श्रीगंगानगर. राज्य सरकार के 2 प्रतिशत की दर से कृषक कल्याण फीस लगाने के विरोध में शुक्रवार को भी नई धान मंडी के व्यापारियों ने जिंसों की खरीद नहीं की. इस कारण लगातार तीसरे दिन जिंसों की बोली नहीं हुई. मंडी में केवल एफसीआई ने गेहूं की सरकारी खरीद का काम ही जारी रखा.
मंडी के व्यापारियों के अनुसार राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापारी संघ के आह्वान पर 10 मई तक व्यापारी मंडियों में काम बंद रखेंगे. अब इस मामले में सोमवार को होने वाली बैठक में ही कोई निर्णय लिया जा सकता है. धान मंडियों में व्यापारियों की ओर से खरीद नहीं करने से किसानों का माल मंडियों में खुले आसमान के नीचे पड़ा है. वहीं मंडी में सरसों, जौ और चने की बोली नहीं लगने से किसान परेशान नजर आने लगे हैं.
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श्रीगंगानगर की अनाज मंडी में फसल लेकर आने वाले किसानों का माल बोली नहीं होने से नहीं बिक रहा है. जिसके चलते अब मंडी में लाया गया किसानों का माल खुले आसमान के नीचे पड़ा है. वहीं किसानों का कहना है कि 2 प्रतिशत शुल्क लगाने से खरीद नहीं होगी तो किसान पर मार पड़ेगी. साथ ही व्यापारी भी प्रभावित होंगे. उधर, व्यापारियों ने तीसरे दिन हड़ताल जारी रखी और मंडी में किसी प्रकार की बोली नहीं की है.
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व्यापारी नेताओं की मानें तो सरकार की ओर से लगाए गए टैक्स के चलते दो नंबर का व्यापार पनपने लगेगा. ऐसे में मंडी में आढ़त का काम करने वाले व्यापारी इस 2 प्रतिशत से नुकसान में आएंगे. व्यापारियों के अनुसार पंजाब में टैक्स कम होने के चलते सीमावर्ती राज्यों में जिंस जाने लगेगी. जिससे यहां की मंडियां वीरान हो जाएंगी. वहीं व्यापारियों का कहना है कि पंजाब में टैक्स कम होने के कारण बगैर लाइसेंस वाले व्यापारी दूसरे राज्यों में यहां से जिन्स ले जाकर बेचेंगे.