श्रीगंगानगर. गंगानगर लोकसभा सांसद निहालचन्द ने गुरुवार को संसद भवन नई दिल्ली में आयोजित जल संसाधन संबंधी स्थायी समिति की बैठक में जल शक्ति मंत्रालय के उच्च अधिकारीयों के समक्ष पंजाब द्वारा राजस्थान की नहरों में आ रहे दूषित जल के विषय में प्रेसेंटेशन दिया. इस दौरान उन्होंने अवगत करवाया कि श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ समेत राजस्थान के लगभग 12 जिलें इस प्रदूषित जल से प्रभावित है.
सांसद ने कहा कि इन जिलों के लोग पिछले काफी समय से इस दूषित पानी की मार झेल रहे हैं. केमिकल युक्त इस गंदे पानी से इन क्षेत्रों में कैंसर, पीलिया, चर्म आदि रोगों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. डाॅक्टरों व विशेषज्ञों के द्वारा इस प्रदूषित पानी के निरंतर सेवन से किडनी फेल और गर्भपात जैसी गंभीर समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है. सांसद निहालचंद ने समिति को बताया कि राजस्थान में प्रतिवर्ष नहरों की मरम्मत हेतु नहर बंदी की जाती है. इस वर्ष भी यह नहर बंदी 22 मार्च से अगले 60 दिनों के लिए की गई है. इस बंदी से पहले ही पंजाब द्वारा दूषित जल राजस्थान की नहरों में प्रवाहित हो चुका है. अब यहां के निवासियों को मजबूरन इस दूषित जल को ही उपयोग करना पड़ेगा. राजस्थान में वैसे भी पानी की समस्या प्रमुख है और अब दूषित जल के कारण यहां के निवासियों को और ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
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सांसद ने समिति के अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल (सांसद) समेत जल शक्ति मंत्रालय के उच्च अधिकारीयों से आग्रह किया कि केंद्र सरकार द्वारा एक स्पेशल जांच टीम गठित कर उसको पंजाब व राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर इन नहरों का दौरा कराये और जांच कर जल्द से जल्द उचित कार्यवाही करते हुए राजस्थान प्रदेश को इस दूषित जल से निजात दिलाई जाए.