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Lumpy Effect in Udaipur : यहां युवाओं ने उठाया गायों को बचाने का बीड़ा, आइसोलेशन सेंटर बनाकर कर रहे इलाज

राजस्थान में लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच उदयपुर से अच्छी खबर सामने आई है, जहां एक गांव के युवाओं ने गौवंश को बचाने का बीड़ा उठाया है. युवाओं की ये टीम आइसोलेशन सेंटर बनाकर गौवंशों का इलाज कर रहे हैं. यहां जानिए पूरी कहानी...

Udaipur Isolation Center for Cows
आइसोलेशन सेंटर बनाकर गायों का कर रहे इलाज
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Published : Sep 21, 2022, 6:41 PM IST

Updated : Sep 21, 2022, 8:01 PM IST

उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में भी लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. उदयपुर संभाग के अन्य जिलों में भी लगातार पशु संक्रमित होते जा रहे हैं. यहां गौवंश के लिए आइसोलेशन सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन लंपी वायरस से लगातार गौ माता की स्थिति दयनीय होती जा रही है. इस बीमारी की मार से हजारों गायों की मौत हो चुकी है.

जहां एक ओर इस दयनीय स्थिति में भी नेता सियासत करने में जुटे हुए हैं, लेकिन कुछ लोग अब गौ माता के इस दर्द को समझते हुए (Udaipur Isolation Center for Cows) इस स्थिति में उनकी रक्षा करने में जुटे हुए हैं. ऐसे में कई जगहों पर गौ माता को इस बुरी स्थिति से निकालने के लिए गौ भक्त आगे आए हैं.

किसने क्या कहा, सुनिए...

दरअसल, राजस्थान में लंपी वायरस के प्रकोप से अब तक हजारों गौवंशों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रदेश की सियासी पार्टियों से जुड़े नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. राजस्थान की विधानसभा में जहां इस मुद्दे को लेकर विपक्ष आक्रामक है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस संकटकाल से जूझती गायों की रक्षा के लिए बीड़ा उठाया है. उदयपुर शहर से सटे बेदला गांव में भी लंपी वायरस से ग्रसित गौ माता की सेवा के लिए बड़गांव के युवाओं ने मिलकर बड़ा कदम उठाया है. ये युवा अपने और समाज के आर्थिक सहयोग से पीड़ित गायों की इलाज करने में जुटे हुए हैं.

युवाओं की टीम ने गौ माता के रहने के लिए एक बाड़े में आइसोलेशन सेंटर बनाया है. यही नहीं, इस सेंटर में एक साथ 20 गायों के रहने की व्यवस्था की गई है. युवाओं की टीम दिन-रात मेहनत कर (Treating Cows by Making Isolation Centers) संक्रमित गायों को सेंटर पर लाती है. इसके बाद उन्हें आइसोलेशन में रखकर इलाज करती है. जिन गौ माता की स्थिति ज्यादा खराब होती है, उन्हें यह टीम बड़गांव के पशु चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा देती है.

बेदला उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि गौ माता के लिए वर्तमान समय काफी कठिन एव चुनौती भरा है. ऐसे में गांव के युवाओं ने मिलकर इन गायों की रक्षा करने और इनके लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया है. जिसमें करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा युवा जुटे हुए हैं. हर रोज बड़ी संख्या में गायों का उपचार किया जाता है. इस आइसोलेशन में गायों को मेडिसिन, खाने का हरा चारा, पशु आहार, आयुर्वेदिक लड्डू सहित सभी व्यवस्था की गई है. इन सब व्यवस्थाओं को जनसहयोग के माध्यम से किया जा रहा है.

पढ़ें : गौवंश मौत के आंकड़ों पर घिरी गहलोत सरकार, 4 लाख से ज्यादा लापता...विपक्ष ने किया वॉकआउट

पशु पालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक भूपेंद्र भारद्वाज ने बताया कि यहां पर आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जिसमें गांव के युवाओं के सहयोग के साथ लंपी बीमारी से ग्रसित गायों को उपचार के लिए लाया जाता है. ऐसे में इस तरह के आइसोलेशन सेंटर अगर प्रत्येक गांव में बनाए जाएं तो काफी हद तक गायों की रक्षा की जा सकती है. यहां के युवाओं के द्वारा गायों के खाने-पीने और दवाओं का नियमित इंतजाम किया जा रहा है. इस मुहिम में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा युवा गौ रक्षा के काम में जुटे हुए हैं, जो कि अपने स्तर पर पैसा इकट्ठा कर गायों के लिए चारा और दवाइयों का इंतजाम कर रहे हैं.

उदयपुर के वर्तमान हालात : ‌उदयपुर जिले में अब तक 1727 गायों की मौत (Cows Death in Udaipur) हो चुकी है. लंपी वायरस से अब तक 61602 गौवंश के संक्रमण में आ चुके हैं, जिनमें से 24243 गौवंश इस संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं. जबकि अन्य गायों का इलाज फिलहाल अलग-अलग आइसोलेशन सेंटर में किया जा रहा है. वहीं, उदयपुर में बड़ी संख्या में गौवंशों का टीकाकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है.

उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में भी लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. उदयपुर संभाग के अन्य जिलों में भी लगातार पशु संक्रमित होते जा रहे हैं. यहां गौवंश के लिए आइसोलेशन सेंटर भी बनाया गया है, लेकिन लंपी वायरस से लगातार गौ माता की स्थिति दयनीय होती जा रही है. इस बीमारी की मार से हजारों गायों की मौत हो चुकी है.

जहां एक ओर इस दयनीय स्थिति में भी नेता सियासत करने में जुटे हुए हैं, लेकिन कुछ लोग अब गौ माता के इस दर्द को समझते हुए (Udaipur Isolation Center for Cows) इस स्थिति में उनकी रक्षा करने में जुटे हुए हैं. ऐसे में कई जगहों पर गौ माता को इस बुरी स्थिति से निकालने के लिए गौ भक्त आगे आए हैं.

किसने क्या कहा, सुनिए...

दरअसल, राजस्थान में लंपी वायरस के प्रकोप से अब तक हजारों गौवंशों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रदेश की सियासी पार्टियों से जुड़े नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है. राजस्थान की विधानसभा में जहां इस मुद्दे को लेकर विपक्ष आक्रामक है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस संकटकाल से जूझती गायों की रक्षा के लिए बीड़ा उठाया है. उदयपुर शहर से सटे बेदला गांव में भी लंपी वायरस से ग्रसित गौ माता की सेवा के लिए बड़गांव के युवाओं ने मिलकर बड़ा कदम उठाया है. ये युवा अपने और समाज के आर्थिक सहयोग से पीड़ित गायों की इलाज करने में जुटे हुए हैं.

युवाओं की टीम ने गौ माता के रहने के लिए एक बाड़े में आइसोलेशन सेंटर बनाया है. यही नहीं, इस सेंटर में एक साथ 20 गायों के रहने की व्यवस्था की गई है. युवाओं की टीम दिन-रात मेहनत कर (Treating Cows by Making Isolation Centers) संक्रमित गायों को सेंटर पर लाती है. इसके बाद उन्हें आइसोलेशन में रखकर इलाज करती है. जिन गौ माता की स्थिति ज्यादा खराब होती है, उन्हें यह टीम बड़गांव के पशु चिकित्सालय में बने आइसोलेशन वार्ड में पहुंचा देती है.

बेदला उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ ने बताया कि गौ माता के लिए वर्तमान समय काफी कठिन एव चुनौती भरा है. ऐसे में गांव के युवाओं ने मिलकर इन गायों की रक्षा करने और इनके लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया है. जिसमें करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा युवा जुटे हुए हैं. हर रोज बड़ी संख्या में गायों का उपचार किया जाता है. इस आइसोलेशन में गायों को मेडिसिन, खाने का हरा चारा, पशु आहार, आयुर्वेदिक लड्डू सहित सभी व्यवस्था की गई है. इन सब व्यवस्थाओं को जनसहयोग के माध्यम से किया जा रहा है.

पढ़ें : गौवंश मौत के आंकड़ों पर घिरी गहलोत सरकार, 4 लाख से ज्यादा लापता...विपक्ष ने किया वॉकआउट

पशु पालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक भूपेंद्र भारद्वाज ने बताया कि यहां पर आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जिसमें गांव के युवाओं के सहयोग के साथ लंपी बीमारी से ग्रसित गायों को उपचार के लिए लाया जाता है. ऐसे में इस तरह के आइसोलेशन सेंटर अगर प्रत्येक गांव में बनाए जाएं तो काफी हद तक गायों की रक्षा की जा सकती है. यहां के युवाओं के द्वारा गायों के खाने-पीने और दवाओं का नियमित इंतजाम किया जा रहा है. इस मुहिम में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा युवा गौ रक्षा के काम में जुटे हुए हैं, जो कि अपने स्तर पर पैसा इकट्ठा कर गायों के लिए चारा और दवाइयों का इंतजाम कर रहे हैं.

उदयपुर के वर्तमान हालात : ‌उदयपुर जिले में अब तक 1727 गायों की मौत (Cows Death in Udaipur) हो चुकी है. लंपी वायरस से अब तक 61602 गौवंश के संक्रमण में आ चुके हैं, जिनमें से 24243 गौवंश इस संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं. जबकि अन्य गायों का इलाज फिलहाल अलग-अलग आइसोलेशन सेंटर में किया जा रहा है. वहीं, उदयपुर में बड़ी संख्या में गौवंशों का टीकाकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है.

Last Updated : Sep 21, 2022, 8:01 PM IST
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