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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप के विरोध में श्रीगंगानगर में बंद रहे बाजार

उत्तरप्रदेश के हाथरस में हुए युवती के साथ दुष्कर्म को लेकर लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. वहीं, श्रीगंगानगर में भी शुक्रवार को हाथरस की घटना के विरोध में सर्व समाज के आह्वान पर शहर के सभी बाजार बंद रहे. इस दौरान बंद समर्थकों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की.

राजस्थान न्यूज, sriganganagar news
हाथरस में हुए मामले के विरोध में श्रीगंगानगर में बाजार हुए बंद
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Published : Oct 2, 2020, 8:00 PM IST

श्रीगंगानगर. उत्तरप्रदेश के हाथरस की घटना के विरोध में शुक्रवार को सर्व समाज के आह्वान पर शहर के बाजार बंद रहे. हाथरस की निर्भया को न्याय दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को बंद के आह्वान पर श्रीगंगानगर में सभी बाजार बंद रहे.

हाथरस में हुए मामले के विरोध में श्रीगंगानगर में बाजार हुए बंद

वहीं, बंद के दौरान शहर के अलावा गली मोहल्लों की दुकानें भी बंद रही. इससे पहले गुरुवार को जीनगर धर्मशाला में हुई सर्व समाज की बैठक में सर्वसम्मति से शहर बंद का निर्णय लिया गया था. बंद का आह्वान करने वालों ने अंबेडकर चौक पर सभा की. जिसमें पुलिस की पूरी चौकसी थी.

बता दें कि शहर के विभिन्न हिस्सों में टोलियों के रुप में दुकानें बंद करवाई गई. सुबह से शाम तक बंद के दौरान गांधी चौक, अंबेडकर चौक और आस-पास के बाजार बंद रहे, लेकिन अधिकांश दुकानदार दुकानों के बाहर बैठे सभा खत्म होने का इंतजार कर रहे थे कि कब सभा खत्म हो और कब दुकानें खोली जाए.

बन्द के दौरान कई जगहों पर अनेक दुकानदार दुकान का आधा शटर खोल के कामकाज कर रहे थे. चर्चाओं में ये बात भी सामने आई कि हाथरस की घटना में श्रीगंगानगर के बाजार बंद करने का क्या औचित्य है. उधर बन्द के एलान के दौरान सब्जी मंडी में काम हुआ तो वहीं पूरे शहर में सब्जी के ठेले आम दिनों की तरह लगे. दूध की आवाजाही भी प्रतिदिन की तरह हुई.

वहीं, सड़कों पर आवागमन पर भी कोई असर नहीं पड़ा. यहां तक कि बाजार में भी आवागमन खूब था. उधर बन्द के दौरान जय भीम जय भीम के नारों के बीच अंबेडकर चौक पर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के पीछे हुई सभा में अनेक वक्ताओं ने भाषण में हाथरस कांड की निंदा करते हुए दोषियों को कड़ा दंड देने की मांग की.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: मानदेय बढ़ाने को लेकर एनएचएम नर्सिंगकर्मियों ने किया प्रदर्शन

बंद समर्थकों ने कहा कि हाथरस की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. ऐसे में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि पीड़िता की आत्मा को शांति मिल सके. वहीं, भविष्य में इस प्रकार की घटना पर रोक लगाने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए.

बता दें कि बन्द के दौरान हुई सभा में फिजिकल डिस्टेंस की अनदेखी हो रही थी. मास्क भी बहुत कम व्यक्तियों ने लगा रखा था. करोना संक्रमण को देखते हुए बंद समर्थकों ने किसी प्रकार की गाइडलाइन की पालना पूरी नहीं की. ऐसे में संक्रमण का खतरा बड़े समूह में कभी भी फैल सकता है.

श्रीगंगानगर. उत्तरप्रदेश के हाथरस की घटना के विरोध में शुक्रवार को सर्व समाज के आह्वान पर शहर के बाजार बंद रहे. हाथरस की निर्भया को न्याय दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को बंद के आह्वान पर श्रीगंगानगर में सभी बाजार बंद रहे.

हाथरस में हुए मामले के विरोध में श्रीगंगानगर में बाजार हुए बंद

वहीं, बंद के दौरान शहर के अलावा गली मोहल्लों की दुकानें भी बंद रही. इससे पहले गुरुवार को जीनगर धर्मशाला में हुई सर्व समाज की बैठक में सर्वसम्मति से शहर बंद का निर्णय लिया गया था. बंद का आह्वान करने वालों ने अंबेडकर चौक पर सभा की. जिसमें पुलिस की पूरी चौकसी थी.

बता दें कि शहर के विभिन्न हिस्सों में टोलियों के रुप में दुकानें बंद करवाई गई. सुबह से शाम तक बंद के दौरान गांधी चौक, अंबेडकर चौक और आस-पास के बाजार बंद रहे, लेकिन अधिकांश दुकानदार दुकानों के बाहर बैठे सभा खत्म होने का इंतजार कर रहे थे कि कब सभा खत्म हो और कब दुकानें खोली जाए.

बन्द के दौरान कई जगहों पर अनेक दुकानदार दुकान का आधा शटर खोल के कामकाज कर रहे थे. चर्चाओं में ये बात भी सामने आई कि हाथरस की घटना में श्रीगंगानगर के बाजार बंद करने का क्या औचित्य है. उधर बन्द के एलान के दौरान सब्जी मंडी में काम हुआ तो वहीं पूरे शहर में सब्जी के ठेले आम दिनों की तरह लगे. दूध की आवाजाही भी प्रतिदिन की तरह हुई.

वहीं, सड़कों पर आवागमन पर भी कोई असर नहीं पड़ा. यहां तक कि बाजार में भी आवागमन खूब था. उधर बन्द के दौरान जय भीम जय भीम के नारों के बीच अंबेडकर चौक पर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति के पीछे हुई सभा में अनेक वक्ताओं ने भाषण में हाथरस कांड की निंदा करते हुए दोषियों को कड़ा दंड देने की मांग की.

पढ़ें- श्रीगंगानगर: मानदेय बढ़ाने को लेकर एनएचएम नर्सिंगकर्मियों ने किया प्रदर्शन

बंद समर्थकों ने कहा कि हाथरस की घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. ऐसे में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि पीड़िता की आत्मा को शांति मिल सके. वहीं, भविष्य में इस प्रकार की घटना पर रोक लगाने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए.

बता दें कि बन्द के दौरान हुई सभा में फिजिकल डिस्टेंस की अनदेखी हो रही थी. मास्क भी बहुत कम व्यक्तियों ने लगा रखा था. करोना संक्रमण को देखते हुए बंद समर्थकों ने किसी प्रकार की गाइडलाइन की पालना पूरी नहीं की. ऐसे में संक्रमण का खतरा बड़े समूह में कभी भी फैल सकता है.

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