उदयपुर. कोरोना पॉजीटिव होकर अन्य लोगों की जान जोखिम में डालकर हवाई यात्रा करने वाले किसी यात्री के विरूद्ध संभवतः राज्य का प्रथम प्रकरण है. एडीएम (प्रशासन) ओपी बुनकर ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से एयरपोर्ट पर कोरोना प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करवाने हेतु नियुक्त प्रभारी ने डबोक थाने पर यह एफआईआर दर्ज करवाई है.
इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर...
एडीएम बुनकर ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुये राज्य सरकार के गृह विभाग व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला कलक्टर के आदेशानुसार हरियाणा सहित 6 राज्यों से आने वाले यात्रियों को आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य था. एयरपोर्ट पर जांच के दौरान के पास कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी तो उनका कोविड-19 जांच हेतु सैंपल लिया गया. उसके बाद 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया. यात्री द्वारा प्रतापनगर स्थित होटल योइस में क्वारेंटाइन होना बताया और इसके लिए उन्हें सूचित कर लिखित में घोषणा पत्र भी लिया गया.
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पाबंद करने के बावजूद भाग गया यात्री...
यात्री की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर एयरपोर्ट पर तैनात प्रशासन की टीम और कन्ट्रोल रूम द्वारा होटल पर ही क्वारेंटाइन रहने हेतु पाबन्द किया गया. इसके बावजूद यात्री सिंह 20 मार्च की सायं इंडिगो फ्लाइट से दिल्ली होते हुए पुनः गुड़गांव चला गया. यह जानते हुए भी कि वह कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित है.
ऐसे में यात्री द्वारा फ्लाइट से दिल्ली और वहां से गुडगांव यात्रा करने पर अन्य सहयात्रियों एवं एयरपोर्ट पर तैनात कार्मिकों व अन्य लोगों पर कोविड-19 का संक्रमण फैलने की संभावना के साथ उनका जीवन खतरे में डाला गया. एफआईआर में बताया गया है कि यात्री रोशन सिंह कृत्य भारतीय दंड संहिता 270 के तहत अपराध है. इसी तरह यात्रि द्वारा क्वारेंटाइन की पालना नहीं करना धारा 51,52 आपदा प्रबंधन के तहत अपराध है.