उदयपुर. 'संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरे हनुमत बलबीरा.' आज तक चौपाइयों के रूप में सुनी जाने वाली और बोली जाने वाली हनुमान चालीसा को उदयपुर के हिंदू और मुस्लिम कलाकारों ने मिलकर फिल्मी तर्ज पर बनाया है. सभी कलाकारों का दावा है कि यह देश में पहला ऐसा अनूठा प्रयोग है, जिसमें हनुमान चालीसा को फिल्मी तर्ज पर बनाया गया है. कोरोना कालखण्ड में दिग्गज प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्मी हनुमान चालीसा अब हर जुबान पर आने वाली है. क्योंकि इसे तैयार ही उसी तरह से किया गया है. लेकसिटी के कलाकारों द्वारा बनाई गई इस फिल्मी हनुमान चालीसा के पीछे उद्देश्य यह है कि यह हनुमान चालीसा बच्चे-बच्चे की जुबान पर आसानी से चढ़ जाए.
देश में लेकसिटी का नाम रोशन करने वाले एक्स फैक्टर फेम शाहनवाज खान और उनकी टीम के साथ कुल 10 कलाकारों ने इसमें अपनी आवाज दी है. जिनमें कई नवोदित कलाकर भी हैं. जिन्हें पहली बार मौका मिला है. शाहनवाज खान, असलम खान और एहसान चिश्ती के साथ कुल 10 कलाकारों ने मिलकर करीब 11 मिनट की फिल्मी हनुमान चालीसा बनाई है और इस हनुमान जयंती से पहले इसे यूट्यूब पर 'हनुमान चालीसा बाय शाहनवाज खान' के नाम से लॉन्च किया गया.
उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार, एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर और उपमहापौर पारस सिंघवी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया. टीम के मुखिया शाहनवाज खान ने बताया कि कर्म को ही पूजा मानते हुए इस हनुमान चालीसा को बनाया गया है. रोजा होने के बावजूद मंगलवार को इसकी लॉन्चिंग की गई है. साथ ही खान ने यह भी बताया कि यूं तो आज तक मुस्लिम होने की वजह से कव्वाली और नाथ तो खूब गई है, लेकिन संस्कृत की चौपाइयों में बनी हनुमान चालीसा को गाना उनके लिए भी बहुत मुश्किल था, लेकिन करीब 1 माह के कठिन रियाज के बाद सभी कलाकारों ने इसे तैयार किया और अब यह देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाने को तैयार है.
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वहीं अतुल पंड्या ने बताया कि जिस तरह से किसी भी मुश्किल वक्त में हम अपने भगवान को याद करते हैं और बजरंगबली को संकटमोचक माना गया है. उसी तरह फिल्मी हनुमान चालीसा अब बच्चे-बच्चे की जुबान पर चढ़ जाएगी और एक बार फिर संकट मोचन हनुमान हम सभी की इस भयावह महामारी से रक्षा करेंगे.
बता दें कि उदयपुर में बनी देश की पहली हनुमान चालीसा में हिंदू-मुस्लिम गायकों के साथ नन्हीं बच्चियों ने भी कत्थक नृत्य किया है. कत्थक नृत्य और फिल्मी धुन के अनूठे संगम से हनुमान चालीसा और भी खूबसूरत बन गई है. इस चालीसा को बनाने वाले कलाकारों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बन्द पड़े भट्टियानी चौहट्टा स्थित लिटिल गार्डन होटल में इसे फिल्माया गया है. इस हनुमान चालीसा को शहर के उभरते फिल्म मेकर गौरव प्रभाकर ने शूट किया है. देश की पहली फिल्मी फिल्मी हनुमान चालीसा में उदयपुर के असलम खान, अतुल पंड्या, सुभाष चौबीसा, अशोक गंधर्व, नीतू पवन गहलोत, आशीष गोराणा, गगन सनाढ्य के साथ चित्तौड़गढ़ के एहसान चिश्ती और धर्मनगरी नाथद्वारा के विष्णु जोशी ने अपने स्वर दिए है.
आज से पहले आपने किसी क्लासिकल या सेमी क्लासिकल गानों पर कत्थक जैसा नृत्य होते देखा होगा, लेकिन उदयपुर में बनी इस पहली हनुमान चालीसा में जिस तरह गायकों ने फिल्मी तर्ज पर इसे सजाया है. उसी में आपको कत्थक नृत्य का अनूठा संगम भी देखने को मिलेगा. शहर की पानेरियों की मादड़ी में शिवम नाट्य कला केंद्र की नन्हीं बच्चों ने इस फिल्मी हनुमान चालीसा में कत्थक नृत्य किया है. आम बोलचाल की भाषा में चौपाइयों जैसे शब्द आसानी से समझ में नहीं आने के कारण इसे फिल्मी धुन पर बनाया गया है, जिससे इसे कोई भी आसानी से याद कर सकेगा.
वहीं इसकी खूबसूरती में उस वक्त चार चांद लग जाएंगे जब भारतीय धर्म और संस्कृति से जुड़े नृत्य की झलकियां हनुमान चालीसा के बीच-बीच में दिखाई देने लगेगी. इस हुनमान चालीसा में अवि सेन, गुंजन माली, प्राची सालवी, लक्ष्य सैनी, हर्षिता शर्मा, सुष्मिता मेघवाल और गर्विता रामचंदानी ने कत्थक नृत्य कर इसे ओर भी खूबसूरत बना दिया है, कोरियोग्राफी किरण पानेरी ने की है.