श्रीगंगानगर. जिले में एक निजी ट्रेवल्स की बस में अतिरिक्त टैंक बनाकर डीजल-पेट्रोल की तस्करी करने का मामला सामने आया है. मामले में जिला कलेक्टर के निर्देश पर शनिवार को रसद विभाग ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में कार्रवाई करते हुए बस को सीज कर दिया है.
बता दें कि एसएस बराड़ ट्रेवल्स की बस में पंजाब से अवैध रूप से तस्करी कर डीजल-पेट्रोल श्रीगंगानगर लाया जा रहा था. जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते को सूचना मिली थी कि आरजे 13 पीए 6200 नंबर की एक निजी ट्रेवल्स की बस में पंजाब से डीजल-पेट्रोल की तस्करी की जा रही है. जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बस में यात्रा करने वाले यात्रियों की जान माल को भी नुकसान हो सकता है.
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सूचना पर जिला कलेक्टर ने जिला रसद अधिकारी को गोपनीयता से मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने प्रवर्तन अधिकारी विजेंद्र और सुरेश कुमार को बस की तलाशी लेकर पूरी जांच करने के निर्देश दिए थे.
शनिवार को प्रवर्तन अधिकारी सुरेश कुमार ने इस बस का पीछा किया तो पता चला कि यह बस पंजाब क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप पर ऑयल डलवाने के लिए घंटों तक खड़ी रही. टीम ने बस पर लगातार नजर बनाए रखी. बराड़ ट्रेवल्स की यह बस दोपहर बाद जब पंजाब क्षेत्र से ऑयल लेकर श्रीगंगानगर शहर में नेहरू पार्क के नजदीक बीएसएनएल दफ्तर के पास आकर खड़ी हो गई, तब रसद विभाग की टीम ने बस की जांच की तो उसमें डीजल-पेट्रोल से भरकर अवैध रूप से लाए गए गैलन मिले.
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बस की गहनता से जांच की तो उसमें एक अतिरिक्त ऑयल का टैंक लगा हुआ मिला. जिसमें, बड़ी मात्रा में डीजल-पेट्रोल भरा हुआ था. वहीं बस के पीछे की साइड में चार छोटे ड्रम डीजल पैट्रोल से भरे हुए मिले. रसद विभाग की टीम को देखकर ड्राइवर मौके से फरार हो गया तो वहीं अधिकारियों ने बस में बैठे कंडक्टर को तस्करी करके लाए गए ऑयल के बारे में पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया. इस पर बस कंडक्टर को रसद विभाग अधिकारी बस के साथ कोतवाली थाना ले आए.
रसद अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि राजस्थान के मुकाबले पंजाब में डीजल 9 रुपये और पेट्रोल 4 रुपये सस्ता है. जिसके चलते डीजल पेट्रोल की तस्करी हो रही है. फिलहाल रसद विभाग ने बस में बनाए गए अतिरिक्त टैंक से लाए गए हजारों लीटर डीजल-पेट्रोल को जब्त कर आगे की कार्रवाई की जा रही है. वहीं परिवहन विभाग इस मामले में गहनता से जांच कर पता लगाने में जुटा हुआ है कि बस किसके नाम है और बस का परमिट कहां का है.