उदयपुर. कोरोना संक्रमण लगातार पूरे देश में अपने पैर पसार रहा है. राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है. प्रदेश में भी दिनों-दिन संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में अब इसका असर आम जनजीवन पर भी दिखाई देने लगा है. वहीं हमेशा आम लोगों की खुशियों का गवाह रहने वाले मैरिज गार्डन इन दिनों सूने दिखाई देने लगे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते गार्डन व्यवसाय पूरी तरह चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है.
लेक सिटी उदयपुर के भी हालात इसी तरह के हो गए हैं. जहां शहर के सभी मैरिज गार्डन संचालक कोरोना और सरकारी नियम कायदों से परेशान नजर आ रहे हैं. उदयपुर के मैरिज गार्डन एसोसिएशन के सदस्य विक्रम मेनारिया ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद जनता में असमंजस की स्थिति आ गई है. सिर्फ 50 लोगों के लिए अब मैरिज गार्डन करना आम लोगों की जेब को रास नहीं आ रहा है.
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मेनारिया ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार का सीजन तो पूरी तरह चौपट हो गया है. ऐसे में कर्मचारियों को अब जेब से वेतन देना पड़ रहा है. वहीं अब देखना होगा देवउठनी एकादशी तब सरकार द्वारा किस तरह की छूट और नियम बनाए जाते हैं, क्योंकि आम जनता के साथ मैरिज गार्डन संचालक भी अब सरकार के आगामी आदेश का इंतजार कर रहे हैं.
मैरिज गार्डन संचालक विक्रम मेनारिया ने बताया कि पहले जहां गार्डन के अनुसार पैसा लिया जाता था, वहीं अब आदमियों की गिनती के अनुसार लोगों से पैसे लिए जा रहे हैं. ऐसे में अब सरकार को आगे बढ़कर मैरिज गार्डन संचालकों की मदद करनी चाहिए और विभिन्न तरह के जो टैक्स मैरिज गार्डन संचालकों से वसूले जाते हैं, उन्हें छूट दी जानी चाहिए.
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वहीं इस पूरे मामले पर उदयपुर के उपमहापौर पारस सिंघवी का कहना है कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों की हर संभव मदद नगर निगम प्रशासन करेगा, लेकिन इसके लिए उन्हें हमारे पास तक अपनी बात पहुंचाने होगी. बिना उनकी समस्या जाने हम उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाएंगे.