने वाली सड़क का कार्य, कमीशन रिंग का काम अभी भी चल रहा है ऐसे में पैदल चलने वाले राहगीरों और बाहर से आने वाले टूरिस्ट को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि काम में अगर तेज गति हो तो व्यापार और बाहर से आने वाले टूरिस्ट को भी राहत मिलेगी. ऐतिहासिक जगदीश मंदिर जिले की शान है. जो उदयपुर आता है वो यहां दर्शन को जरूर आता है. मुश्किल ये है कि यहां तक पहुंचने वाली सड़क पर काम अब भी जारी है. जिससे राहगीरों को दिक्कत हो रही है. वहीं, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बचे हुए काम को पूरा कर लिया जाएगा.
कोरोना और त्योहारों ने लगाया ब्रेक: प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने बताया कि स्मार्ट सिटी (smart city project Udaipur) के अधिकांश काम अपनी गति से हो रहे हैं. इनमें देरी कोरोना और फेस्टिवल के कारण आई थी. दरअसल, इन वजहों से वर्कर छुट्टी पर चले गए, ऐसे में थोड़ा ब्रेक जरूर लगा. उदयपुर में 233.77 करोड़ों रुपए की लागत के 77 काम पूरे हो चुके हैं.जबकि 653.12 करोड़ की कीमत के काम अंतिम चरण में हैं.
मियाद बढ़ाई गई अब जून का इंतजार: कार्यवाहक सीईओ ने बताया कि ओल्ड सिटी में चल रहे एबीटी प्रोजेक्ट के कार्य मई 2022 तक पूरी होने की संभावना है. हालांकि कुम्हारों का भट्टा फ्लाईओवर का काम मई तक पूरा होने को लेकर विभाग उम्मीद जता रहा है. हालांकि अधिकारियों का ये दावा ग्राउंड जीरो पर पहुंचते ही नाउम्मीदी का सबब बनता है. काम पूरा करना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं लगता. उदयपुर में कुल 117 कामों में से 15 काम फिलहाल बाकी है. जिनमें गोवर्धन सागर, पटेल सर्कल किशनपोल की रोड, बास्केटबॉल का ट्रैक, हिरण मगरी रोड, आयड नदी का काम, कुम्हारों का भट्टा का फ्लाईओवर शामिल है. इनके अलावा विभाग ने चार अन्य कामों को लिया है. जिनमें गोवर्धन सागर और पटेल सागर की एक रोड का कार्य अतिरिक्त लिया गया है.
शहर के परकोटा क्षेत्र में एंटीग्रेड काम अंतिम चरण में चल रहा है. कमिश्नर रिंग काम फिलहाल अभी तक पूरा नहीं हो सका है.स्मार्ट सिटी के तहत हेरिटेज के लिए कई काम किए गए हैं.जिनमें शहर के परकोटे की दीवार का एक नया लुक दिया गया है.स्मार्ट सिटी में सिविल वर्क पूरा हो चुका है. स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है कि मई महीने तक अधिकांश कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.
117 कामों में से ये विशेष: वॉल सिटी के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और सरकारी भवनों पर सोलर पैनल का काम, तीतरडी मैं कचरा की कैंपेनिंग का कार्य पूरा हो चुका है. कुम्हारों का भट्टा के पास वेस्ट सेंटर बन चुका है. शहर के अंदर 18 वार्डों में से 24 घंटे पानी सप्लाई, स्मार्ट पार्किंग, ओपन जिम सहित कई काम शामिल है. प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक धरोहर और दरवाजों का भी संरक्षण किया गया है. अब जैसे-जैसे काम पूरे हो रहे हैं, उनका अंतिम रूप दिखाई देने लगा है.शहर के अलग-अलग कोनों में बने 10 दरवाजों को भी दुरुस्त किया गया है. कुछ काम अभी भी धीमी गति से चलते हुए नजर आ रहे हैं.
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मार्च में स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में ये पीछे: राजस्थान में पहले तो देश के दूसरे नंबर पर उदयपुर (smart city project udaipur) से आगे गुजरात क सूरत शहर है. फरवरी में उदयपुर तीसरे नंबर पर (Udaipur in Smart City Ranking) था. इस बार 122.80 अंक मिले हैं, देश के 100 स्मार्ट सिटी की जारी रैंकिंग के अनुसार राजस्थान का जयपुर सातवें नंबर पर, कोटा 16 नंबर पर और अजमेर 98 नंबर पर है.