उदयपुर. जिले में बुधवार को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में पिता-पुत्र की मौत (Road Accident In Udaipur) हो गई. उदयपुर के गोगुंदा थाना क्षेत्र के गणेशजी मार्ग पर पुलिया के नीचे बुधवार एक तेज रफ्तार रोडवेज बस ने बाइक को अपनी चपेट में ले लिया. हादसा इतना दर्दनाक था कि रोडवेज बस बाइक को करीब 30 से 40 मीटर दूर तक घसीटते हुए ले गई. ऐसे में बाइक के परखच्चे उड़ गए. बाइक सवार युवक का हेलमेट भी चकनाचूर हो गया. आनन-फानन में दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया.
अस्पातल में इलाज के दौरान पुत्र ने बुधवार को ही दम तोड़ दिया था. पिता को प्राथमिक उपचार के बाद उदयपुर रेफर किया गया जहां गुरुवार सुबह इलाज के दौरान उनकी भी मृत्यु हो गई. घटना के बाद से ही परिवार में मातम पसरा हुआ है. फिलहाल पिता पुत्र के शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द किया गया.
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प्रत्यक्षदर्शियों से मिली जानकारी के अनुसार सिरोही से उदयपुर की ओर जाने वाली रोडवेज बस गोगुंदा कस्बे में घुसते समय पुलिया के नीचे अनियंत्रित हो गई. जिसने बाइक सवार दो लोगों को अपनी चपेट में लिया. जिसके बाद दोनों युवकों को बाइक सहित करीब 35 से 40 मीटर तक घसीटते हुए बस ले गई. ग्रामीणों की सूचना पर गोगुन्दा थाने के एएसआई हरिसिंह, 108 के पायलट सोहन सिंह मौके पर पहुंचे और दोनों को गोगुन्दा हॉस्पिटल पहुंचाया.
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डाॅक्टरों ने पिता की गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया. पुत्र को मृत घोषित कर दिया. इस दौरान रोडवेज बस में सवार 44 सवारियों को अन्य रोडवेज बस में शिफ्ट कर उदयपुर पहुंचाया गया. पुलिस सम्बंधित थाने में सूचना देकर फरार चालक की तलाश करने में जुटी हुई है.
गोगुंदा सड़क हादसे में 15 साल के भावेश की मृत्यु हो गई वहीं उसके पिता जेताराम ने इलाज के दौरान आज दम तोड़ दिया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिता-पुत्र घर लौट रहे थे. इसी दौरान रोडवेज ने उन्हें टक्कर मार दी. घटना की सूचना मिलने के बाद परिवार में मातम छा गया. फिलहाल पुलिस दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवा रही है इसके बाद परिजनों को शव सुपुर्द किए जाएंगे.
परिवार में कमाने वाला इकलौता व्यक्ति था...
परिवार के सदस्य से मिली जानकारी के अनुसार जेताराम अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता व्यक्ति था. इनकी पत्नी की 6 महीने पहले ही मौत हो गई थी जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर थी. लेकिन अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे में नन्हे बच्चों के सिर से मां के बाद पिता का साया भी उठ गया. जेताराम के तीन बच्चे हैं जिनमें एक की मौत हो गई. इनके अलावा एक 12 साल की लड़की और 8 साल का लड़का है. परिवार में बुजुर्ग दादा हैं. अब इन बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी दादा के कंधों पर आ गई है लेकिन वृद्धावस्था के कारण उनके सामने भी दिक्कत बढ़ गई है. ऐसे में परिवार के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है. ऐसे में सरकार से परिवार मदद की गुहार लगा रहा है.