उदयपुर. प्रदेश के 20 जिलों की 90 निकाय चुनाव का परिणाम रविवार को सामने आया. सबकी निगाहें इस बार मेवाड़ संभाग पर टिकी हुई थीं. इस बार जनता जनार्दन ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही करवटें बदलने को मजबूर कर दिया.
पिछले दिनों भाजपा और कांग्रेस के तमाम बड़े लीडर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत इन दोनों ही पार्टियों के अन्य नेताओं ने जमकर चुनाव प्रचार प्रसार किया. परिणाम रोचक सामने आए. भाजपा को इस बार कांग्रेस ने कई स्थानों पर शिकस्त दी. बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कई किलों को ध्वस्त किया. उदयपुर संभाग के कुल 13 निकायों में से छह में कांग्रेस को बहुमत मिला जबकि भाजपा को 5 में तो वहीं भिंडर नगर पालिका में जनता सेना अपना बोर्ड बनाने में कामयाब हुई.
उदयपुर जिले की तीन नगर पालिकाओं के परिणाम
उदयपुर की भिंडर, सलूंबर, और फतेहनगर में भाजपा और कांग्रेस को जनता ने झटका दिया. सलूंबर नगर पालिका में कांग्रेस ने भाजपा के किले को ध्वस्त किया. यहां 30 साल से काबिज भाजपा को जनता ने निकालने का काम किया इस सीट पर भाजपा के अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा. 25 निकाय वाली सलूंबर में जहां कांग्रेस को 15 सीट, भाजपा को 8 जबकि दो निर्दलीय जीतने में कामयाब हुए.
सलूंबर से उदयपुर सांसद अर्जुन लाल मीणा की पत्नी भी पार्षद चुनाव हार गई. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव में जमकर जोर लगाया था लेकिन जनता ने नकारने का काम किया. साथ ही कांग्रेस नेता रघुवीर मीणा का प्रदर्शन ठीक दिखाई पड़ा.
फतेहनगर नगर पालिका परिणाम
फतेहनगर नगर पालिका में एक बार फिर से भाजपा सत्ता पर काबिज हुई. यहां कांग्रेस के वादे और इरादे धरातल पर दिखाई नहीं पड़े. कांग्रेस को 11 सीट मिली जबकि भाजपा 14 सीट. इस दौरान मावली विधायक धर्म राम जोशी ने अपनी पालिका का बोर्ड बचाने का काम किया.
भिंडर नगर पालिका परिणाम
भिंडर नगर पालिका में इस बार न भाजपा के वादे धरातल पर उतरे और न ही सत्तापक्ष की अपील. दोनों को ही जनता ने नकारते हुए रणवीर सिंह की पार्टी जनता सेना को सत्ता की चाबी सौंपी. जनता ने जहां भाजपा को तीसरे स्थान पर पहुंचाया तो कांग्रेस को दूसरे स्थान पर. जनता सेना को 13 सीटें मिली तो कांग्रेस को 10, वहीं भाजपा को 2 सीटों पर जीत मिली. आने वाले दिनों में वल्लभनगर -भिंडर में विधानसभा उपचुनाव भी है.
राजसमंद जिले के निकायों के परिणाम
राजसमंद नगर परिषद और देवगढ़ नगर पालिका के चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाले हैं. भाजपा का किला कहे जाने वाला राजसमंद नगर परिषद इस बार कांग्रेस ने ढहा दिया. 45 वर्ड वाले परिषद में जहां कांग्रेस को 26 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं भाजपा को 18 सीटों पर सिमट गई. इसी के साथ एक निर्दलीय भी चुनाव जीतने में कामयाब हुआ. भाजपा के अंदरूनी कलह और टिकट में गुटबाजी की बात सामने आ रही है. यहां भाजपा के सतीश पूनिया, दीया कुमारी और मदन दिलावर, मनोहर चौधरी की साथ गुलाबचंद कटारिया की रणनीति भी काम नहीं आई.
देवगढ़ नगर पालिका में भाजपा का परचम- देवगढ़ नगर पालिका में 25 वार्डों में से भाजपा को 14 पर जीत मिली. जबकि 11 वार्ड पर कांग्रेस को जीत मिली
प्रतापगढ़ जिले का निकाय चुनाव परिणाम
प्रतापगढ़ नगर परिषद और छोटी सादड़ी नगरपालिका के लिए प्रतापगढ़ में इस बार 40 वार्ड तो छोटी सादड़ी 25 में से 21 वार्ड के लिए मतगणना हुई. क्योंकि यहां पर 4 वार्ड पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. प्रतापगढ़ नगर परिषद में भाजपा को पूर्ण बहुमत हासिल हुआ. भाजपा ने 40 में से 21 सीटों पर कब्जा जमाया तो कांग्रेस 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई.
प्रतापगढ़ में कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा ने कांग्रेस प्रत्याशियों को विजयी बनाने में जहां एड़ी चोटी का जोर लगाया तो वहीं भाजपा की फूट को खत्म कर चुनाव प्रभारी पूर्व यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने बिखरी हुई भाजपा को एक मंच पर लाकर जीत दिलाने का काम किया. वहीं छोटी सादड़ी नगर पालिका चुनाव में 10 वर्षों के बाद कांग्रेस ने भाजपा से नगर की सत्ता छीन ली.
डूंगरपुर जिले में निकाय चुनाव परिणाम
नगर परिषद डूंगरपुर में कुल 40 वार्ड में से भाजपा 27 जीती, कांग्रेस 6, बीटीपी समर्थित निर्दलीय 5 और भाजपा के 2 बागी चुनाव जीतने में कामयाब रहे. भाजपा ने यहां लगातार सातवीं बार जीत दर्ज की. शहरी क्षेत्र में भाजपा का परंपरागत वोट बैंक एक बार फिर मजबूत दिखा. शहर में पिछले सालों में विकास के कार्य, स्वच्छता, पर्यटन को लेकर कई कार्य हुए हैं. जिस कारण शहर की जनता ने भाजपा को फिर से जिताया. कांग्रेस की हार का कारण रही शहरी क्षेत्र में कमजोर पकड़.
नगर पालिका सागवाड़ा में कुल वार्ड 35 हैं जिनमें कांग्रेस को 22 सीटें मिली, भाजपा को 10, निर्दलीय 3 जीतने में कामयाब हुए. सागवाड़ा नगर पालिका में कांग्रेस ने भाजपा से बोर्ड छीन लिया. भाजपा अपने वादों को यहां पूरा नहीं कर पाई, नगर में कई कार्य अधूरे रह जाने का फायदा कांग्रेस को मिला.
बांसवाड़ा जिले में निकाय चुनाव परिणाम
नगरपालिका कुशलगढ़ में 20 पार्षद पदों के लिए भाजपा को 15 कांग्रेस को दो एवं तीन निर्दलीय पार्षद जीतने में सफल रहे. यहां से भाजपा बोर्ड बनाएगी. भाजपा जहां कुशलगढ़ में एकजुट दिखाई पड़ी तो वहीं कांग्रेस में अंदरूनी खेमेबाजी के कारण हार का सामना करना पड़ा.
चित्तौड़गढ़ जिले के परिणाम
जिले के बेगूं और बड़ी सादड़ी में कांग्रेस ने भारी बहुमत के साथ चुनाव जीता. कपासन में हालांकि भाजपा कांग्रेस के मुकाबले 1 सीट आगे है. लेकिन यहां भाजपा के लिए अध्यक्ष पद के दावेदारों की संख्या को देखते हुए भाजपा के समक्ष मुश्किल है. यहां पर कपासन में 25 में से भारतीय जनता पार्टी 12 और कांग्रेस के 11 प्रत्याशी मैदान मारने में कामयाब रहे. जबकि दो निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत कर आए हैं. ऐसे में अध्यक्ष अध्यक्ष पद के चुनाव में इनकी भूमिका अहम मानी जा रही है.
बेगूं नगर पालिका 25 में से 15 पर कांग्रेस तो भारतीय जनता पार्टी 8 सीटों पर सिमट गई. एक निर्दलीय प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहा. इसी प्रकार बड़ी सादड़ी में कांग्रेस ने 25 में से 14 सीटें जीती और भाजपा 10 वार्ड में ही कामयाब हो पाई. यहां एक निर्दलीय ने भी जीत हासिल की है.
निकाय चुनाव परिणाम पर अगर आकलन करें तो आने वाला विधानसभा उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही सिरदर्द दिखाई पड़ रहा है. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के नेता फिर से मंथन करने में जुट गए हैं और जिताऊ तथा प्रभावशाली प्रत्याशियों के तलाश में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. कुल मिलाकर संभाग में निकाय चुनाव में जिस तरह से जनता ने दोनों ही राजनीतिक दलों को झटका दिया है वह आने वाले उपचुनाव को देखते हुए दोनों राजनीतिक दलों के लिए खतरे की घंटी है.