श्रीगंगानगर. जिले में गुरुवार को भाजपा पार्षदों की ओर से नगर परिषद आयुक्त प्रियंका बुडानिया के खिलाफ जयपुर स्वायत शासन विभाग के निदेशक के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा गया. बताया जा रहा है कि पार्षदों की ओर से परिषद आयुक्त की मनमानी और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग करते हुए यह ज्ञापन सौंपा है. स्वायत शासन विभाग को भेजी गयी शिकायत में नगर परिषद पार्षदों की ओर से आयुक्त प्रियंका बुडानिया और सभापति करुणा चांडक पर गंभीर आरोप लगाए.
पार्षदों ने शिकायत में कहा है कि नगर परिषद आयुक्त पद पर जब से प्रियंका बुडानिया को लगाया गया है, तब से वह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और पार्षदों की उपेक्षा और उनके साथ दुर्व्यवहार कर रही हैं. उन्होंने कहा कि आयुक्त बुडानिया नगर परिषद को चांडक प्राइवेट लिमिटेड की तरह चला रही है. नगर परिषद का बोर्ड बने 6 महीने बीच चुके है. लेकिन अब तक एक भी साधारण सभा की बैठक नहीं रखी गई है.
उन्होंने कहा कि सभापति के इशारे पर आयुक्त प्रियंका बुडानिया पार्षदों की अनदेखी कर रही है. ऐसा लगता है कि पार्षदों को जनता ने चुनकर नहीं भेजा और लोकतंत्र नगर परिषद में नहीं है. किसी भी निर्णय में आयुक्त प्रियंका बुडानिया पार्षदों से और विपक्षी पार्षदों से चर्चा तक नहीं करती है, सीधे मनमानी निर्णय लेती हैं.
साथ ही शहर में बिना टेंडर के ही करोड़ों रुपयों के निर्माण कार्य चालू करवा रखे हैं. मिलीभगत कर चहेते ठेकेदारों से कार्य करवाए जा रहे हैं, टेंडर आवंटन में भी भारी धांधली की जा रही है. पार्षदों का कहना है कि जिस फर्म को टेंडर मिलता है, उसे केवल बिल लेकर नकद भुगतान किया जा रहा है.
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परिषद में हुए 16 कार्यों के टेंडर का वर्क ऑर्डर इसलिए नहीं दिया जा रहा है कि टेंडर सभापति और आयुक्त के चहेते ठेकेदारों को नहीं मिला. क्योंकि, जिन को टेंडर मिला है, उससे आयुक्त और सभापति को कोई फायदा नहीं हो रहा है, जिसके चलते टेंडर कैंसिल करने की तैयारी की जा रही है. उनका आरोप है कि आयुक्त बुडानिया और सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए सरकार की रोक के बावजूद भू उपयोग परिवर्तन मनमाने तरीके से कर रही है.