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Hariyali Amavasya fair in Udaipur: उदयपुर में 2 वर्ष बाद हरियाली अमावस्या का मेला, फिर लौटी रंगत - हरियाली अमावस्या का मेला

कोरोना काल के 2 साल बाद उदयपुर में हरियाली अमावस्या का मेला लगाया गया (Hariyali Amavasya fair in Udaipur) है. फतहसागर और सहेलियों की बाड़ी में यह मेला करीब 125 साल से लगता आ रहा है. इस दो दिवसीय मेले का पहला दिन सभी लोगों के लिए और दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए होता है.

125 year old fair in Udaipur held on Hariyali Amavasya
उदयपुर में 2 वर्ष बाद हरियाली अमावस्या का मेला, फिर लौटी रंगत
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Published : Jul 28, 2022, 5:02 PM IST

Updated : Jul 28, 2022, 11:33 PM IST

उदयपुर. शहर में गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. कोरोना के 2 साल के बाद उदयपुर में हरियाली अमावस्या के रंगत फिर लौटती हुई नजर आ रही है. उदयपुर की फतहसागर और सहेलियों की बाड़ी में करीब 125 साल से लगता आ रहा मेला शुरू हो गया (Hariyali Amavasya fair in Udaipur) है. इस दो दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.

हरियाली अमावस्या का मेला शुरू: करीब 125 साल पुराना उदयपुर का हरियाली अमावस्या का मेला 2 साल के बाद फिर शुरू (125 year old fair in Udaipur) हुआ. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही खरीदारी करने के लिए पहुंचना शुरू हो गए. नगर निगम ने करीब 335 अस्थाई दुकानें अलग-अलग व्यापारियों को दी हैं. इनमें खानपान के अलावा रसोई, घरेलू साजो सामान, खिलौना आदि की दुकानें हैं. यूआईटी सर्किल से लेकर फतेहपुरा चौकी, फतहसागर के देवाली छोर से लेकर पांव तक छोटी-बड़ी दुकानें सजी नजर आ रही हैं. मेले के अंदर फतहसागर की पाल से यूआईटी चौराहे तक 9 छोटे बड़े झूले लगाए गए हैं.

पढ़ें: उदयपुर में दो दिवसीय हरियाली अमावस्या का मेला 28 और 29 जुलाई को भरेगा

मेले में खिलौने, कपड़े, मनिहारी, टीवी व अन्य सामानों की दुकानें सजी हैं. इसी के साथ पानीपुरी, दाबेली और अन्य खाने के व्यंजनों के स्टोर भी देखे जा सकते हैं. गुरुवार को मेले में सभी लोग शामिल होंगे, जबकि शुक्रवार को केवल महिलाओं के लिए मेला आयोजित किया जाएगा. इसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित है. इतिहासकारों के अनुसार मेवाड़ में वर्ष 1899 में तत्कालीन महाराणा प्रताप सिंह ने इस मेले की शुरुआत की थी. जो आज तक चल रहा है. महाराणा ने अपनी पत्नी की इच्छा पर इस मेले को 1 दिन से बढ़ाकर 2 दिन किया था. साथ ही दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए रखने की घोषणा की थी.

करौली के मदनमोहन मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब: सावन माह की हरियाली अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को करौली के प्रसिद्ध मदनमोहन जी मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. यहां सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी, जिससे माहौल मेले जैसा नजर आया. हजारों भक्तों ने दर्शन कर अपने तथा परिजनों की खुशहाली की मनौती मांगी. हरियाली अमावस्या पर मंदिर को अशोक एवं अन्य पेड़ों की पत्तियों से सजाया गया.

पढ़ें: बारां : नागेश्वर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बांसवाड़ा में सांस्कृतिक कार्यक्रम: बांसवाड़ा में हरियाली अमावस्या के अवसर पर शहर के बाहरी हिस्से में स्थित कागदी पिकअप क्षेत्र में मेला आयोजित किया गया. मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि पर्यटन बढ़ाने के लिए यह मेला आयोजित किया गया है. आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिससे देश दुनिया में बांसवाड़ा का नाम हो. नगर परिषद की ओर से यहां पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी के साथ ही तमाम चुने हुए जनप्रतिनिधि पहुंचे. साथ ही जिला कलेक्टर प्रकाश चंद शर्मा, एडिशनल एसपी कान सिंह भाटी व अन्य अधिकारी पहुंचे.

उदयपुर. शहर में गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. कोरोना के 2 साल के बाद उदयपुर में हरियाली अमावस्या के रंगत फिर लौटती हुई नजर आ रही है. उदयपुर की फतहसागर और सहेलियों की बाड़ी में करीब 125 साल से लगता आ रहा मेला शुरू हो गया (Hariyali Amavasya fair in Udaipur) है. इस दो दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं.

हरियाली अमावस्या का मेला शुरू: करीब 125 साल पुराना उदयपुर का हरियाली अमावस्या का मेला 2 साल के बाद फिर शुरू (125 year old fair in Udaipur) हुआ. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही खरीदारी करने के लिए पहुंचना शुरू हो गए. नगर निगम ने करीब 335 अस्थाई दुकानें अलग-अलग व्यापारियों को दी हैं. इनमें खानपान के अलावा रसोई, घरेलू साजो सामान, खिलौना आदि की दुकानें हैं. यूआईटी सर्किल से लेकर फतेहपुरा चौकी, फतहसागर के देवाली छोर से लेकर पांव तक छोटी-बड़ी दुकानें सजी नजर आ रही हैं. मेले के अंदर फतहसागर की पाल से यूआईटी चौराहे तक 9 छोटे बड़े झूले लगाए गए हैं.

पढ़ें: उदयपुर में दो दिवसीय हरियाली अमावस्या का मेला 28 और 29 जुलाई को भरेगा

मेले में खिलौने, कपड़े, मनिहारी, टीवी व अन्य सामानों की दुकानें सजी हैं. इसी के साथ पानीपुरी, दाबेली और अन्य खाने के व्यंजनों के स्टोर भी देखे जा सकते हैं. गुरुवार को मेले में सभी लोग शामिल होंगे, जबकि शुक्रवार को केवल महिलाओं के लिए मेला आयोजित किया जाएगा. इसमें पुरुषों का प्रवेश वर्जित है. इतिहासकारों के अनुसार मेवाड़ में वर्ष 1899 में तत्कालीन महाराणा प्रताप सिंह ने इस मेले की शुरुआत की थी. जो आज तक चल रहा है. महाराणा ने अपनी पत्नी की इच्छा पर इस मेले को 1 दिन से बढ़ाकर 2 दिन किया था. साथ ही दूसरा दिन केवल महिलाओं के लिए रखने की घोषणा की थी.

करौली के मदनमोहन मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब: सावन माह की हरियाली अमावस्या के अवसर पर गुरुवार को करौली के प्रसिद्ध मदनमोहन जी मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. यहां सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी, जिससे माहौल मेले जैसा नजर आया. हजारों भक्तों ने दर्शन कर अपने तथा परिजनों की खुशहाली की मनौती मांगी. हरियाली अमावस्या पर मंदिर को अशोक एवं अन्य पेड़ों की पत्तियों से सजाया गया.

पढ़ें: बारां : नागेश्वर मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

बांसवाड़ा में सांस्कृतिक कार्यक्रम: बांसवाड़ा में हरियाली अमावस्या के अवसर पर शहर के बाहरी हिस्से में स्थित कागदी पिकअप क्षेत्र में मेला आयोजित किया गया. मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने कहा कि पर्यटन बढ़ाने के लिए यह मेला आयोजित किया गया है. आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जिससे देश दुनिया में बांसवाड़ा का नाम हो. नगर परिषद की ओर से यहां पर आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया, सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी के साथ ही तमाम चुने हुए जनप्रतिनिधि पहुंचे. साथ ही जिला कलेक्टर प्रकाश चंद शर्मा, एडिशनल एसपी कान सिंह भाटी व अन्य अधिकारी पहुंचे.

Last Updated : Jul 28, 2022, 11:33 PM IST
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