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भू स्थानिक तकनीक पर उदयपुर में हो रहा राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, देश के जाने-माने शिक्षाविद लेंगे हिस्सा

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Published : Nov 25, 2019, 10:47 PM IST

उदयपुर में सोमवार से भू-स्थानिक तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ. यह कार्यक्रम मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में 5 राज्यों के 25 से अधिक शिक्षक, शोधकर्ता, सरकारी कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं.

भू स्थानिक तकनीक खबर, geospatial technology news

उदयपुर. जिले में भू-स्थानिक तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ. 21 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 5 राज्यों से करीब 25 शिक्षक, शोधकर्ता और सरकारी कर्मचारी शामिल हो रहे हैं. सुखाड़िया विश्वविद्यलय के भूगोल विभाग की मेजबानी में आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को केन्द्र सरकार के नेचुरल रिसोर्सेज डेटा मेनेजमेंट सिस्टम के तहत किया जा रहा है.

भू स्थानिक तकनीक पर उदयपुर में हो रहा राष्ट्रीय स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

पढ़ें: आवासन मंडल ने 35 दिन में बेचे 1010 फ्लैट, अब सीलबंद नीलामी से बेचे जायेंगे मकान

वहीं कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान शामिल हुए. साथ ही भू-स्थानिक तकनीक की महत्ता पर अपना व्याख्यान भी दिया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से भू-स्थानिक दृष्टि और राष्ट्रीय विकास में भू-स्थानिक तकनीकी की महत्ता पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सत्र के दौरान सेटेलाइट की रिमोट सेंसिंग और जीपीएस के मार्फत सेटेलाइट से डाटा कलेक्शन को लेकर प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें कि इससे पहले साल 2016 में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन हुआ था.

उदयपुर. जिले में भू-स्थानिक तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ. 21 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 5 राज्यों से करीब 25 शिक्षक, शोधकर्ता और सरकारी कर्मचारी शामिल हो रहे हैं. सुखाड़िया विश्वविद्यलय के भूगोल विभाग की मेजबानी में आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को केन्द्र सरकार के नेचुरल रिसोर्सेज डेटा मेनेजमेंट सिस्टम के तहत किया जा रहा है.

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वहीं कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान शामिल हुए. साथ ही भू-स्थानिक तकनीक की महत्ता पर अपना व्याख्यान भी दिया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से भू-स्थानिक दृष्टि और राष्ट्रीय विकास में भू-स्थानिक तकनीकी की महत्ता पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सत्र के दौरान सेटेलाइट की रिमोट सेंसिंग और जीपीएस के मार्फत सेटेलाइट से डाटा कलेक्शन को लेकर प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें कि इससे पहले साल 2016 में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन हुआ था.

Intro:उदयपुर में सोमवार से भू - स्थानिक तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ यह कार्यक्रम मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया जा रहा है इस कार्यक्रम में 5 राज्यों के 25 से अधिक शिक्षक, शोधकर्ता, सरकारी कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैंBody:उदयपुर में आज भू-स्थानिक तकनीक पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आगाज हुआ 21 दिन तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 5 राज्यों से करीब 25 शिक्षक, शोधकर्ता और सरकारी कर्मचारी शामिल हो रहे है सुखाडिया विश्वविद्यलय के भूगोल विभाग की मेजबानी में आयोजित होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को केन्द्र सरकार के नेचुरल रिसोर्सेज डेटा मेनेजमेंट सिस्टम के तहत किया जा रहा है कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के निदेशक डॉ प्रकाश चौहान शामिल हुए और भू-स्थानिक तकनीक की महत्ता पर अपना व्याख्यान भी दिया कार्यक्रम में मुख्य रूप से भू-स्थानिक दृष्टि एवं राष्ट्रीय विकास में भू-स्थानिक तकनीकी की महत्ता पर प्रशिक्षण दिया जायेगा सत्र के दौरान सेटेलाइट की रिमोट सेंसिंग और जीपीएस के मार्फत सेटेलाइट से डाटा कलेक्शन को लेकर प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा
Conclusion:आपको बता दें कि इससे पहले साल 2016 में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उदयपुर में हुआ था इसके बाद अब इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है

बाइट - डॉ सीमा जालान - विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग
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