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उदयपुर में अब कलेक्टर से लेकर तमाम अफसर रोज करेंगे 1 घंटे जन सुनवाई, समस्याओं का होगा त्वरित निस्तारण

उदयपुर के सरकारी दफ्तरों में विभिन्न स्तरों पर होने वाली जनसुनवाई और सरकारी कार्यालयों में लंबित जनता से जुड़ी हर समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अब रोज एक घंटा जनता के नाम शाम तीन से चार बजे तक अधिकारी जनसुनवाई करेंगे. जिसके लिए मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने हाल ही में इस सबंध में आदेश जारी किए हैं.

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जनता से जुड़ी हर समस्याओं का होगा त्वरित निस्तारण
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Published : Mar 20, 2021, 12:46 PM IST

उदयपुर. जिले के सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों पर होने वाली जनसुनवाई और सरकारी कार्यालयों में लंबित जनता से जुड़ी समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अब हर सरकारी कार्यालय में अधिकारी एक घंटा जनता से मिलेंगे. इस जनसुनवाई में पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, नाली, सफाई, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, सड़क आदि से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि जिला स्तर से लेकर उपखंड स्तर तक के अधिकारी प्रत्येक कार्य दिवस को अपने कार्यालय में उपस्थित होने वाले आमजन से शाम तीन से चार बजे तक मिलेंगे और जनसुनवाई कर समस्याओं का निस्तारण करेंगे.

अब सीधे कलेक्टर-एसपी तक पहुंचेगी जनता की आवाज

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने हाल ही में इस सबंध में आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के मुताबिक जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्येक माह जिला स्तरीय जनसुनवाई करेंगे. जिसमें अतिरिक्त कम से कम दो क्लस्टर स्तरीय और दो उपखंड स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में भाग लेगें. साथ ही जिले में जनसुनवाई की मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रमुख शासन सचिव, जन अभियोग निराकरण विभाग को हर माह भेजेंगे.

यह भी पढ़ें: भालुओं को भा रहा होटल का खाना! उदयपुर के वैज्ञानिकों ने शोध में किये चौंकाने वाले खुलासे

वहीं माह के प्रथम शुक्रवार इसके साथ ही उक्त दिवस को अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस को जिला कलेक्टर के स्तर पर जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा. जिसमें जिला मुख्यालय पर पदस्थापित विभागों के संभाग स्तरीय अधिकारीगण भी जिला स्तरीय जनसुनवाई में भाग लेंगे. मालूम हो कि राज्य स्तर पर प्राप्त परिवेदनायें जो जिला स्तर पर आवश्यक कार्रवाई हेतु भिजवाई जाती है, उनको जनसुनवाई में उचित समाधान करने के लिए सम्मिलित कर निस्तारण किया जाएगा.

गांवों के बनेंगे कलस्टर

लोक सेवाएं सहायक निदेशक दीपक मेहता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनता से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निस्तारण के लिए 10-10 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर्स तैयार कर जिला कलेक्टर को अनुमोदन के लिए भिजवाए जाएंगे. बता दें कि सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज ऐसे प्रकरण जो पूर्व में निस्तारित किए जा चुके है, परन्तु संबंधित परिवादी असंतुष्ट है और सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज ऐसे प्रकरणों जिनमें एक से अधिक विभागों के स्तर से समाधान किया जाना हो, उनको जनसुनवाई में सम्मिलित करते हुए विशेष संवेदनशीलता रखते हुए निस्तारित किए जाने के आदेश दिए गए हैं.

हर शिकायत की मिलेगी रसीद

आदेश के अनुसार परिवादियों को प्राप्ति रसीद देना और प्राप्त परिवेदनाओं को सम्पर्क पोर्टल पर जनसुनवाई तिथि के तीन दिवस में आवश्यक रूप से दर्ज किया जाना आवश्यक है.

उपखंड स्तर पर रहेगी यह व्यवस्था

माह के अंतिम शुक्रवार के साथ ही अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस को विधायक और उपखण्ड अधिकारी के स्तर पर उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला कलेक्टर की ओर से वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

यह भी पढ़ें: मां और उसकी गर्भवती बेटी को लाठियों से पीटने का वीडियो वायरल, गंभीर हालत में किया पाली रेफर

वहीं जनसुनवाई कार्यक्रमों में प्रस्तुत होने वाले विकास कार्यों से संबंधित प्रार्थना पत्रों को पृथक से दर्ज किया जाकर उपखंड अधिकारी और विकास अधिकारी की ओर से टिप्पणी सहित संबंधित जिला कलेक्टर को अपनी टिप्पणी सहित संभागीय आयुक्त को प्रेषित किया जाएगा.

उदयपुर. जिले के सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों पर होने वाली जनसुनवाई और सरकारी कार्यालयों में लंबित जनता से जुड़ी समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अब हर सरकारी कार्यालय में अधिकारी एक घंटा जनता से मिलेंगे. इस जनसुनवाई में पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य, नाली, सफाई, खाद्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, सड़क आदि से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता दी जाएगी.

जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने बताया कि जिला स्तर से लेकर उपखंड स्तर तक के अधिकारी प्रत्येक कार्य दिवस को अपने कार्यालय में उपस्थित होने वाले आमजन से शाम तीन से चार बजे तक मिलेंगे और जनसुनवाई कर समस्याओं का निस्तारण करेंगे.

अब सीधे कलेक्टर-एसपी तक पहुंचेगी जनता की आवाज

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने हाल ही में इस सबंध में आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के मुताबिक जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्येक माह जिला स्तरीय जनसुनवाई करेंगे. जिसमें अतिरिक्त कम से कम दो क्लस्टर स्तरीय और दो उपखंड स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में भाग लेगें. साथ ही जिले में जनसुनवाई की मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रमुख शासन सचिव, जन अभियोग निराकरण विभाग को हर माह भेजेंगे.

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वहीं माह के प्रथम शुक्रवार इसके साथ ही उक्त दिवस को अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस को जिला कलेक्टर के स्तर पर जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा. जिसमें जिला मुख्यालय पर पदस्थापित विभागों के संभाग स्तरीय अधिकारीगण भी जिला स्तरीय जनसुनवाई में भाग लेंगे. मालूम हो कि राज्य स्तर पर प्राप्त परिवेदनायें जो जिला स्तर पर आवश्यक कार्रवाई हेतु भिजवाई जाती है, उनको जनसुनवाई में उचित समाधान करने के लिए सम्मिलित कर निस्तारण किया जाएगा.

गांवों के बनेंगे कलस्टर

लोक सेवाएं सहायक निदेशक दीपक मेहता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनता से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निस्तारण के लिए 10-10 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर्स तैयार कर जिला कलेक्टर को अनुमोदन के लिए भिजवाए जाएंगे. बता दें कि सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज ऐसे प्रकरण जो पूर्व में निस्तारित किए जा चुके है, परन्तु संबंधित परिवादी असंतुष्ट है और सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज ऐसे प्रकरणों जिनमें एक से अधिक विभागों के स्तर से समाधान किया जाना हो, उनको जनसुनवाई में सम्मिलित करते हुए विशेष संवेदनशीलता रखते हुए निस्तारित किए जाने के आदेश दिए गए हैं.

हर शिकायत की मिलेगी रसीद

आदेश के अनुसार परिवादियों को प्राप्ति रसीद देना और प्राप्त परिवेदनाओं को सम्पर्क पोर्टल पर जनसुनवाई तिथि के तीन दिवस में आवश्यक रूप से दर्ज किया जाना आवश्यक है.

उपखंड स्तर पर रहेगी यह व्यवस्था

माह के अंतिम शुक्रवार के साथ ही अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस को विधायक और उपखण्ड अधिकारी के स्तर पर उपखण्ड स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला कलेक्टर की ओर से वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

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वहीं जनसुनवाई कार्यक्रमों में प्रस्तुत होने वाले विकास कार्यों से संबंधित प्रार्थना पत्रों को पृथक से दर्ज किया जाकर उपखंड अधिकारी और विकास अधिकारी की ओर से टिप्पणी सहित संबंधित जिला कलेक्टर को अपनी टिप्पणी सहित संभागीय आयुक्त को प्रेषित किया जाएगा.

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