श्रीगंगानगर. सहायक कर्मचारी यूनियन जल संसाधन विभाग श्रीगंगानगर ने स्थानीय विधायक और जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर सालों से जर्जर पड़े मकानों को सही करवाने की मांग की है. यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग के कर्मचारी जिन सरकारी आवासों में रह रहे हैं, उनकी लंबे समय से मरम्मत नहीं होने के चलते ये मकान पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं. ऐसे में इन सरकारी मकानों में रहने वाले कर्मचारियों के परिवारों के साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
जल संसाधन विभाग के सहायक कर्मचारी यूनियन का कहना है की वर्तमान में विभाग में खाली पड़े सरकारी आवास मरम्मत नहीं होने के कारण रहने लायक नहीं है. खाली मकानों की देखभाल नहीं होने की वजह से आए दिन लोग खिड़की, दरवाजे उखाड़ कर ले जा रहे हैं. वहीं, विभाग में नव पदस्थापित कार्मिक आवास के अभाव में बाहर धर्मशाला में रह रहे हैं, जिससे उनका मानसिक रूप से एकाग्र होकर कार्य करने में कठिनाई हो रही है.
इसके अतिरिक्त अन्य आवास गृह जिनमें कार्मिक अपने परिवार सहित निवास कर रहे हैं, उनकी स्थिति ठीक नहीं है. कार्मिक जब भी घर से बाहर कार्यालय में अथवा अन्य जगह होता है, तो उसके मन में परिवार की चिंता रहती है. खाली पड़े मकानों को रहने योग्य बनाने और इनकी मरम्मत करवाने के लिए विभाग को 30 लाख रुपए का बजट प्राप्त हो जाता है, तो इनकी मरम्मत करवाकर नव नियुक्त कार्मिकों को आवंटित किया जा सकता है.
यूनियन ने चेतावनी दी है कि जर्जर मकानों की जल्दी मरम्मत नहीं हुई, तो एक बार फिर आंदोलन की राह पर कर्मचारी जाएंगे. यूनियन के जिलाध्यक्ष राधेश्याम का कहना है कि जर्जर मकानों में निवास कर रहे सरकारी कर्मचारियों के परिवारों पर हादसा होने का हर समय डर बना रहता है. ऐसे में मानसून आने के बाद जर्जर मकानों में रहने वाले कर्मचारी और ज्यादा भय में रहते है.
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उन्होंने कहा की विभाग द्वारा सरकारी कर्मचारियों से हाउस रेंट काटा जा रहा है, लेकिन मरम्मत के नाम पर पिछले लंबे समय से इन आवासों में कोई कार्य नहीं हुआ है. ऐसे में मकानों की हालत पूरी तरह से खराब हो चुकी है. वहीं विभाग के अधिकारी बजट आने की बात कहते हुए जल्दी जर्जर मकानों को सही करवाने की बात कह रहे हैं. सिंचाई विभाग अधिकारी कमेटी बनाकर जर्जर मकानों को सही करवाने का आश्वासन दे रहे हैं. ऐसे में अब देखना यह है कि सहायक कर्मचारियों को पूर्व में मिले आश्वासन की तरह एक नया आश्वासन होगा या इस बार जर्जर मकानों की हालत में सुधार हो पाएगा.