श्रीगंगानगर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए श्रीगंगानगर में खनिज विभाग के सहायक अभियंता और उसके सहायक को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. रिश्वत की यह राशि किसान से परमिट जारी करने की एवज में मांगी गई थी. परिवादी किसान जरनैल सिंह ने भूमि सुधार जिप्सम की परत हटाकर जिप्सम निकालने के लिए परमिट जारी करवाने के लिए दो साल पहले ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसमें सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी रिश्वतखोर खनिज अधिकारियों ने परमिट जारी करने के एवज में रिश्वत की मांग की.
आरोपी सहायक खनिज अधिकारी छगनलाल व कनिष्ठ सहायक रामनिवास ने जिप्सम पट्टा जारी करने के लिए 50 हजार रिश्वत की राशि की मांग की थी. एसीबी अधिकारी वेद प्रकाश लखोटिया ने बताया कि विजयनगर कस्बे के किसान जरनैल सिंह ने ब्यूरो चौकी में आकर बताया कि उसकी तहसील में कृषि भूमि में जिप्सम होने के कारण भूमि सुधार आवश्यक है. राज्य सरकार की नीति के तहत जिप्सम हटाने के लिए जिप्सम परमिट लेना पड़ता है. खनिज विभाग में उसने 2 वर्ष पहले ऑनलाइन आवेदन किया था. लेकिन सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी खनिज विभाग के अधिकारी उसे लगातार चक्कर लगवा रहे है.
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किसान ने एसीबी को बताया कि अधिकारी जिप्सम परमिट जारी करने की एवज में रिश्वत की मांग कर रहे है. जिस पर एसीबी ने सत्यापन करवाया तो सत्यापन के दौरान सहायक खनिज अभियंता छगनलाल द्वारा 50,000 की रिश्वत राशि की मांग की गई. उसके बाद अपने सहायक रामनिवास के माध्यम से 30000 की रिश्वत लेने की सहमति बनी. जिस पर 10000 रुपए सत्यापन के दौरान दिए गए.
उसके बाद एसीबी ने जाल बिछाते हुए 20000 रुपए लेते दोनों रिश्वतखोर अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. एसीबी अब इस पूरे मामले में यह जानने में जुटी है कि ऐसे कितने ऑनलाइन आवेदन हैं जिनमें तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी उन्हें परमिट जारी नहीं हुआ. एसीबी ने दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है.