श्रीगंगानगर. महंगाई के इस दौर में शिक्षा का बाजारीकरण हो रहा है. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चल रहे कोचिंग संस्थानों के लिए फीस भी बहुत महंगी हो गई है. लोग मोटी फीस देकर बड़े शहरों में पढ़ाई भी कर रहे हैं लेकिन कई ऐसे छात्र हैं जिनके पास इतनी फीस भरने के लिए रुपये नहीं हैं. ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन प्रतिभावान विद्यार्थियों को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए एक शिक्षक ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है. प्रतिभाओं को नई उड़ान देने के लिए इस शिक्षक ने अपने विद्यार्थियों के लिए जो किया है वह किसी जूनून से कम नहीं है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं श्रीगंगानगर के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय महाविद्यालय में पदस्थापित शिक्षक सीपी जांदू की, जिन्होंने प्रतिभाओं के हुनर को तराशने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है. सीपी जान्दू के समर्पण को देखकर ही राजस्थान सरकार उन्हें उच्च शिक्षा के क्षेत्र के सबसे बडे़ राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया है. जयपुर में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने यह सम्मान उन्हें प्रदान किया है. सीपी जांदी लंबे समय से महाविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग देते हैं. इसके साथ ही उन्होंने खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए अपने खर्च पर एक खेल मैदान भी तैयार करवाया है. जिसमें खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के साथ खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जाता है.
प्रकृति प्रेमी भी हैं शिक्षक जांदू
इसके अलावा शिक्षक सीपी जांदू को प्रकृति से भी बहुत प्यार है. तभी इन्होंने महाविद्यालय में खुद के पैसे खर्च करके पार्कों का निर्माण और पेड़-पौधे लगवाए हैं. जांदू सर की निशुल्क कोचिंग में पढ़ाई कर अनेक विद्यार्थियों ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की है. महाविद्यालय में ही 8 वर्ष पूर्व 'उड़ान' नाम से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग शुरू की गई थी. अब यह कोचिंग उच्च शिक्षा विभाग के अधीन कार्य कर रही है. यहां निशुल्क कोचिंग से तैयारी कर कई विद्यार्थी आईएएस, आरएस, बैंक मैनेजर, सब इंस्पेक्टर, एसएससी, स्कूल व्याख्याता, पटवारी, ग्रामसेवक, शिक्षक आदि पद पर कार्यरत हैं.
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18 लाख लोन लेकर तैयार कराया खेल मैदान
शिक्षक सीपी जान्दू ने बच्चों की पढ़ाई के साथ उनके समग्र विकास पर ध्यान दिया. पढ़ाई के साथ-साथ खेल के क्षेत्र में भी विद्यार्थियों को बढ़ावा देने के लिए इन्होने बैंक से 18 लाख रुपए का ऋण लेकर महाविद्यालय में खेल मैदान तेयार करवाया है. महाविद्यालय की खाली पड़ी 40 बीघा जमीन के हिस्सों पर अतिक्रमण व मलवा डला हुआ था. जिसमें बडे़-बडे़ गड्ढे और कटीली झाड़ियां थींं. उन्होंने अपने खर्च पर भूमि को समतल करवाकर मैदान को खिलाडि़यो के लिए तैयार कराया. इसका परिणाम ये रहा कि लगभग 20 बच्चों का चयन सेना में हो चुका है और पूरे जिले से बच्चे यहां खेलने आते हैं. इस खेल ग्राउंड के निर्माण के लिए उन्होंने अपनी गाड़ी तक बेच दी और 5 लाख रुपए का पर्सनल लोन बैंक से लिया.
कई खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड, सिल्वर मेडल
जांदू सर ने खेल ग्राउंड में लड़के और लड़कियों के लिए निशुल्क हैंडबॉल का प्रशिक्षण शुरू किया. उन्होंने न केवल श्रीगंगानगर जिले के बल्कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के हैंडबॉल प्रतियोगिता में महिला और पुरुष टीमों का प्रशिक्षण खुद के खर्च पर कराया. जान्दू सर की टीम मैनेजर के रूप में उपलब्धियां बेहतरीन रही. इस दौरान 2011-12 में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की महिला हैंडबॉल टीम ने वेस्ट जोन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी प्राप्त किया. इसी तरह पुरुषों की टीम ने सिल्वर मेडल हासिल किया. 2013-14 में महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की महिला हैंडबॉल टीम ने वेस्ट जोन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल और पुरुषों की टीम ने सिल्वर मेडल प्राप्त किया. 2013-14 में ही महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की पुरुष वर्ग की टीम ने जयपुर में आयोजित ऑल इंडिया हैंडबॉल प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त किया.
चंद्रपाल जांदू ऐसे शिक्षक हैं जो अपनी पूरी सैलरी गरीब विद्यार्थियों की कामयाबी और महाविद्यालय के विकास के लिए खर्च करते रहे हैं. वर्तमान में लाखों रुपए का कर्ज है फिर भी विद्यार्थियों को महाविद्यालय के विकास में लगे हुए हैं. चंद्रपाल जान्दू ऐसे शिक्षक हैं जो सुबह से शाम तक विद्यार्थियों और महाविद्यालय के विकास के लिए कॉलेज में रहते हैं. सीपी जान्दू की तमाम उपलब्धियों व जुनून को देखते हुए राजस्थान सरकार ने उन्हें शिक्षक सम्मान देखकर उनका हौसला बढ़ाया है.