श्रीगंगानगर. केंद्र सरकार की ओर से हमेशा से ही देश के खिलाड़ियों के कुछ न कुछ किया जाता रहा है. ऐसा ही कुछ श्रीगंगानगर में भी देखने को मिल रहा है. सरकार की ओर से जिले में करोड़ों रुपयों की लागत से महाराजा गंगा सिंह स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बनाया जा रहा है, जो अब अपने अंतिम चरण में है. 7 करोड़ 30 लाख रुपए की लागत से बनकर तैयार होने वाले इस आधुनिक ट्रैक से आने वाले दिनो में यहां के खिलाड़ियों को बेहतरीन फायदा मिलने वाला है.
इस सिंथेटिक ट्रैक को बनवाने को लेकर सांसद निहालचंद मेघवाल ने काफी प्रयास किए हैं. वहीं, अंतिम चरण में पहुंचा ट्रक का कार्य पूरा होने के बाद इसका उद्घाटन खेल मंत्री द्वारा करवाया जाएगा. इसके लिए सांसद निहालचंद मेघवाल ने ट्रैक निर्माण का जायजा लेने के लिए महाराजा गंगासिंह स्टेडियम में पहुंच दौरा किया. इस दौरान सांसद ने खिलाड़ियों के लिए बनाए जा रहे इस आधुनिक ट्रैक के शुरू होने से यहां की प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिलने की उम्मीद भी जताई है.
पढ़ें- लंदन की धरती पर भारतीय संस्कृति की धूम, परंपरागत तरीके से दादा खेड़ा को लगाई धोक
बता दें कि महाराजा गंगासिंह स्टेडियम में पूर्व में बने मिट्टी के मैदान पर इस ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है. इसके चारों ओर से मैदान पर लगभग 10 फीट की जगह बचेगी, जहां लगभग 500 मीटर का ग्राफ ट्रैक बनाया जाएगा. इस पर पोल वोल्ट रनवे डी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा मैदान पर ट्रैक के अलावा एथलेटिक्स के अन्य इवेंट जैसे लंबी कूद, ट्रिपल जंप, हैमर थ्रो आदि के भी कोर्ट स्थापित किए जाएंगे. इसके साथ ही मैदान की पानी निकासी व्यवस्था के लिए ड्रेनेज सिस्टम भी स्थापित किया गया है.
राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन की ओर से दिल्ली की शिवनरेश ट्रांसपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से ट्रैक का निर्माण करवाया जा रहा है. इस संबंध में सांसद निहालचंद कहते हैं कि यहां के खिलाड़ियों की भावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार से बजट मंजूर करवा कर ट्रैक बनाया जा रहा है. खिलाड़ियों की मांग के अनुसार ये ट्रैक बनकर लगभग तैयार ही है. आने वाले दिनों में यहां के खिलाड़ियों के लिए इस ट्रैक को खोला जाएगा, जिससे यहां के खिलाड़ी इस ट्रैक का फायदा लेकर जिले का देश-दुनिया में नाम रोशन करेंगे.
पढ़ें- श्रीगंगानगर: गुरुद्वारा भूमि से रिसीवर हटाने की मांग, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
दरअसल, ट्रैक बनने से पहले यहां के खिलाड़ियों को तैयारी करने के लिए बाहर जाना पड़ता था. ऐसे में ट्रैक बनने के बाद जिले के आसपास के खिलाड़ी भी यहां एक साथ अभ्यास कर सकेंगे. इसके साथ ही मैदान में लाइट की व्यवस्था करवा दी गई है, जिससे खिलाड़ी अब रात में भी अभ्यास कर सकेंगे.
एथलेटिक्स कोच सुरेंद्र विश्नोई का कहना है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं सिंथेटिक ट्रैक पर खेली जाती है. ऐसे में मिट्टी एवं ग्रास ग्राउंड पर तैयारी करने वाले खिलाड़ी इन प्रतियोगिताओं में पिछड़ जाते हैं. लेकिन अब वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान पर अभ्यास कर सकेंगे. इससे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी बेहतर परिणाम आएंगे. कोच विश्नोई का कहना है कि वे ट्रैक शुरू होने के बाद जल्द ही यहां से अंतरराष्ट्रीय लेवल के खिलाड़ी तैयार करके जिले का नाम देश-दुनिया में रोशन करेंगे.