श्रीगंगानगर. राज्य की गहलोत सरकार एक ओर जहां 2 साल पूरे होने का जश्न मना रही है. वहीं, राजस्व विभाग की अंतिम कड़ी कहे जाने वाले पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं. सरकार के 2 साल का कार्यकाल पूरा होने पर सरकार के मंत्री हर जिले में जाकर 2 साल में हुए विभिन्न कार्यों, सरकारी नौकरियों और तमाम प्रकार के विकास कार्यो का गुणगान कर रहे हैं. वहीं, कर्मचारी अपनी मांगों के पूरा नहीं होने पर आक्रोश प्रकट करके सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रहे हैं.
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राजस्व विभाग से जुड़े पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर इन दिनों सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर मांगें पूरी करने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में जिले भर के जिला मुख्यालय पर पटवारियों ने मंगलवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर आक्रोश प्रकट किया.
मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में राजस्थान पटवार संघ ने सरकार के साथ पूर्व में हुए समझौते पर प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की है. संघ ने आरोप लगाया कि समझौतों को लागू करने तथा मांगों एवं समस्याओं के निस्तारण के संबंध में वर्ष भर से पटवारी लगातार विज्ञापनों जनप्रतिनिधियों के मार्फत सरकार को मांग पत्र भेज रहे हैं. वहीं, पटवारियों ने अपनी मांगों को लेकर सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन एवं काली पट्टी लगाकर विरोध प्रकट किया.
पटवार संघ ने पटवारी की वेतन विसंगति में सुधार, पूर्व में हुए समझौतों एवं पटवारी के कार्य की बहुआयामी राजस्व प्रशासनिक तकनीकी प्रगति के मद्देनजर ग्रेड पे 3600 करने की मांग रखी है. मांग है कि एसीपी योजना के अंतर्गत 9-18-27 वर्ष की सेवा अवधि के स्थान पर 7-14-21-32 की सेवा अवधि पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ देते हुए पदोन्नति पद का वेतनमान दिया जाए. संगठन के साथ पूर्व में सभी समझौतों एवं संगठन द्वारा समय-समय पर दिए गए ज्ञापन को निस्तारण किया जाए.