ETV Bharat / city

वसुंधरा राजे से मिले रणधीर सिंह भिंडर, कयासों का बाजार गर्म...भाजपा से बगावत कर 8 साल पहले चुनी थी अलग राह - gulab singh kataria Vs bhinder

जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर राजस्थान की सियासत में अच्छा खासा दखल रखते हैं. पत्नी संग जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से मिले तो चर्चा होनी ही थी. मुलाकात के मायने गढ़े जाने लगे तो तस्दीक की कि हां मिला तो, लेकिन सियासत की बात नहीं हुई. इस मेल मिलाप को वल्लभनगर सीट पर होने वाले उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

randhir singh bhinder met former cm vasundhara raje
वसुंधरा राजे से मिले रणधीर सिंह भिंडर
author img

By

Published : Aug 27, 2021, 10:29 AM IST

Updated : Aug 27, 2021, 10:38 AM IST

उदयपुर: वल्लभनगर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का रंग धीरे-धीरे चढ़ने लगा है. जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर कयासबाजों को मुद्दा थमा दिया है. चर्चाओं का बाजार गर्म है. दोनों कद्दावर नेता दिल्ली में मिले हैं.

दरअसल, मेवाड़ की 2 सीटों धरियाबाद और वल्लभनगर पर विधानसभा उपचुनाव होना है. इन दोनों में से सबसे अहम वल्लभनगर है. क्योंकि इसी सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय रहा था, सो भिंडर की उम्मीदें वाबस्ता हैं. ऐसे में इस राजनीतिक गुणा भाग के बीच वसुंधरा और भिंडर की मुलाकात के सियासी मायने न निकाले जायें ये मुमकिन नहीं.

ईटीवी भारत से बोले- हां हुई मुलाकात

भिंडर पत्नी संग वसुंधरा राजे से मिले. दिल्ली में तीनों के बीच करीब 1 घंटे तक चर्चा हुई. जिसमें अगले माह प्रस्तावित मेवाड़ यात्रा को लेकर भी बातचीत हुई. ईटीवी भारत से बातचीत में रणधीर सिंह भिंडर ने बताया कि वे दिल्ली किसी निजी काम से गए हुए थे. इस दौरान दिल्ली में ही मौजूद राजे से अनौपचारिक मुलाकात हुई.

भिंडर ने ये भी बताया कि इस दौरान सियासत पर बात नहीं हुई. जानकार भिंडर की इस दलील से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. मानते हैं कि राजनीतिक मुलाकातें बिना किसी मकसद के यूं ही नहीं हुआ करतीं. खासकर टाइमिंग अहम होती है.

टाइमिंग है खास

राजनीतिक पंडितों के अनुसार मीटिंग की टाइमिंग अहम है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी सितंबर में मेवाड़ का दौरा कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि वो मेवाड़ में देव दर्शन के अलावा कोरोना से दिवंगत हुए विधायकों के घर भी संवेदना व्यक्त करने जा सकती हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस यात्रा में भिंडर का साथ मिल सकता है. टाइमिंग इसलिए भी अहम है क्योंकि वल्लभनगर सीट पर उपचुनाव होने हैं और यहां भिंडर अच्छा दखल रखते हैं. इन्हें वसुंधरा का खुला समर्थन भी मिलता रहा है.

वसुंधरा दौरे पर सस्पेंस

फिलहाल वसुंधरा राजे के दौरे पर सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों बताते हैं कि सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री मेवाड़ दौरे पर रहेंगी. जिसमें कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से भी मुलाकात होनी है. ऐसे में अनौपचारिक मुलाकात की औपचारिकता को समझना कोई मुश्किल काम नहीं. भिंडर, वसुंधरा राजे की गुड बुक्स में रहे हैं. वहीं भिंडर की नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से अदावत की कहानी राजस्थान की सियासत में आम है.

जब रणधीर सिंह ने छोड़ा था भाजपा का साथ

जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भींडर साल 2003 से 2008 तक भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे. गुलाबचंद कटारिया की खिलाफत कर साल 2013 में पार्टी से अलग हो गए. तब रणधीर सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. सिंह ने निर्दलीय जनता सेना के बैनर तले चुनावी रण में ताल ठोकी और विजयी रहे. तब भी रणधीर सिंह ने वसुंधरा राजे के खिलाफ कुछ नहीं बोला. कई बार खुले मंच से ही भाजपा का समर्थन किया और राजे को अपना नेता बताया.

2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अपनी यात्रा लेकर भींडर पहुंची और रणधीर सिंह के कार्यों की तारीफ की. इसके बावजूद बीजेपी ने रणधीर सिंह को टिकट नहीं दिया. ऐसे में रणधीर सिंह एक बार फिर जनता सेना के बैनर तले चुनावी रण में उतरे और 4000 वोटों से चुनाव हार गए. रणधीर सिंह लगातार राजनीति में सक्रिय रहे.

बीते 2 साल में जनता सेना के बैनर तले रणधीर सिंह ने निगम, निकाय और पंचायत चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारा और मेवाड़ भाजपा की खिलाफत जारी रखी. बता दें कि रणधीर सिंह भींडर राजघराने से आते हैं. ऐसे में उनका वल्लभनगर विधानसभा सीट के साथ ही राजपूत बाहुल्य सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है.

उदयपुर: वल्लभनगर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का रंग धीरे-धीरे चढ़ने लगा है. जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भिंडर ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात कर कयासबाजों को मुद्दा थमा दिया है. चर्चाओं का बाजार गर्म है. दोनों कद्दावर नेता दिल्ली में मिले हैं.

दरअसल, मेवाड़ की 2 सीटों धरियाबाद और वल्लभनगर पर विधानसभा उपचुनाव होना है. इन दोनों में से सबसे अहम वल्लभनगर है. क्योंकि इसी सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय रहा था, सो भिंडर की उम्मीदें वाबस्ता हैं. ऐसे में इस राजनीतिक गुणा भाग के बीच वसुंधरा और भिंडर की मुलाकात के सियासी मायने न निकाले जायें ये मुमकिन नहीं.

ईटीवी भारत से बोले- हां हुई मुलाकात

भिंडर पत्नी संग वसुंधरा राजे से मिले. दिल्ली में तीनों के बीच करीब 1 घंटे तक चर्चा हुई. जिसमें अगले माह प्रस्तावित मेवाड़ यात्रा को लेकर भी बातचीत हुई. ईटीवी भारत से बातचीत में रणधीर सिंह भिंडर ने बताया कि वे दिल्ली किसी निजी काम से गए हुए थे. इस दौरान दिल्ली में ही मौजूद राजे से अनौपचारिक मुलाकात हुई.

भिंडर ने ये भी बताया कि इस दौरान सियासत पर बात नहीं हुई. जानकार भिंडर की इस दलील से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. मानते हैं कि राजनीतिक मुलाकातें बिना किसी मकसद के यूं ही नहीं हुआ करतीं. खासकर टाइमिंग अहम होती है.

टाइमिंग है खास

राजनीतिक पंडितों के अनुसार मीटिंग की टाइमिंग अहम है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आगामी सितंबर में मेवाड़ का दौरा कर सकती हैं. बताया जा रहा है कि वो मेवाड़ में देव दर्शन के अलावा कोरोना से दिवंगत हुए विधायकों के घर भी संवेदना व्यक्त करने जा सकती हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इस यात्रा में भिंडर का साथ मिल सकता है. टाइमिंग इसलिए भी अहम है क्योंकि वल्लभनगर सीट पर उपचुनाव होने हैं और यहां भिंडर अच्छा दखल रखते हैं. इन्हें वसुंधरा का खुला समर्थन भी मिलता रहा है.

वसुंधरा दौरे पर सस्पेंस

फिलहाल वसुंधरा राजे के दौरे पर सस्पेंस बरकरार है. सूत्रों बताते हैं कि सितंबर में पूर्व मुख्यमंत्री मेवाड़ दौरे पर रहेंगी. जिसमें कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से भी मुलाकात होनी है. ऐसे में अनौपचारिक मुलाकात की औपचारिकता को समझना कोई मुश्किल काम नहीं. भिंडर, वसुंधरा राजे की गुड बुक्स में रहे हैं. वहीं भिंडर की नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से अदावत की कहानी राजस्थान की सियासत में आम है.

जब रणधीर सिंह ने छोड़ा था भाजपा का साथ

जनता सेना सुप्रीमो रणधीर सिंह भींडर साल 2003 से 2008 तक भारतीय जनता पार्टी के विधायक थे. गुलाबचंद कटारिया की खिलाफत कर साल 2013 में पार्टी से अलग हो गए. तब रणधीर सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. सिंह ने निर्दलीय जनता सेना के बैनर तले चुनावी रण में ताल ठोकी और विजयी रहे. तब भी रणधीर सिंह ने वसुंधरा राजे के खिलाफ कुछ नहीं बोला. कई बार खुले मंच से ही भाजपा का समर्थन किया और राजे को अपना नेता बताया.

2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी अपनी यात्रा लेकर भींडर पहुंची और रणधीर सिंह के कार्यों की तारीफ की. इसके बावजूद बीजेपी ने रणधीर सिंह को टिकट नहीं दिया. ऐसे में रणधीर सिंह एक बार फिर जनता सेना के बैनर तले चुनावी रण में उतरे और 4000 वोटों से चुनाव हार गए. रणधीर सिंह लगातार राजनीति में सक्रिय रहे.

बीते 2 साल में जनता सेना के बैनर तले रणधीर सिंह ने निगम, निकाय और पंचायत चुनाव में अपने प्रत्याशियों को उतारा और मेवाड़ भाजपा की खिलाफत जारी रखी. बता दें कि रणधीर सिंह भींडर राजघराने से आते हैं. ऐसे में उनका वल्लभनगर विधानसभा सीट के साथ ही राजपूत बाहुल्य सीटों पर अच्छा खासा प्रभाव है.

Last Updated : Aug 27, 2021, 10:38 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.