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Hitendra Garasiya Case : रूस में शव दफनाने के विरोध में राष्ट्रपति से गुहार लगाने पहुंचा हितेंद्र का परिवार - Rashtrapati Bhavan New Delhi

उदयपुर के हितेंद्र गरासिया का शव अब तक रूस से भारत नहीं लाया जा सका है. इसी बीच परिवार को खबर मिली है कि रूस में हितेंद्र के शव को दफना दिया गया है. इसी का विरोध जताने हितेंद्र के परिजन नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन (Hitendra Garasiya family at Rashtrapati Bhavan) पहुंचे.

नई दिल्ली राष्ट्रपति के दर पर पहुंचा हितेंद्र का परिवार
नई दिल्ली राष्ट्रपति के दर पर पहुंचा हितेंद्र का परिवार
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Published : Jan 1, 2022, 9:21 PM IST

उदयपुर. जिले के गोडवा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को देह को चोरी-छिपे रूस में दफनाने की सूचना मिलने के बाद परिवार विरोध जताने दिल्ली पहुंचा. इस दौरान कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा के साथ नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर मदद की गुहार लगायी.

हितेंद्र गरासिया की धर्मपत्नी आशा गरासिया, पुत्र पीयूष, पुत्री उर्वशी व मोहन लाल गरासिया ने राष्ट्रपति सचिवालय (Hitendra Garasiya family at President's Secretariat) के अधिकारियों से कहा कि देश के एक गरीब आदिवासी बीपीएल परिवार के साथ क्यों भारत व रूस की सरकार की ओर से ऐसा घोर अन्याय किया जा रहा है.

पढ़ें: Hitendra Garasiya Case: हितेन्द्र का शव रूस से भारत लाने के मामले में हाईकोर्ट ने रूसी दूतावास को दिया नोटिस, मांगा जवाब

रो पड़ी बेटी,'कब्र में मेरे पिता की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी'

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन देकर परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग कि है कि हितेंद्र की दिवंगत देह को रूस में कब्र से निकाल कर अंतिम संस्कार के लिए भारत परिवार के पास लाया जाए. उर्वशी ने कहा कि कब्र में मेरे पिता की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी. यह कहते हुये राष्ट्रपति सचिवालय में उर्वशी के आंसू छलक आए.

विदेश मंत्रालय पर भी परोक्ष भूमिका निभाने का आरोप

राष्ट्रपति के नाम दिये ज्ञापन में परिजनों ने भारत सरकार पर भी हितेंद्र के गरासिया के शव को रूस में दफनाने में परोक्ष भूमिका निभाने का आरोप लगाया है. ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और रूस स्थित भारतीय दूतावास के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने इस मामले में प्रारंभ से ही तथ्यों को छिपाकर परिजनों व देश को गलत जानकारी दी.

पढ़ें: शव भारत नहीं भेजने पर बेटी ने दी रूसी राष्‍ट्रपति पूतिन के समक्ष आत्मदाह की चेतावनी

अन्याय का डटकर मुकाबला करेंगे- शर्मा

हितेंद्र की दिवंगत देह को सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भारत लाने की मुहिम चला रहे चर्मेश शर्मा ने कहा कि दफनाने के समाचार से हमें गहरा आघात लगा है. लेकिन हम हर अन्याय का डटकर मुकाबला करेंगे और हितेंद्र की दिवंगत देह को कब्र से निकालकर भारत लाने का संघर्ष शुरू हो गया है और विधिवत अंतिम संस्कार होने तक हम चुप नहीं बैठेंगे. आपको बता दें कि उदयपुर के हितेंद्र गरासिया की 17 जुलाई, 2021 को रूस में मौत हो गई थी. 6 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शव को भारत लाने को लेकर परिवार दर-दर भटक कर अपनी गुहार लगा रहा है.

उदयपुर. जिले के गोडवा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया के शव को देह को चोरी-छिपे रूस में दफनाने की सूचना मिलने के बाद परिवार विरोध जताने दिल्ली पहुंचा. इस दौरान कांग्रेस के प्रवासी सहायता प्रभारी चर्मेश शर्मा के साथ नई दिल्ली राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर मदद की गुहार लगायी.

हितेंद्र गरासिया की धर्मपत्नी आशा गरासिया, पुत्र पीयूष, पुत्री उर्वशी व मोहन लाल गरासिया ने राष्ट्रपति सचिवालय (Hitendra Garasiya family at President's Secretariat) के अधिकारियों से कहा कि देश के एक गरीब आदिवासी बीपीएल परिवार के साथ क्यों भारत व रूस की सरकार की ओर से ऐसा घोर अन्याय किया जा रहा है.

पढ़ें: Hitendra Garasiya Case: हितेन्द्र का शव रूस से भारत लाने के मामले में हाईकोर्ट ने रूसी दूतावास को दिया नोटिस, मांगा जवाब

रो पड़ी बेटी,'कब्र में मेरे पिता की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी'

राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन देकर परिजनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग कि है कि हितेंद्र की दिवंगत देह को रूस में कब्र से निकाल कर अंतिम संस्कार के लिए भारत परिवार के पास लाया जाए. उर्वशी ने कहा कि कब्र में मेरे पिता की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी. यह कहते हुये राष्ट्रपति सचिवालय में उर्वशी के आंसू छलक आए.

विदेश मंत्रालय पर भी परोक्ष भूमिका निभाने का आरोप

राष्ट्रपति के नाम दिये ज्ञापन में परिजनों ने भारत सरकार पर भी हितेंद्र के गरासिया के शव को रूस में दफनाने में परोक्ष भूमिका निभाने का आरोप लगाया है. ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और रूस स्थित भारतीय दूतावास के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने इस मामले में प्रारंभ से ही तथ्यों को छिपाकर परिजनों व देश को गलत जानकारी दी.

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अन्याय का डटकर मुकाबला करेंगे- शर्मा

हितेंद्र की दिवंगत देह को सम्मानजनक अंतिम संस्कार के लिए भारत लाने की मुहिम चला रहे चर्मेश शर्मा ने कहा कि दफनाने के समाचार से हमें गहरा आघात लगा है. लेकिन हम हर अन्याय का डटकर मुकाबला करेंगे और हितेंद्र की दिवंगत देह को कब्र से निकालकर भारत लाने का संघर्ष शुरू हो गया है और विधिवत अंतिम संस्कार होने तक हम चुप नहीं बैठेंगे. आपको बता दें कि उदयपुर के हितेंद्र गरासिया की 17 जुलाई, 2021 को रूस में मौत हो गई थी. 6 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शव को भारत लाने को लेकर परिवार दर-दर भटक कर अपनी गुहार लगा रहा है.

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