उदयपुर. मेवाड़ की दो विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव घोषणा कर दी गई है. धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को मतदान होगा. 2 नवंबर को परिणाम आएंगे. वल्लभनगर विधानसभा सीट चर्चित सीट है क्योंकि इस विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है.
कांग्रेस,भाजपा के अलावा जनता सेना भी प्रमुख पार्टी है. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा को जनता सेना से मुकाबला करना पड़ता है. दिवंगत विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के कारण वल्लभनगर में उप चुनाव हो रहे हैं. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर शक्तावत परिवार का दबदबा रहा है. पूर्व विधायक गुलाब सिंह शक्तावत यहां से 6 बार जीत का परचम लहरा चुके हैं, जबकि उनके पुत्र गजेंद्र सिंह शक्तावत तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर दो बार चुनाव जीते है. वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भाजपा लंबे समय से जीत अर्जित नहीं कर पाई है.
त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार
इस बार के चुनाव में सबकी निगाहें वल्लभनगर विधानसभा सीट पर टिकी हुई है क्योंकि वल्लभनगर विधानसभा सीट पर विगत वर्षों से त्रिकोणीय मुकाबला है. ऐसे में जहां सत्तापक्ष को अपनी जीत बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है तो वहीं भाजपा और जनता से न फिर से जमीन तलाशने में जुटी हुई है. हालांकि इस सीट पर शक्तावत परिवार का दबदबा रहा है. विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. ऐसे में चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद चुनावी रंग में फिजा रंगी हुई नजर आ रही है.
वहीं, विगत चुनाव में अगर नजर डालें तो यहां से शक्तावत परिवार का ही कांग्रेस में बोलबाला रहा. पूर्व विधायक गुलाब सिंह शक्तावत यहां से 6 बार परचम लहरा चुके हैं. जबकि उनके पुत्र गजेंद्र सिंह शक्तावत यहां से तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर दो बार जीते.
शक्तावत परिवार में टिकट को लेकर घमासान
गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उन्हीं के परिवार के सदस्य एक बार फिर मैदान में नजर आ रहे हैं. गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत टिकट की दावेदारी कर रही है. दूसरी और गजेंद्र सिंह के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत भी ताल ठोक रहे हैं. कांग्रेस की ओर से भीम सिंह चुंडावत और राज सिंह झाला समेत अन्य दावेदारी कर रहे हैं.
देवेंद्र सिंह शक्तावत की दावेदारी से बिगड़े कांग्रेस के समीकरण
शक्तावत परिवार के ही 2 सदस्यों ने टिकट देने की मांग के साथ ही कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है. क्योंकि पिछले ही दिनों गजेंद्र सिंह शक्तावत के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत ने टिकट के लिए दावेदारी कर दी थी. इन सबको एक जाजम पर लाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है.
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भाजपा ने लंबे समय से नहीं चखा जीत का स्वाद
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भाजपा लंबे समय से जीत अर्जित नहीं कर पाई है. ऐसे में कुछ दिन पूर्व ही कुंभलगढ़ में भाजपा के दो दिवसीय चिंतन बैठक में इन दोनों ही सीटों को लेकर काफी मंथन हुआ. इस बार के चुनाव में भाजपा के नेता जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन अब तक के परिणाम भाजपा के लिए सुखद साबित नहीं हुए. ऐसे में भाजपा चुनाव में पूरा जोर लगाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेगी. चुनाव से पूर्व ही भाजपा ने अपने पर्यवेक्षकों को कुंभलगढ़ और धरियावद विधानसभा सीट पर जमीन तलाशने के लिए भेजा था.
भाजपा और कांग्रेस, जनता सेना अब अपने-अपने पक्ष में क्षेत्र की जनता को लुभा रहे हैं. जनता सेना भी वल्लभनगर में खासा दबदबा रखती है.हालांकि, विगत उपचुनाव को देखें तो दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने विधायकों के परिवार के सदस्यों पर ही विश्वास जताया था.