उदयपुर. देश और प्रदेश में जहां एक तरफ कोरोना महामारी संपूर्ण मानव जाति पर कहर बनकर टूटा रही है. जहां आम जनजीवन इस महामारी से लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है. वहीं इस बीच आपदा बनकर सामने आया तौकते तूफान की वजह से लोगों पर दोहरी आपदा का सामना करना पड़ रहा है.
इस महामारी के दौर में देश के कई राज्यों में इस तूफान की वजह से एक नई आपदा खड़ी हुई है. इस तूफान का साया राजस्थान के कई जिलों पर भी पड़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है. यही वजह है कि मंगलवार को प्रदेश के कई जिलों में मौसम एकाएक बदलने से दिन भर बरसात और आंधी तूफान का दौर देखा गया. मंगलवार को उदयपुर में भी दिन भर मौसम करवटें बदलता रहा. सुबह से ही आसमान में बादलों की आवाजाही बनी रही. दोपहर बाद को अचानक बारिश होने लगी.
चक्रवाती तूफान का असर लेक सिटी उदयपुर पर दिनभर दिखाई दिया. वहीं शासन प्रशासन की ओर से तूफान को देखते हुए समुचित व्यवस्था की गई. दिन भर बदले मौसम के मिजाज की वजह से जहां तापमान में गिरावट रही. वहीं उदयपुर में न्यूनतम तापमान भी 22 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. तौकते की सक्रियता को देखते हुए जिला प्रशासन पूर्ण सतर्कता बरते हुए है.
जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने एक आदेश जारी कर आपदा से निपटने के लिए जिले के प्रमुख विभागों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए है. कलेक्टर ने मंगलवार की रात को प्रमुख सरकारी कार्यालय जिला आपदा प्रबंधन अनुभाग जिला कलक्टर कार्यालय, नगर विकास प्रन्यास व नगर निगम, समस्त उपखण्ड अधिकारी व तहसील कार्यालय, समस्त पंचायत समिति कार्यालय, अजमेर वि़द्युत वितरण निगम लिमिटेड और समस्त नगर पालिका कार्यालयों को खुला रखने के निर्देश दिये है. साथ ही इन कार्यालयों के नियंत्रक अधिकारियों को कार्यालय खुले रखने व वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में स्टाफ को रात्रि में मय समस्त संसाधन उपस्थित रहने हेतु पाबंद करने के निर्देश दिये है.
पढ़ें- चक्रवाती तूफान तौकते को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर, दूसरी तरफ पाइप दे रहे हादसों को निमंत्रण
वहीं मौसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक इस चक्रवात का राजस्थान के दक्षिण पूर्वी एरिया उदयपुर और दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर संभाग पर ज्यादा असर देखने को मिलेगा. जानकारी के अनुसार उदयपुर, पाली, जालोर, राजसमंद, सिरोही और डूंगरपुर जिलों में अट्ठारह मई को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था. वन विभाग की ओर से इस तूफान की आशंका को देखते हुए रात भर कार्यालय खोलकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि राजस्थान में तूफान का असर बहुत कम दिखाई देगा.