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श्रीगंगानगर: श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में नहीं दिखी भीड़

कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में नाम मात्र की भीड़ नजर आई. अधिकतर लोगों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शहीदी दिवस घरों पर रहकर ही मनाया. इससे पहले गुरु नानक जयंती पर भी सिख समुदाय के लोगों ने घरों से ही पर्व मनाया था.

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Published : Dec 20, 2020, 2:13 AM IST

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गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस

श्रीगंगानगर. पंजाब से सटे श्रीगंगानगर जिले में सिखों के त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में नाम मात्र की भीड़ नजर आई. अधिकतर लोगों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शहीदी दिवस घरों पर रहकर ही मनाया. इससे पहले गुरु नानक जयंती पर भी सिख समुदाय के लोगों ने घरों से ही पर्व मनाया था.

पढ़ें: प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के लिए अब दिल्ली में होगी अंतिम दौर की चर्चा, बीकानेर से डोटासरा भी हुए रवाना

जिले में इस अवसर पर गुरुद्वारा कलगीधर साहिब में समागम हुआ. मुख्य सेवादार हरजीत सिंह जॉली ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुए समागम के तहत शुक्रवार से चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब की शनिवार शाम को समाप्ति हुई. इसके बाद कीर्तन दीवान सजाया गया. इसमें भाई गुरविंदर सिंह अजनाला ने कथा करते हुए गुरु साहिब की शहादत के बारे में बताया.

रागी जत्था भाई गुरविंदर सिंह ने कीर्तन करते हुए संगत को निहाल किया. गुरुद्वारा कलगीधर हरि कीर्तन ट्रेनिंग सेंटर के बच्चों ने शब्द गायन किया. अरदास के बाद संगत के लिए चाय व पकोड़े का लंगर लगाया गया. शहीदी दिवस से पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की गाइडलाइंस की पालना को देखते हुए इस बार शहीदी गुरु पर्व पर नगर कीर्तन का आयोजन हुआ.

प्रधान हरजीत सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण मुख्य समागम भी संक्षिप्त ही रखा गया. गुरु तेग बहादुर के दिलाड़ा पर हर साल की तरह बड़ा आयोजन तो नहीं किया गया लेकिन सिख धर्म से जुड़े लोगों ने गुरुद्वारा में पहुंचकर अरदास की.

श्रीगंगानगर. पंजाब से सटे श्रीगंगानगर जिले में सिखों के त्योहारों को धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर गुरुद्वारों में नाम मात्र की भीड़ नजर आई. अधिकतर लोगों ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शहीदी दिवस घरों पर रहकर ही मनाया. इससे पहले गुरु नानक जयंती पर भी सिख समुदाय के लोगों ने घरों से ही पर्व मनाया था.

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जिले में इस अवसर पर गुरुद्वारा कलगीधर साहिब में समागम हुआ. मुख्य सेवादार हरजीत सिंह जॉली ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हुए समागम के तहत शुक्रवार से चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब की शनिवार शाम को समाप्ति हुई. इसके बाद कीर्तन दीवान सजाया गया. इसमें भाई गुरविंदर सिंह अजनाला ने कथा करते हुए गुरु साहिब की शहादत के बारे में बताया.

रागी जत्था भाई गुरविंदर सिंह ने कीर्तन करते हुए संगत को निहाल किया. गुरुद्वारा कलगीधर हरि कीर्तन ट्रेनिंग सेंटर के बच्चों ने शब्द गायन किया. अरदास के बाद संगत के लिए चाय व पकोड़े का लंगर लगाया गया. शहीदी दिवस से पूर्व कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की गाइडलाइंस की पालना को देखते हुए इस बार शहीदी गुरु पर्व पर नगर कीर्तन का आयोजन हुआ.

प्रधान हरजीत सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण मुख्य समागम भी संक्षिप्त ही रखा गया. गुरु तेग बहादुर के दिलाड़ा पर हर साल की तरह बड़ा आयोजन तो नहीं किया गया लेकिन सिख धर्म से जुड़े लोगों ने गुरुद्वारा में पहुंचकर अरदास की.

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