श्रीगंगानगर. जिस प्रकार से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से प्रशासन गंभीर है. उसी प्रकार से जिन जिलों में अब तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाए गए है. उन जिलों के लिए अब और भी चुनौती खड़ी हो गई है. ताकि कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं आए. राजस्थान के श्रीगंगानगर में भी ऐसी ही सतर्कता बरती जा रही है ताकि कोरोना की इस जंग में विजय पाई जा सके. हालांकि, लॉकडाउन-2 में प्रशासन की ओर से कुछ छूट दे रखी है लेकिन फिर भी जिला कलेक्टर की मानें तो खतरा अभी टला नहीं है.
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते का कहना है कि इस लॉकडाउन में लोगों ने हमारा पूरा सहयोग किया है. आगे भी इसी तरह से सभी सहयोग करते रहें. उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक पॉजिटिव केस नहीं आया है, लेकिन खतरा अभी तक बना हुआ है. वहीं, आसपास के जिलों में पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, जिससे जिले में भी पॉजिटिव केस आने की संभावनाएं अब श्रीगंगानगर जिले में भी बढ़ रही है. ऐसे समय में जिले की बॉर्डर सील कर दी गई है. केवल मेडिकल, इमरजेंसी सेवाओ के अलावा कोई आवागमन नहीं हो रहा है.
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कलेक्टर ने कहा कि जिला मुख्यालय पर पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर, सोडियम हाइपोक्लोराइड पूर्ण रूप से उपलब्ध है. सुरक्षा के साधनों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और ना ही उसमें किसी प्रकार की धनराशि या संसाधनों की कमी है. उन्होने कहा कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन है और हमारे चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी लगातार काम कर रहे है.
श्रीगंगानगर जिला ग्रीन जोन में आने के सवाल पर जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्रीन जोन भले ही हो, लेकिन हमें इस बात को देखकर रिलैक्स नहीं रहना चाहिए, कि खतरा टल गया है. अगर ऐसा सोचेंगे तो ये हम सबकी सबसे बड़ी गलती है. क्योंकि, हमारे जिले का दूसरे राज्यों और जिलों का भी बॉर्डर एरिया लगता है. ऐसे में हमें और ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. साथ ही जिले की सीमा से लगता हुआ पंजाब राज्य भी है, सीमा से 2 जिले हनुमानगढ़ और बीकानेर में भी पॉजिटिव केस आ चुके हैं. ऐसे में सतर्कता और बढ़ाना जरूरी है. ऐसी परिस्थिति में खतरा और बढ़ गया है और हमें सतर्क रहते हुए आगे पॉजिटिव केस के संबंध में आवश्यक तैयारी करनी चाहिए.
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साथ ही कलेक्टर ने कहा कि जिला स्तर पर पीपीई किट, मास्क सब प्राप्त हो चुके हैं. उसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी इन चीजों की खरीद हो चुकी है. साथ ही कहा कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकार की जो गाइडलाइन आई है, उसके अनुसार प्लान बना रहे हैं. वहीं, किसानों की खरीद के लिए हमारे पूरे जिले की 14 मंडियां है, उनमें खरीद चालू हो गई है. इसके साथ ही वहां सोशल डिस्टेंसिंग का फॉर्मूला अपनाया गया है, ताकि खरीद के दौरान भीड़ ना हो.