उदयपुर. शहर में इन दिनों मानव तस्करी यूनिट और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बाल श्रम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद अलग-अलग जगहों पर बाल श्रम लगातार जारी है.
ऐसे ही बाल श्रम के खिलाफ सोमवार को मानव तस्करी यूनिट और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर एक बडी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जिसमें 21 बाल श्रमिकों को रेस्क्यू कर बालश्रम से मुक्त करवाया गया. मानव तस्करी यूनिट को सूचना मिली थी कि घंटाघर के समीप कोलपोल इलाके में मीनाकारी कार्य बच्चों से करवाया जा रहा है. ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
बता दें कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रिद्धिमा शर्मा ने इस कार्रवाई के बाद बताया कि मानव तस्करी यूनिट को जो सूचना मिली उसके आधार पर जब कोलपोल इलाके में कार्रवाई के टीम पंहुची तो बाल श्रमिकों के द्वारा कार्य करवाए जा रहा था. ऐसे में सबसे पहले इन बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया, लेकिन इसमें खास बात यह है कि बाल श्रम के लिए पश्चिम बंगाल से बच्चों को उदयपुर लाया गया और इनसे यहां पर शहर के अंदरूनी इलाके में मीनाकारी का कार्य करवाया जा रहा था.
पढ़ेंः उदयपुर में अब सोमवार सुबह 10 बजे तक बंद रहेगा इंटरनेट
इस कार्रवाई के बाद जब जांच की गई तो पता चला कि इनके आईडी कार्ड भी डुप्लीकेट है और अलग-अलग तरीके से बने हुए हैं. इसलिए विस्तृत रूप से इसकी जांच की जाएगी और दुकानदार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि इस कार्रवाई के बाद इन बच्चों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है. वहीं दूसरी ओर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रिद्धिमा शर्मा ने यह भी कहा कि पूरे शहर में बाल श्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.