उदयपुर. नैनिहालों से उनकी मासूमियत छीन उनसे मजदूरी कराने का मामले एक बार फिर सामने आया है. गुजरात के सूरत में उदयपुर के लगभग 130 से अधिक बच्चों को बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने के बाद उदयपुर बाल आयोग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया. जिन्हें सोमवार को उदयपुर लाया जाएगा.
बता दें कि आदिवासी बाहुल्य उदयपुर अक्सर बच्चों को गुजरात ले जाया जाता है और वहां उनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने पर उदयपुर कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर टीम में सूरत के साड़ी कारखानों पर दबिश दी. इन साड़ी कारखानों में 130 से ज्यादा बाल श्रमिक कार्य करते हुए मिले.
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सदस्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि 'बचपन बचाओ अभियान' के तहत बॉर्डर इलाकों में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के निर्देशन में पिछले तीन-चार महीने से बाल श्रमिकों पर रेकी की जा रही थी. इस कर्रवाई के दौरान राजस्थान बाल संरक्षण आयोग, आसरा संस्थान, उदयपुर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक बड़ी टीम सूरत पहुंची. इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों को चिन्हित भी किया गया था.
गौरतलब है कि अधिकतर कारखानों में काम करने वाले बाल श्रमिक उदयपुर के ही रहने वाले पाए गए हैं. इस कार्रवाई के दौरान करीब दो दर्जन ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इस बड़ी कार्रवाई से सूरत के इन इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. अब सभी बाल श्रमिकों को उदयपुर लाया जाएगा. जहां सीडब्ल्यूसी की ओर से अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.