श्रीगंगानगर. केंद्र और राज्य स्तरीय उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में रोडवेज डिपो के बाहर श्रमिक संगठनों ने धरना शुरू किया है. धरने में रोडवेज के संयुक्त कर्मचारी मोर्चा और जोधपुर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ से जुड़े कर्मचारी शामिल है. धरना दे रहे कर्मचारियों ने बताया कि सरकार की ओर से रोडवेज, विद्युत निगम आदि उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी सरकार कर रही है.
जिसके विरोध में 24 से 30 जुलाई तक प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. विभिन्न संगठनों ने मांग की है कि सभी राज्य परिवहन निगमों को राज्य सरकार में विलय कर दिया है. इसलिए प्रदेश में भी निगम कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए.
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धरना दे रहे लोगों का कहना है कि निगम में राज्य सरकार के अनुरूप सातवां वेतनमान लागू करने, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जुलाई 2016 से बकाया परिलाभों का शीघ्र भुगतान करने, देशभर की परिवहन व्यवस्था में एकरूपता लाने के लिए राष्ट्रीय परिवहन नीति लागू करने, राज्य परिवहन निगम की जनसेवा कार्यों को देखते हुए निगम को टोल टैक्स, सेवा टेक्स, कॉरपोरेट टैक्स, इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स आदि सभी कर से मुक्त करने, निगम के प्रबंधन संचालन के लिए आईटीएस कैडर की स्थापना की जाए. सभी राज्य परिवहन निगम कर्मियों को राज्य कर्मियों के अनुसार पुरानी पेंशन सुविधा दी जाए.
बता दें कि भारतीय मजदूर संघ और भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के तमाम पदाधिकारी धरने में शामिल हो रहे हैं. धरने का नेतृत्व विद्युत वितरण निगम संघ की तरफ से बलौर सिंह, कुलविंदर सिंह ग्रेवाल सहित समस्त पदाधिकारी कर रहे है.