उदयपुर. कोरोना सक्रंमण के चलते जहां एक ओर लॉकडाउन में लोग अपने परिवार के साथ घर में बैठकर एक-दूसरे के साथ टाइम बिता रहे है. वहीं दूसरी ओर झीलों की नगरी उदयपुर के पालनहार माने जाने वाले भगवान जगदीश 400 साल में पहली बार बिना भक्तों के मंदिर जगमगाया.
बिना भक्तों के भगवान मंदिर में
उदयपुर का जगदीश मंदिर हमेशा भक्तों से आबाद रहता था, लेकिन लॉक डाउन के बाद आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है. ऐसे में अब पुजारी परिवार के चुनिंदा लोगों द्वारा ही भगवान जगदीश की सेवा पूजा की जा रही है. बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब भगवान बिना भक्तों के मंदिर में है और भगत अपने घर पर भगवान से मनोकामनाएं कर रहे हैं.
भगवान को भक्तों का इंतजार
देशभर में लोग डाउन लागू होने के बाद सभी सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों को पूरी तरह आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. इसके चलते उदयपुर में भी सभी मंदिर पूरी तरह से बंद है. ऐसे में उदयपुर के पालनहार कहे जाने वाले भगवान जगदीश का मंदिर भी मानो भक्तों का इंतजार कर रहा हो. भक्तों से भरा रहने वाला उदयपुर का जगदीश मंदिर कुछ दिनों से शांत और पूरी तरह खाली नजर आ रहा है.
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पुजारी कर रहे भगवान जगदीश की पूजा
मंदिर में सिर्फ पुजारी परिवार के चुनिंदा लोग ही भगवान जगदीश की सेवा पूजा में लगे हुए हैं. वहीं पुजारी गजेंद्र बताते हैं कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे. इस दौरान गजेंद्र ने बताया कि प्रतिदिन भगवान की सभी झांकियों की आरती की जाती है. उसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है.
पहली बार भगवान अकेले
पिछले 45 साल से जगदीश मंदिर में आने वाली हीराबाई का कहना है कि पहली बार ऐसा देख रही हूं जब मंदिर इतना खाली और सूना सूना दिखाई दे रहा है. पिछले 45 साल से प्रतिदिन भगवान जगदीश के दर्शन कर रही हूं, लेकिन उम्मीद नहीं की थी, कि ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा.