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जयपुर से श्रीगंगानगर पहुंचा अष्टधातु का बना महाराज गंगासिंह का स्टैच्यू

जयपुर से पंच धातु में बनकर महाराजा गंगासिंह का विशाल स्टेच्यू शनिवार को श्रीगंगानगर पहुंचा. एडीएम प्रशासन भवानी सिंह ने यह स्टैच्यू रिसीव किया. पूजा अर्चना करने के बाद इस स्टैच्यू को शिवपुर हेड पर बनाए जा रहे मेमोरियल में लगाया जा रहा है.

Statue of Maharaja Ganga Singh, Statue of Ashtadhatu of Maharaja Ganga Singh
जयपुर से श्रीगंगानगर पहुंचा अष्टधातु का बना महाराज गंगासिंह का स्टैच्यू
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Published : Mar 14, 2021, 3:51 AM IST

श्रीगंगानगर. महाराजा गंगासिंह का स्टेच्यू श्रीगंगानगर पहुंचा. जयपुर से पंच धातु में बनकर महाराजा गंगासिंह का विशाल स्टेच्यू शनिवार को श्रीगंगानगर पहुंचा. एडीएम प्रशासन भवानी सिंह ने यह स्टैच्यू रिसीव किया. पूजा अर्चना करने के बाद इस स्टैच्यू को शिवपुर हेड पर बनाए जा रहे मेमोरियल में लगाया जा रहा है.

जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के अथक प्रयासों से स्टेच्यू का निर्माण हुआ है. 12 नवंबर को जिला कलेक्टर ने धनतेरस के शुभ अवसर पर इस मेमोरियल का भूमि पूजन किया था. चार महीनों के भीतर यह मेमोरियल बनकर तैयार हो जाएगा. महाराजा गंगासिंह की अष्ट निर्मित धातु से बनी यह मूर्ति जयपुर से रवाना होकर शनिवार सुबह शिवपुर हेड पर पहुंची है. श्रीगंगानगर के किसान महाराजा गंगासिंह को अपना आदर्श मानते हैं.

पढ़ें- सरसों मंडी में ज्यादा भाव खुलने से लगी किसानों की भीड़, किसानों ने किया हंगामा, विश्वेंद्र सिंह ने पहुंचकर लिया जायजा

जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने बताया कि 26 अक्तूबर 1927 के ऐतिहासिक अवसर पर गंगनहर में पानी छोड़ा गया था, तो उस वक्त बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदनमोहन मालवीय, वायसराय लाॅर्ड इरविन अपनी पत्नी सहित व महाराजा गंगासिंह अपनी पत्नी सहित मौजूद थे. यह नहर सतलुज नदी से पंजाब के फिरोजपुर के हुसैनीवाला से निकाली गई है.

श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर शनिवार को 365 हेड के दौरे पर थे, तब उन्होंने इस इलाके की हरियाली को देखा व बताया कि यहां की हरियाली आज महाराजा गंगासिंह के प्रयासों की देन है. क्योंकि पहले यह इलाका पूरी तरह रेतीला था. अतः महाराजा गंगासिंह मेमोरियल बनाकर वे उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं. शीघ्र ही महाराजा गंगासिंह मेमोरियल का लोकार्पण होगा.

श्रीगंगानगर. महाराजा गंगासिंह का स्टेच्यू श्रीगंगानगर पहुंचा. जयपुर से पंच धातु में बनकर महाराजा गंगासिंह का विशाल स्टेच्यू शनिवार को श्रीगंगानगर पहुंचा. एडीएम प्रशासन भवानी सिंह ने यह स्टैच्यू रिसीव किया. पूजा अर्चना करने के बाद इस स्टैच्यू को शिवपुर हेड पर बनाए जा रहे मेमोरियल में लगाया जा रहा है.

जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा के अथक प्रयासों से स्टेच्यू का निर्माण हुआ है. 12 नवंबर को जिला कलेक्टर ने धनतेरस के शुभ अवसर पर इस मेमोरियल का भूमि पूजन किया था. चार महीनों के भीतर यह मेमोरियल बनकर तैयार हो जाएगा. महाराजा गंगासिंह की अष्ट निर्मित धातु से बनी यह मूर्ति जयपुर से रवाना होकर शनिवार सुबह शिवपुर हेड पर पहुंची है. श्रीगंगानगर के किसान महाराजा गंगासिंह को अपना आदर्श मानते हैं.

पढ़ें- सरसों मंडी में ज्यादा भाव खुलने से लगी किसानों की भीड़, किसानों ने किया हंगामा, विश्वेंद्र सिंह ने पहुंचकर लिया जायजा

जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने बताया कि 26 अक्तूबर 1927 के ऐतिहासिक अवसर पर गंगनहर में पानी छोड़ा गया था, तो उस वक्त बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदनमोहन मालवीय, वायसराय लाॅर्ड इरविन अपनी पत्नी सहित व महाराजा गंगासिंह अपनी पत्नी सहित मौजूद थे. यह नहर सतलुज नदी से पंजाब के फिरोजपुर के हुसैनीवाला से निकाली गई है.

श्रीगंगानगर के जिला कलेक्टर शनिवार को 365 हेड के दौरे पर थे, तब उन्होंने इस इलाके की हरियाली को देखा व बताया कि यहां की हरियाली आज महाराजा गंगासिंह के प्रयासों की देन है. क्योंकि पहले यह इलाका पूरी तरह रेतीला था. अतः महाराजा गंगासिंह मेमोरियल बनाकर वे उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहते हैं. शीघ्र ही महाराजा गंगासिंह मेमोरियल का लोकार्पण होगा.

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