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विश्व पृथ्वी दिवसः ईटीवी भारत की खास पेशकश, बंजर से हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रृंखला

22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर उदयपुर की अरावली पर्वत श्रृंखला की कुछ खास बाते हम आपको दिखाएंगे. जाने कि कैसे बंजर होती जा रही अरावली पर्वत श्रृंखला फिर से हरी-भरी होने लगी.

Aravalli mountain range of Udaipur  उदयपुर की अरावली पर्वत श्रृंखला
बंजर से फिर हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला
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Published : Apr 22, 2020, 2:11 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 6:27 PM IST

उदयपुर. 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर राजस्थान के उदयपुर से जुड़ा एक सच आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं. जिसे देख आप भी हैरान हो जाएंगे. उदयपुर में पिछले लंबे समय से मार्बल व्यवसाय की तरफ से मार्बल के अपशिष्ट पदार्थ को अरावली पर्वत श्रृंखला में डाला जा रहा था. जिसके बाद यह पर्वत श्रृंखला पूरी तरह से बंजर और सफेद चादर में ढक गई थी.

बंजर से फिर हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला

लेकिन पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन की ओर से एक बार फिर इसे हरा-भरा बनाने की कोशिश की गई. अब एक बार फिर इस पर्वत श्रृंखला का रूप बदलता नजर आ रहा हैं. राजस्थान के मेवाड़ संभाग में मार्बल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. उदयपुर भी इससे अछूता नहीं हैं. उदयपुर के आसपास के कई इलाकों में मार्बल की कई खदानें हैं. इन खदानों से प्रचुर मात्रा में मार्बल निकाला जाता हैं. इसे आम लोगों की जरूरत के अनुसार शुद्ध कर बाजार में भेजा जाता हैं.

पढ़ें- उदयपुरवासी मॉडिफाइड लॉकडाउन को लॉकडाउन की तरह समझें और घर में रहें: पुलिस अधीक्षक

लेकिन इस दौरान बड़ी मात्रा में इनसे अपशिष्ट पदार्थ भी निकलता हैं. जिसे मार्बल की 'स्लरी' कहते हैं. पिछले लंबे समय से मार्बल व्यवसाई यह स्लरी उदयपुर के अरावली पहाड़ों में डाल रहे थे. जिसके चलते पहाड़ों की स्थिति काफी बदल गई थी. एक सफेद चादर पूरे पहाड़ों में बिछ गई थी. जिसके बाद पहाड़ों की स्थिति जहां पूरी तरह खराब हो गई तो वहीं हरे-भरे पहाड़ भी बंजर से होने लगे थे. इसके बाद में जिला प्रशासन हरकत में आया और एक बार फिर अरावली के पहाड़ों को हरा-भरा करने की कोशिश में जुट गया. ऐसे में जिला प्रशासन ने मार्बल एसोसिएशन के सहयोग से एक बार फिर इस क्षेत्र में हरियाली लाने की कोशिश की.

क्या कहा उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति के पूर्व अध्यक्ष शरत कटारिया नेः

बंजर से फिर हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला

पढ़ेंः रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल! 'रिव्यू जारी...इसके परिणाम निर्भर करेंगे की रखना है या वापस करना है'

अब जिला प्रशासन और मार्बल एसोसिएशन कि पहल सार्थक साबित हो रही हैं. जो जमीन लंबे समय से बंजर हो गई थी वहां एक बार फिर हरे भरे पेड़ दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि यह स्थिति सिर्फ राजस्थान के उदयपुर की ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई अन्य जिलों की भी है. लेकिन वहां इस तरह की पहल नहीं की गई. उदयपुर में इस पहल को अंजाम दिया गया जो अब मूर्त रूप लेने लगी हैं. विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर ईटीवी भारत भी आप सभी से अपील करता है आप सभी अपनी पृथ्वी को सुरक्षित रखें. इस खास रिपोर्ट को आप तक पहुंचाने में सहयोगी यशवंत साहू का भी योगदान है.

उदयपुर. 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर राजस्थान के उदयपुर से जुड़ा एक सच आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं. जिसे देख आप भी हैरान हो जाएंगे. उदयपुर में पिछले लंबे समय से मार्बल व्यवसाय की तरफ से मार्बल के अपशिष्ट पदार्थ को अरावली पर्वत श्रृंखला में डाला जा रहा था. जिसके बाद यह पर्वत श्रृंखला पूरी तरह से बंजर और सफेद चादर में ढक गई थी.

बंजर से फिर हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला

लेकिन पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन की ओर से एक बार फिर इसे हरा-भरा बनाने की कोशिश की गई. अब एक बार फिर इस पर्वत श्रृंखला का रूप बदलता नजर आ रहा हैं. राजस्थान के मेवाड़ संभाग में मार्बल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. उदयपुर भी इससे अछूता नहीं हैं. उदयपुर के आसपास के कई इलाकों में मार्बल की कई खदानें हैं. इन खदानों से प्रचुर मात्रा में मार्बल निकाला जाता हैं. इसे आम लोगों की जरूरत के अनुसार शुद्ध कर बाजार में भेजा जाता हैं.

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लेकिन इस दौरान बड़ी मात्रा में इनसे अपशिष्ट पदार्थ भी निकलता हैं. जिसे मार्बल की 'स्लरी' कहते हैं. पिछले लंबे समय से मार्बल व्यवसाई यह स्लरी उदयपुर के अरावली पहाड़ों में डाल रहे थे. जिसके चलते पहाड़ों की स्थिति काफी बदल गई थी. एक सफेद चादर पूरे पहाड़ों में बिछ गई थी. जिसके बाद पहाड़ों की स्थिति जहां पूरी तरह खराब हो गई तो वहीं हरे-भरे पहाड़ भी बंजर से होने लगे थे. इसके बाद में जिला प्रशासन हरकत में आया और एक बार फिर अरावली के पहाड़ों को हरा-भरा करने की कोशिश में जुट गया. ऐसे में जिला प्रशासन ने मार्बल एसोसिएशन के सहयोग से एक बार फिर इस क्षेत्र में हरियाली लाने की कोशिश की.

क्या कहा उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति के पूर्व अध्यक्ष शरत कटारिया नेः

बंजर से फिर हरी-भरी होती उदयपुर की अरावली पर्वत श्रंखला

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अब जिला प्रशासन और मार्बल एसोसिएशन कि पहल सार्थक साबित हो रही हैं. जो जमीन लंबे समय से बंजर हो गई थी वहां एक बार फिर हरे भरे पेड़ दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि यह स्थिति सिर्फ राजस्थान के उदयपुर की ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई अन्य जिलों की भी है. लेकिन वहां इस तरह की पहल नहीं की गई. उदयपुर में इस पहल को अंजाम दिया गया जो अब मूर्त रूप लेने लगी हैं. विश्व पृथ्वी दिवस के मौके पर ईटीवी भारत भी आप सभी से अपील करता है आप सभी अपनी पृथ्वी को सुरक्षित रखें. इस खास रिपोर्ट को आप तक पहुंचाने में सहयोगी यशवंत साहू का भी योगदान है.

Last Updated : Apr 22, 2020, 6:27 PM IST
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