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उदयपुर: 100 दिन से बेटे के अंतिम संस्कार का इंतजार, रूस में गई जान...NHRC ने लगाई विदेश मंत्रालय को फटकार

मृत्यु के पश्चात अंतिम संस्कार प्रत्येक व्यक्ति का शाश्वत अधिकार है.अंतरराष्ट्रीय कानून भी इसे मान्यता देते हैं, लेकिन पिछले 100 दिनों से राजस्थान निवासी हितेंद्र गरासिया की दिवंगत देह अंतिम संस्कार के लिये रूस से भारत आने की प्रतीक्षा कर रही है. परिवार कई बार जिम्मेदारों तक अपनी बात पहुंचा चुका है लेकिन हाथ अब भी खाली हैं. ऐसे में HRC यानी National Human Right Commission सामने आया है और उसने इस मसले में विदेश मंत्रालय को फटकार लगाई है.

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अंतिम संस्कार के लिए 100 दिन से कर रहा इंतजार
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Published : Oct 28, 2021, 10:37 AM IST

Updated : Oct 28, 2021, 12:38 PM IST

उदयपुर: विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान के चर्मेश शर्मा (Charmesh Sharma) ने इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर का पत्र लिखकर उदयपुर जिले के खैरवाड़ा तहसील के गोडवा गांव निवासी हितेंद्र की पार्थिव देह को भारत लाने के लिये भारत सरकार से त्वरित कदम उठाने की मांग की है.

अंतिम संस्कार के लिए 100 दिन से कर रहा इंतजार

खेरवाड़ा उपखण्ड़ के ग्राम पंचायत करावाडा के गोड़वा निवासी देवीलाल गरासिया के बेटे हितेन्द्र (44 साल) की रूस में मौत की जानकारी 17 अगस्त 2021 को मिली. रूसी दूतावास (Russian Embassy) के माध्यम से पहाड़ा पुलिस थाने ने मौत की सूचना परिवार तक पहुंचाई. घरवालों ने इस दुखद खबर की अपेक्षा नहीं की थी.

पढ़े- Udaipur: पैंथर के बच्चे का अजब गजब रेस्क्यू! कट्टे में बंद किया बाद में कैरेट के नीचे दबाया...वन विभाग की लापरवाही को लेकर उठे कई सवाल

आंसू सूख गए लेकिन...

कमाऊ सदस्य का निधन परिवार के लिए एक बड़ा आघात था. कोहराम मच गया. आंसू नहीं थम रहे थे. लेकिन फिर इंतजार खत्म नहीं हुआ. अपने बेटे, पिता, भतीजे और पति के अंतिम दर्शन कर अंतिम बिदाई देने की ख्वाहिश अब भी बाकी है. विगत 3 महीनों से शव को भारत लाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. मगर कहीं से भी कोई सही जवाब नहीं मिल पा रहा है.

कोशिश जारी है

परिजनों का कहना है कि 17 अगस्त से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. मगर शव को भारत नहीं भेजा जा रहा है.परिजनों का कहना है कि उन्होंने नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास (Russian Embassy) को मेल से शव को भारत भेजने का आग्रह किया. इस पर Embassy ने परिजनों को रूसी मुर्दाघर में सम्पर्क करने को कह हाथ खड़े कर दिए.

100 दिन से इंतजार

100 दिन बाद भी भारतीय मजदूर हितेंद्र गरासिया का शव भारत नहीं पहुंचा है.इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक्शन में आया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा (Charmesh Sharma) की शिकायत पर एक्शन लेते हुए भारत सरकार के विदेश सचिव को नोटिस भेजा है. साथ में आयोग ने इस संबंध में केस दर्ज कराने की भी बात कही है. शर्मा ने 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission ) में शिकायत दर्ज कराई थी.

अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का अधिकार
कुछ जनप्रतिनिधि भी सामने आए हैं. इनमें से एक हैं चर्मेश शर्मा. इन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे मेल में लिखा है कि विधिवत अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का प्राकृतिक , ईश्वरीय, धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार वैधानिक अधिकार है. दो देशों में युद्ध के दौरान भी किसी की मृत्यु होने पर दिवंगत देह को अंतिम संस्कार के लिये उसके देश में परिवार के पास पहुंचाया जाता है. लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 95 दिन बाद भी नागरिक के शव को भारत नहीं भेजा जा रहा है.

उदयपुर: विदेश में संकटग्रस्त भारतीयों की सहायता के लिए कार्य करने वाले राजस्थान के चर्मेश शर्मा (Charmesh Sharma) ने इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर का पत्र लिखकर उदयपुर जिले के खैरवाड़ा तहसील के गोडवा गांव निवासी हितेंद्र की पार्थिव देह को भारत लाने के लिये भारत सरकार से त्वरित कदम उठाने की मांग की है.

अंतिम संस्कार के लिए 100 दिन से कर रहा इंतजार

खेरवाड़ा उपखण्ड़ के ग्राम पंचायत करावाडा के गोड़वा निवासी देवीलाल गरासिया के बेटे हितेन्द्र (44 साल) की रूस में मौत की जानकारी 17 अगस्त 2021 को मिली. रूसी दूतावास (Russian Embassy) के माध्यम से पहाड़ा पुलिस थाने ने मौत की सूचना परिवार तक पहुंचाई. घरवालों ने इस दुखद खबर की अपेक्षा नहीं की थी.

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आंसू सूख गए लेकिन...

कमाऊ सदस्य का निधन परिवार के लिए एक बड़ा आघात था. कोहराम मच गया. आंसू नहीं थम रहे थे. लेकिन फिर इंतजार खत्म नहीं हुआ. अपने बेटे, पिता, भतीजे और पति के अंतिम दर्शन कर अंतिम बिदाई देने की ख्वाहिश अब भी बाकी है. विगत 3 महीनों से शव को भारत लाने के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. मगर कहीं से भी कोई सही जवाब नहीं मिल पा रहा है.

कोशिश जारी है

परिजनों का कहना है कि 17 अगस्त से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. मगर शव को भारत नहीं भेजा जा रहा है.परिजनों का कहना है कि उन्होंने नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास (Russian Embassy) को मेल से शव को भारत भेजने का आग्रह किया. इस पर Embassy ने परिजनों को रूसी मुर्दाघर में सम्पर्क करने को कह हाथ खड़े कर दिए.

100 दिन से इंतजार

100 दिन बाद भी भारतीय मजदूर हितेंद्र गरासिया का शव भारत नहीं पहुंचा है.इस मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक्शन में आया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा (Charmesh Sharma) की शिकायत पर एक्शन लेते हुए भारत सरकार के विदेश सचिव को नोटिस भेजा है. साथ में आयोग ने इस संबंध में केस दर्ज कराने की भी बात कही है. शर्मा ने 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission ) में शिकायत दर्ज कराई थी.

अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का अधिकार
कुछ जनप्रतिनिधि भी सामने आए हैं. इनमें से एक हैं चर्मेश शर्मा. इन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे मेल में लिखा है कि विधिवत अंतिम संस्कार प्रत्येक दिवंगत देह का प्राकृतिक , ईश्वरीय, धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार वैधानिक अधिकार है. दो देशों में युद्ध के दौरान भी किसी की मृत्यु होने पर दिवंगत देह को अंतिम संस्कार के लिये उसके देश में परिवार के पास पहुंचाया जाता है. लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 95 दिन बाद भी नागरिक के शव को भारत नहीं भेजा जा रहा है.

Last Updated : Oct 28, 2021, 12:38 PM IST
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