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उदयपुर के MSU नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटर पर डिग्रियां अपलोड करने वाला बना पहला विश्वविद्यालय - एमएसयू डिग्रियां अपलोड करने वाला पहला विश्वविद्यालय

उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जहां अब तक की सभी डिग्रियां नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटर पर अपलोड कर दी गई है.

Udaipur news, degrees upload on National Academic Depository
MSU नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटर पर डिग्रियां अपलोड करने वाला बना पहला विश्वविद्यालय
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Published : Dec 6, 2020, 10:00 PM IST

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जहां अब तक की सभी डिग्रियां नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटर पर अपलोड कर दी गई है. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. कुंजन आचार्य ने बताया कि नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में 3 साल पहले विश्वविद्यालय ने अपनी उपस्थिति दर्ज की थी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस पर नजर रखता है और इस तरह के कार्यों को बढ़ावा देता है.

विश्वविद्यालय में इस योजना के प्रभारी प्रो. करुणेश सक्सेना के निर्देशन में 3 साल के अब तक स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की करीब 2 लाख डिग्रियां एनडीएमएल पर अपलोड की है. पिछले कुछ अर्से से केंद्र सरकार ने डिजिलॉकर योजना की शुरुआत की है. इसमें सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के साथ ही विद्यार्थियों के संबंधित कर्मचारियों द्वारा वेरिफिकेशन भी आसानी से हो जाता है.

यह भी पढ़ें- किसानों के भारत बंद को कांग्रेस का भी समर्थन, CM गहलोत ने Tweet कर दी जानकारी

नई व्यवस्था के तहत 22 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह के तत्काल बाद पिछले एक वर्ष की सभी डिग्रियां डिजीलॉकर पर अपलोड कर दी जाएगी. ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगाय कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने प्रो. सक्सेना एवं उनकी तकनीकी टीम को बधाई दी है और कहा है कि विद्यार्थियों को डिग्रियां समय पर और सुरक्षित तरीके से प्राप्त हो. इस कार्य में हम सफल रहे हैं और भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन में तत्परता दिखाएंगे.

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय प्रदेश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जहां अब तक की सभी डिग्रियां नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटर पर अपलोड कर दी गई है. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. कुंजन आचार्य ने बताया कि नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में 3 साल पहले विश्वविद्यालय ने अपनी उपस्थिति दर्ज की थी. मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस पर नजर रखता है और इस तरह के कार्यों को बढ़ावा देता है.

विश्वविद्यालय में इस योजना के प्रभारी प्रो. करुणेश सक्सेना के निर्देशन में 3 साल के अब तक स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी और अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की करीब 2 लाख डिग्रियां एनडीएमएल पर अपलोड की है. पिछले कुछ अर्से से केंद्र सरकार ने डिजिलॉकर योजना की शुरुआत की है. इसमें सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के साथ ही विद्यार्थियों के संबंधित कर्मचारियों द्वारा वेरिफिकेशन भी आसानी से हो जाता है.

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नई व्यवस्था के तहत 22 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत समारोह के तत्काल बाद पिछले एक वर्ष की सभी डिग्रियां डिजीलॉकर पर अपलोड कर दी जाएगी. ऐसा करने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय होगाय कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने प्रो. सक्सेना एवं उनकी तकनीकी टीम को बधाई दी है और कहा है कि विद्यार्थियों को डिग्रियां समय पर और सुरक्षित तरीके से प्राप्त हो. इस कार्य में हम सफल रहे हैं और भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं के क्रियान्वयन में तत्परता दिखाएंगे.

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