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मासूमों पर जुल्म की दास्तां... कलम की जगह थमा दी गई मशीनें, 130 से अधिक बच्चों को राजस्थान बाल आयोग ने गुजरात से किया रेस्क्यू

बाल मजदूरी के चपेट में आकर ये नैनिहाल अपना बचपना खो देते हैं. बावजूद इसके देश में बाल मजदूरी थमने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर उदयपुर के मासूमों का बचपन मजदूरी के भेंट चढ़ गया. इन बच्चों को राजस्थान बाल आयोग की टीम में पुलिस की मदद से रेस्क्यू किया है.

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Published : Dec 30, 2019, 3:10 AM IST

उदयपुर. नैनिहालों से उनकी मासूमियत छीन उनसे मजदूरी कराने का मामले एक बार फिर सामने आया है. गुजरात के सूरत में उदयपुर के लगभग 130 से अधिक बच्चों को बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने के बाद उदयपुर बाल आयोग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया. जिन्हें सोमवार को उदयपुर लाया जाएगा.

बाल मजदूरों को गुजरात के सूरत से कराया गया मुक्त

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य उदयपुर अक्सर बच्चों को गुजरात ले जाया जाता है और वहां उनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने पर उदयपुर कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर टीम में सूरत के साड़ी कारखानों पर दबिश दी. इन साड़ी कारखानों में 130 से ज्यादा बाल श्रमिक कार्य करते हुए मिले.

यह भी पढ़ें- जयपुर: शाहपुरा में अज्ञात वाहन की टक्कर से स्कूटी सवार 2 युवक घायल, हालत गंभीर

सदस्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि 'बचपन बचाओ अभियान' के तहत बॉर्डर इलाकों में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के निर्देशन में पिछले तीन-चार महीने से बाल श्रमिकों पर रेकी की जा रही थी. इस कर्रवाई के दौरान राजस्थान बाल संरक्षण आयोग, आसरा संस्थान, उदयपुर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक बड़ी टीम सूरत पहुंची. इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों को चिन्हित भी किया गया था.

गौरतलब है कि अधिकतर कारखानों में काम करने वाले बाल श्रमिक उदयपुर के ही रहने वाले पाए गए हैं. इस कार्रवाई के दौरान करीब दो दर्जन ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इस बड़ी कार्रवाई से सूरत के इन इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. अब सभी बाल श्रमिकों को उदयपुर लाया जाएगा. जहां सीडब्ल्यूसी की ओर से अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

उदयपुर. नैनिहालों से उनकी मासूमियत छीन उनसे मजदूरी कराने का मामले एक बार फिर सामने आया है. गुजरात के सूरत में उदयपुर के लगभग 130 से अधिक बच्चों को बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने के बाद उदयपुर बाल आयोग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया. जिन्हें सोमवार को उदयपुर लाया जाएगा.

बाल मजदूरों को गुजरात के सूरत से कराया गया मुक्त

बता दें कि आदिवासी बाहुल्य उदयपुर अक्सर बच्चों को गुजरात ले जाया जाता है और वहां उनसे बाल मजदूरी करवाई जाती है. जिसकी सूचना मुखबिर से मिलने पर उदयपुर कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर टीम में सूरत के साड़ी कारखानों पर दबिश दी. इन साड़ी कारखानों में 130 से ज्यादा बाल श्रमिक कार्य करते हुए मिले.

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सदस्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य शैलेन्द्र पंड्या ने बताया कि 'बचपन बचाओ अभियान' के तहत बॉर्डर इलाकों में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के निर्देशन में पिछले तीन-चार महीने से बाल श्रमिकों पर रेकी की जा रही थी. इस कर्रवाई के दौरान राजस्थान बाल संरक्षण आयोग, आसरा संस्थान, उदयपुर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक बड़ी टीम सूरत पहुंची. इसके बाद गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों को चिन्हित भी किया गया था.

गौरतलब है कि अधिकतर कारखानों में काम करने वाले बाल श्रमिक उदयपुर के ही रहने वाले पाए गए हैं. इस कार्रवाई के दौरान करीब दो दर्जन ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इस बड़ी कार्रवाई से सूरत के इन इलाकों में अफरा-तफरी मच गई. अब सभी बाल श्रमिकों को उदयपुर लाया जाएगा. जहां सीडब्ल्यूसी की ओर से अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.

Intro:उदयपुर जिला प्रशासन और बाल संरक्षण आयोग की टीम ने आज उदयपुर के आदिवासी अंचल के नन्हे बच्चों को गुजरात में बाल मजदूरी करते हुए मुक्त करवाया बता दे कि गुजरात के सूरत में लगभग 130 से अधिक बच्चों को बाल मजदूरी करवाई जा रही थी मुखबिर से मिली सूचना के बाद उदयपुर जिला प्रशासन बाल आयोग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर इन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया जिन्हें सोमवार को उदयपुर लाया जाएगाBody:उदयपुर के आदिवासी अंचल में लगातार बढ़ रहे बाल श्रम को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने आज गुजरात के सूरत में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया दरअसल आदिवासी बाहुल्य उदयपुर जिले से बच्चों को मजदूरी के लिए गुजरात ले जाया जाता है ऐसे में उदयपुर कलेक्टर और एसपी के निर्देश पर आज टीम में सूरत के साड़ी कारखानों पर दबिश दी इस दौरान साड़ी कारखानों में काम करने वाले 130 से ज्यादा बाल श्रमिकों को मुक्त कराया इस कार्रवाई में गुजरात पुलिस का भी सहयोग लिया गया करवाई के दौरान राजस्थान बाल संरक्षण आयोग, आसरा संस्थान, उदयपुर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक बड़ी टीम सूरत पहुंची बचपन बचाओ अभियान के तहत बॉर्डर इलाकों में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के निर्देशन में पिछले तीन-चार महीने से बाल श्रमिकों पर रेकी की जा रही थी इस दौरान गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों को चिन्हित भी किया गयाbउसी के तहत आज राजस्थान से 20 लोगों की टीम ने गुजरात में दबिश दी सूरत के विभिन्न इलाकों में चल रहे हैं साड़ी कारखानों पर गुजरात पुलिस के सहयोग से दबिश दी और वहां उदयपुर जिले के बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया इनमें से अधिकतर कारखानों में काम करने वाले बाल श्रमिक उदयपुर जिले के ही रहने वाले पाए गए ऐसे में सभी को मुक्त कराकर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया Conclusion:वही इस कार्रवाई के दौरान करीब दो दर्जन ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है इस समय मौके पर प्रशासनिक टीम अग्रिम कार्रवाई में जुटी है अचानक हुई इस बड़ी कार्रवाई से सूरत के इन इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया अब सभी बाल श्रमिकों को उदयपुर लाया जाएगा जहां सीडब्ल्यूसी द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाएगी

कृपया छोटे बच्चों के शॉर्ट्स ब्लड करके चलाएं
बाइट - शैलेन्द्र पंड्या, सदस्य बाल संरक्षण आयोग
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