उदयपुर. नारायण सेवा संस्थान की ओर से रविवार को 35वें सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे. यह आयोजन गुड़ा नारायण सेवा संस्थान के मुख्यालय पर आयोजित हुआ. कोविड-19 गाइडलाइंस की पालना करते हुए धूमधाम से दिव्यांग और वंचित वर्ग के 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.
कोविड-19 से संबंधित प्रोटोकॉल के कारण इस बार विवाह समारोह में केवल रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को ही प्रवेश दिया गया. संस्थान परिसर में सजे भव्य पंडाल में पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच जोड़ों ने सात फेरे लिए. इसके बाद दानदाताओं ने सभी विवाहित जोड़ों के लिए कन्या दान के रूप में घरेलू उपकरणों और उपहार दिए. इस दौरान नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव ने जोड़ों को आशीर्वाद दिया.
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि शादी के दौरान सभी जोडों ने अग्नि के समक्ष सात फेरे ली. साथ ही नियमित तौर पर मास्क पहनने और कोरोना महामारी के प्रति जन जागरण का प्रण भी लिया. उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह समारोह एक ऐसा आयोजन है जो हमारे दिल के बेहद करीब है. इसी से जुड़ा हमारा विशेष अभियान ‘दहेज को कहें ना’ भी है. हम पिछले 18 वर्षों से इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं.
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हमें इस बात की खुशी है कि संस्थान के प्रयासों से अब तक 2098 जोड़े सुखी और संपन्न वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं. सभी के लिए स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए हम नि:शुल्क सुधारात्मक सर्जरी, कौशल विकास से संबंधित कक्षाएं चलाते है. साथ ही प्रतिभाओं को विकसित करने से संबंधित गतिविधियों से जुड़ी सेवाएं भी प्रदान करते हैं. संस्थान की ओर से दिव्यांग और वंचित लोगों की सेवा और आजीविका भी प्रदान की जाती है. वही राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात सहित कई अन्य राज्यों के लोगों ने नारायण सेवा संस्थान से विवाह के लिए संपर्क किया था.